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जलछाजन सचिवों का तीन दिवसीय क्षमता संवर्द्धन प्रशिक्षण कार्यक्रम का किया गया उद््घाटन

त्रिलोकी नाथ प्रसाद:-निदेशक, भूमि संरक्षण-सह-मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी, बिहार वाटरशेड डेवलपमेंट सोसाईटी श्री बैंकटेश नारायण सिंह द्वारा आज बामेती, पटना के सभागार में आयोजित प्रधानमंत्री कृृषि सिंचाई योजना (डब्लू॰डी॰सी॰-पी॰एम॰के॰एस॰वाई॰) के अंतर्गत जलछाजन सचिवों का तीन दिवसीय (1-3 दिसम्बर) क्षमता संवर्द्धन प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद््घाटन किया गया। इस कार्यक्रम में राज्य के कुल 08 जिले बाँका, जमुई, मंुगेर, गया, नवादा, रोहतास, कैमूर एवं औरंगाबाद के परियोजना क्षेत्र के लिए चयनित 87 जलछाजन सचिवों ने भाग लिया।

निदेशक, भूमि संरक्षण द्वारा इस कार्यक्रम के उद््घाटन भाषण में जलछाजन प्रबंधन के बारे में विस्तारपूर्वक प्रकाश डाला गया। उन्होंने कहा कि जलछाजन सचिव का चयन परियोजना अवधि के लिए जिला स्तर पर किया गया है, जिसका मुख्य उद्देश्य कार्यान्वित जलछाजन योजना को जन-जन तक पहूँचाना है तथा लोक भागीदारी को सुनिश्चित करना है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य वर्षा जल का उपयोग फसल उत्पादन के लिए सही ढंग से किये जाने के लिए तथा भू-गर्भ जल स्तर में वृृद्धि के साथ-साथ उक्त परियोजना में निवास करने वाले ग्रामिणों का सर्वांगीण विकास करना है। जलछाजन सचिव प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के जलछाजन घटक के कार्यान्वयन के लिए जिम्मेवार है। इस योजना में आच्छादित पंचायतों में कार्य करने के लिए जलछाजन सचिवों का चयन किया गया है। सभी जलछाजन सचिव अपने पंचायत क्षेत्र में इस योजना का प्रचार-प्रसार करेंगे तथा जलछाजन क्षेत्र में विकास करने वाले किसानों को इस कार्यक्रम का लाभ दिलायेंगे। इस योजना से किसान भूमि जलसंरक्षण के साथ-साथ जीविकोपार्जन तथा उत्पादन प्रणाली में सुधार कराने का कार्य कर सकेंगे।
श्री सिंह ने कहा कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में जलछाजन सचिवों को अभिलेखों का संधारण करना, जलछाजन समिति के द्वारा किये जाने वाले कार्याें में सहयोग प्रदान करना, भूमि एवं जल संरक्षण के अधीन निर्मित किये जाने वाले संरचना के बारे में जानकारी दी जायेगी। उन्होंने कहा कि पूरे जलछाजन क्षेत्र के कृृषि प्रणाली में अपेक्षित सुधार की बात बतायी जायेगी एवं ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के लिये जीविकोपार्जन की विभिन्न गतिविधियाँ यथा मुर्गीपालन, मधुमक्खीपालन, मशरूम उत्पादन से संबंधित महत्वपूर्ण विषयों की तकनीकी जानकारी दी जायेगी।

इस अवसर पर निदेशक, बामेती श्री आभांशु सी॰ जैन, संयुक्त निदेशक (कृृषि अभियंत्रण), भूमि संरक्षण-सह-प्रशासनिक पदाधिकारी, बिहार वाटरशेड डेवलपमेंट सोसाईटी श्री रवीन्द्र कुमार वर्मा, सहायक निदेशक, भूमि संरक्षण डाॅ॰ नितेश कुमार, तकनीकी विशेषज्ञ, बिहार वाटरशेड डेवलपमेंट सोसाईटी श्री सत्येन्द्र कुमार सहित अन्य पदाधिकारी एवं कर्मचारीगण उपस्थित थे।

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