किशनगंज : डीएम की अध्यक्षता में बालिका उच्च विद्यालय में चयनित विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों के साथ की समीक्षात्मक बैठक।

किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, डीएम की अध्यक्षता में बालिका उच्च विद्यालय, में द्वितीय चरण में मॉडल स्कूल के रूप में विकसित करने हेतु चयनित विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों के साथ समीक्षात्मक बैठक आहूत की गई। बैठक में जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, समग्र शिक्षा एवं सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी उपस्थित हुए। सर्वप्रथम जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि प्रथम चरण में पूर्व में जिलान्तर्गत कुल 38 विद्यालयों को मॉडल स्कूल के रूप में विकसित किया गया। तत्पश्चात् द्वितीय चरण में प्रत्येक प्रखंड से 05-05 विद्यालयों (कुल 35 विद्यालय) को चयनित कर मॉडल स्कूल के रूप में विकसित किया जाना है एवं इस संबंध में संबंधित प्रधानाध्यापकों को पूर्व के बैठकों में आवश्यक कार्य हेतु निर्देशित किया गया।
डीएम के द्वारा प्रधानाध्यापकों को विद्यालय को मॉडल स्कूल के रूप में विकसित करने हेतु निम्न निर्देशों के अनुपालन करने का दिया निर्देश।
- विद्यालय के प्रधानाध्यापकों को समय से विद्यालय आने एवं बच्चों को भी इसके लिए प्रेरित करना।
- सभी बच्चों को पोशाक में विद्यालय में आने के लिए प्रेरित करना।
- सभी प्रधानाध्यापकों को अपने विद्यालय संचालन में शत-प्रतिशत सहयोग करने/शिक्षकों से सहयोग लेने एवं अपने कार्य दायित्व के प्रति संतुष्ट होना।
- विद्यालय में उपलब्ध संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल करना।
- विद्यालय में शारीरिक शिक्षकों के सहयोग से खेल गतिविधियों का नियमित आयोजन करना।
- बच्चों को पढ़ने के प्रति ललक जगावें एवं इस संबंध में प्रेरित करें।
- जो बच्चे नियमित विद्यालय नहीं आते हैं, उनके अभिभावकों को गुरुगोष्ठी में बच्चों को नियमित विद्यालय भेजने की बात कहना।
- प्रधानाध्यापक एवं सहायक शिक्षक कक्षा लेने से पूर्व उस विषय का गहन अध्ययन करें तत्पश्चात् बच्चों को पढ़ायें।
- बच्चों को न्यूज पेपर पढ़ने एवं क्वीज, लेखन प्रतियोगिता आदि का आयोजन करावें। पुस्तकालय हेतु उपलब्ध पुस्तकों का छात्र/छात्राओं के बीच पढ़ने के लिए प्रेरित करना।
- विद्यालय शिक्षा समिति/विद्यालय प्रबंधन विकास समिति के साथ प्रत्येक माह बैठक करने।
- अनुपालन सुनिश्चित करने के साथ-साथ छात्र-छात्राओं के अभिभावकों के साथ प्रत्येक माह बैठक आयोजित करने का निदेश दिया गया।
- विद्यालय एवं वर्ग कक्ष तथा शौचालयों को साफ-सुथरा रखना।
- विद्यालय से संबंधित समस्याओं को अपने स्तर से हल करना।
अपने स्तर से हल नहीं होने की स्थिति में अपने वरीय पदाधिकारी को संज्ञान में देना एवं यथाशीघ्र विद्यालय विकास एवं प्रबंध समिति का गठन करना। जिला पदाधिकारी के द्वारा बताया गया कि एक स्कूल तभी मॉडल स्कूल बन सकता है जब प्रधानाध्यापक स्वयं अनुशासन में रहें और छात्र/छात्राओं एवं सहायक शिक्षकों को भी अनुशासन सीखने/सीखाने की बात कही गई।