प्रमुख खबरें

*अंगिका को मिले संवैधानिक दर्जा:अंगिका समाज*

*अंगिका समाज का एकदिवसीय धरना सम्पन्न*

अंगिका भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर विशाल धरना

श्रुति मिश्रा/ समाहरनालय परिसर में अंगिका को आठवीं अनुसूची में शामिल करने सहित अन्य मांगों को लेकर अंगिका समाज के सैकड़ों लोगों ने धरना दिया ।धरना का आरंभ सूरज कुमार जायसवाल के द्वारा अंग देश गीत प्रभात संगीत गायन के साथ हुआ ।इसके बाद बारी बारी से वक्ताओं ने अपनी अपनी बात रखी ।कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे पूर्व वाणिज्य कर आयुक्त सह अंगिका समाज के संरक्षक कैलाश ठाकुर ने कहा कि अंगिका प्राचीन काल से हीं अंग देश के लोगों की भाषा है सरकार जल्द से जल्द इसे आठवीं अनुसूची में शामिल करके संवैधानिक मान्यता दे जिससे इस भाषा में रोजगार का सृजन हो सके।।आचार्य अनुपलाल ने कहा कि प्राथमिक स्तर से लेकर विश्वविद्यालय स्तर तक की पढ़ाई अंगिका भाषा में होना चाहिए।सरकार ने बिहार की अन्य सभी भाषाओं मैथिली, भोजपुरी, मगही आदि को प्राथमिक शिक्षा में शामिल किया है परंतु अंगिका को छोड़ दिया गया है ।इसे यथाशीघ्र शामिल करना चाहिए।विकाश कुमार ने कहा कि अंग प्रदेश के सभी रेलवे स्टेशनों एवम बस स्टैण्ड पर अंगिका में उद्घोषणा होनी चाहिए जैसे दरभंगा स्टेशन में मैथिली में उद्घोषणा होती है ।क्योंकि यहां के आवाम की भाषा अंगिका है और लोग इसे अच्छी तरह से समझते हैं।इससे अंग प्रदेश के युवाओं को रोजगार मिलेगा। डा मनजीत सिंह किनवार ने कहा कि अंगिका केवल हमारी मातृभाषा हीं नहीं बल्कि बिहार के 6 कड़ोड़ लोगों की जनभाषा है।अंगिका को संवैधानिक दर्जा मिलने से क्षेत्र के बैक, अस्पताल,रेलवे स्टेशनों,विद्यालयों एवं विश्वविद्यालय में छात्रों को नौकरी मिलेगी ।संजीव कुमार भिकटर ने कहा कि अंगिका भाषा की सुरक्षा एवं संवर्धन के लिए एक अनुसंधान केंद्र बनना चाहिए।वहीं झिंगरू सिंह ने मांग किया कि अदालती कार्यवाही में अंगिका भाषा को प्राथमिकता मिले।अधिवक्ता त्रिलोकी नाथ दिवाकर ने कहा कि बिहार सरकार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2015 में बिहार अंगिका अकादमी का गठन किया और उसमे अध्यक्ष भी बनाया गया ।वर्तमान में 2018 से ही बिहार अंगिका अकादमी के अध्यक्ष का पद रिक्त है उसपर सरकार अविलंब किसी योग्य अंगिका भाषी को नियुक्त करे।बेगूसराय से आए शिक्षक पूर्णेंदु कुमार चौधरी के कहा कि बिहार सरकार अंग प्रदेश के अन्तर्गत आने वाले सभी विश्वविद्यालय में अंगिका का विभाग खोले।अंगिका के छात्र कुमार गौरव ने कहा कि अंगिका क्षेत्र में समाचार का प्रसारण हो ,अंगिका के पत्र पत्रिकाओं को छपने के लिए सरकार से अनुदान मिले ,अंगिका भाषा में भी साहित्य के क्षेत्र में मिलने वाले सभी सम्मान दिया जाय ।चक्रधर कृष्णा ने कहा कि अंगिका भाषा में फिल्म के निर्माण में सरकार सहायता करे ,वेब सीरीज एवम फिल्म का निर्माण हो।नवनीत कुमार ने कहा कि बिहार सरकार अंगिका भाषा को द्वितीय राजभाषा का दर्जा दे। 2000 ई में बना झारखंड जहां केवल 6 जिलों में अंगिका बोली जाती है वहां सरकार ने द्वितीय राजभाषा का दर्जा दिया है लेकिन बिहार के 16 जिलों में बोली जाने वाली अतिप्राचीन भाषा अपने ही राज्य में उपेक्षित है ।अंगिका की लोकगायिका अंगिका राय एवं अर्पिता चौधरी ने मांग किया कि अंगिका में फिल्म सिटी का निर्माण हो गायक गायिका को संरक्षण प्राप्त हो जिससे भाषा समृद्ध हो एवं इसका व्यापक प्रचार प्रसार हो सके।वहीं अनिमेष कुमार ,सकलदेव कुमार रजनीश एवम निरंजन ने मांग किया कि भागलपुर में भागवत झा आजाद अंगिका केंद्रीय विश्वविद्यालय खोलने की मांग की।

अंत में अंगिका समाज के शिष्टमंडल द्वारा जिलाधिकारी नवल किशोर को अपनी मांगों से भरा प्रतिवेदन सौंपा गया ,जिसकी प्रतिलिपि राष्ट्रपति,उपराष्ट्रपति ,प्रधानमंत्री ,राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री को भेजी जाएगी ।अंगिका समाज के विकाश देव ने बताया कि अंगिका को संवैधानिक अधिकार मिलने तक चरणबद्ध आंदोलन चलता रहेगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button