यादव भाईयों से भी आग्रह है कि अपराधकर्मी के लिए समाज में जात वाद का जहर न घोले

,अपराधी,अपराधी होता और अपराधकर्मियों का कोई भी जात नही होता।
यादवों द्वारा जातिवाद का जहर समाज में घोलना बेकुफी ही नहीं नदानी भी है।
क्या यादव के साथ घटना घटने पर डीएम को सस्पेंड होना भी अपराध होता।
अनिल कुमार मिश्रा-कमीने को कौन कहा था दुल्हा- दुल्हन, पंड़ित और महिलाओं के साथ बतमीजी करे और धक्या मार कर वैवाहिक कार्य से बाहर निकाल दे।
जो हुआ वह यादव के साथ होता तो क्या त्रिपुरा डीएम के विरूद्ध कार्रवाई नहीं होना चाहिए था। डीएम के विरुद्ध जो भी हुआ वह केवल लिपा पोती हुआ, ऐसे विवेक शून्य किसी भी जात का कोई भी अधिकारी हो तो उसका स्थान जेल के सलाखो के पिछे होना चाहिए और जहाँ भी हो उसके परिवार हो, जैसा किया है वैसा ही हरकत उनके बेटा बेटी के वैवाहिक कार्य के दौरान होना चाहिए तभी कमीने लोगों को अपना औकाद पता चलेगा।
जाती वाद का हवा देने वाले यादव भाई से भी पुछना चाहता हूँ, डीएम साहब कोरोना प्रोटोकॉल के तहत कार्रवाई किये होते तो क्या त्रिपुरा डीएम आज ससपेंड हो जाते। उसका जबाब होगा कि नहीं, तो फिर कानून को हाथों मे लेकर दरिंदगी दिखानें के लिए कौन कहा था।
क्या यादवों ने इन्हें कमीनागिरी करने को कहा था। क्या यादवों के साथ ऐसी हरकत करते तो यादव द्वारा इन पर कार्रवाई की मांग नहीं किया जाता, क्या यादव के साथ घटना घटने पर डीएम को सस्पेंड होना भी अपराध होता ,अगर नहीं तब एक अपराधी के लिए जातिवाद का जहर क्यों उगल रहे हैं। किसी भी अपराधी का कोई जात नहीं होता। अपराधी, अपराधी होता है इसलिए सजा मिलनी चाहिए ।
त्रिपुरा डीएम को ससपेंड कर देना विक्लप नहीं है वहाँ के सरकार को चाहिए की डीएम के विरूद्व अपराधिक मामले दर्ज कराकर विधिसम्मत धराओ के तहत सजा दिलाये तभी पीड़ितों के साथ इंसाफ होगा।
यादवों के हमदर्द भाई तुम्ही बताओ, जो भी हुआ उसमें दुल्हा और दुल्हीन ,पंड़ित व बरातियों को क्या दोष था। परमिशन कब तक का था और परमिशन के विरूद्ध लड़की वाले विवाह क्यों रचा रहे थे इसकी जबाब देह लड़की पक्ष वाले के विरुद्ध शादी संपन्न कराकर भी कानूनी कार्रवाई हो होता था। हमारे समाज में बहुचर्चित हैं खाते समय कुत्तों को भी नहीं मारना चाहिए, कहाँ गया था कमीने डीएम का मानवता । जब आतंकवादी को विवाह अपने बच्चियो को करने के लिए समय दिया जा सकता है तो सधारण गलति करने वाले यानी कोराना प्रोटोकॉल का उलंघन करने वाले को अपने बच्ची को शादी संपन्न कराने का समय क्यों नहीं दिया जा सकता।
यादव भाईयों से भी आग्रह है कि समाज में जात वाद का जहर न घोले,त्रिपुरा डीएम के दरिंदगी पर अपराधिक मामले दर्ज कर
विधिसंम्मत धराओं के तहत समुचित सजा त्रिपुरा डीएम को
दिलाने का माँग सभी समाज के लोग सरकार से करेंँ।
जनमानस की प्रतिक्रिया व कार्रवाई की माँग, किसी भी जात का अपराधकर्मी के बचाव में जातवाद का लहर समाज में बने, यह किसी भी जात के लिए शोभा देता है क्या ?