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एनसीएससी ने बिहार सरकार की दो दिवसीय समीक्षा बैठक की शुरू

त्रिलोकी नाथ प्रसाद:-अध्यक्ष विजय सांपला के नेतृत्व में एनसीएससी प्रतिनिधिमंडल ने अनुसूचित जाति समुदाय के लिए विभिन्न आर्थिक और सामाजिक कल्याण योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की

बिहार में संस्थागत भेदभाव, सामाजिक बहिष्कार का सामना कर रहे अनुसूचित जाति: अनुसूचित जाति के नेताओं ने सांपला को अवगत कराया

अनुसूचित जाति समुदाय को अत्याचार से बचाने और संविधान द्वारा उनको दिए गए अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (NCSC) ने आज, 18 मई 2023 को बिहार सरकार की दो दिवसीय राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक शुरू की |
एनसीएससी के प्रतिनिधिमंडल ने अपने अध्यक्ष विजय सांपला के नेतृत्व में संसद के अनुसूचित जाति के सदस्यों (सांसदों), विधान सभा के सदस्यों (विधायकों) और पूर्व-सांसदों/विधायकों के साथ-साथ अनुसूचित जाति कल्याण संघों के प्रतिनिधियों व गैर सरकारी संगठन के साथ बैठक आयोजित कर वस्तुस्थिति की जानकारी ली । नेताओं ने सांपला को राज्य में अनुसूचित जाति समुदाय के खिलाफ बढ़ते अत्याचारों और कैसे समुदाय संस्थागत भेदभाव और सामाजिक बहिष्कार का सामना कर रहा है, के बारे में अवगत कराया।

बाद में एनसीएससी ने बिहार सरकार के प्रतिनिधियों के साथ आधिकारिक बैठकों का दौर शुरू किया, जिसमें प्रदेश के मुख्य सचिव, विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के प्रधान सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। इस बैठक में एनसीएससी ने अनुसूचित जातियों के आर्थिक और सामाजिक कल्याण के लिए विभिन्न योजनाओं, केंद्र प्रायोजित योजनाओं, केंद्रीय क्षेत्र की योजनाओं और राज्य सरकार की योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की, जिसमें आवास भूमि, रोजगार, पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति और अनुसूचित जाति से संबंधित अन्य योजनाएं शामिल थी । दिन की आखिरी बैठक में एनसीएससी ने संविधान के तहत अनुसूचित जातियों को प्रदान किए गए सेवा सुरक्षा अधिकारों की समीक्षा बिहार सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ की।

समीक्षा बैठकों के दौरान विजय सांपला के साथ एनसीएससी के उपाध्यक्ष अरुण हलदर और आयोग के सदस्य सुभाष रामनाथ पारधी और अंजू बाला मोजूद रहे।

समीक्षा दौरे के दूसरे दिन 19 मई को विजय सांपला और एनसीएससी के अधिकारी अनुसूचित जाति समुदाय के खिलाफ अत्याचार के मामलों की समीक्षा करेंगे, जो अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति पीओए अधिनियम (संशोधित) के तहत पुलिस द्वारा दर्ज किये गए हैं या अदालत द्वारा निपटाए गए हैं।
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