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असफलता जीवन में आती है लेकिन इससे उबरकर व्यक्ति को जीवन में आगे बढ़ना होगा : राज्यपाल

दीक्षांत समारोह में 575 छात्र छात्राओं को डिग्री दी गई, 23 विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया


रांची : सरला बिरला यूनिवर्सिटी (Sarla Birla University Ranchi) के पहले दीक्षांत समारोह (Convocation) का आयोजन बिरला नालेज सिटी महिलौंग के बसंत कुमार बिरला सभागार में किया गया। समारोह में बतौर मुख्य अतिथि राज्यपाल झारखंड सीपी राधाकृष्णन के अलावे विक्रम साराभाई स्पेस स्टेशन के निदेशक डा. एस. उन्नीकृष्णन नायर तथा इंडियन इंस्टीट्यूट आफ साइंस के प्रो. राधाकांत पाढ़ी भी शामिल हुए। समारोह में 575 छात्र छात्राओं को डिग्री दी गई। साथ ही 23 विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया। युनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार प्रो. वीके सिंह ने कार्यक्रम का संचालन किया। राज्यपाल ने अपने संबोधन में विद्यार्थियों को असफलता से नहीं घबराने की सलाह दी। कहा कि किसी भी व्यक्ति के जीवन में अवसरों की भरमार होती है। कठिन परिश्रम और अपने लक्ष्य और काम के प्रति समर्पण से इन अवसरों का लाभ अर्जित किया जा सकता है।

राज्यपाल ने विद्यार्थियों को जीवन में सफलता के लिए किसी भी तरह का शार्टकट रास्ता न अपनाने की सलाह दी। इसके बजाय उन्होंने विद्यार्थियों को सटीक लक्ष्य का निर्धारण कर उस रास्ते पर उत्तरोत्तर चलने और एकाग्रता से समर्पित होने को कहा। कहा कि असफलता सभी के जीवन में आती है लेकिन इससे उबरकर व्यक्ति को अपने जीवन में आगे बढ़ना होगा। कहा विद्यार्थियों के जीवन में दीक्षा समारोह का एक विशेष महत्व है क्योंकि यह न केवल एक शैक्षिक कार्यक्रम का समापन है बल्कि उनके जीवन में एक नए अध्याय की शुरुआत भी है, जो अवसरों और जिम्मेदारियों से भरा है। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि जिस प्रकार कठिन परिश्रम कर वे शिक्षा ग्रहण किए हैं, उसी प्रकार भविष्य में भी वे चुनौतियों का कुशलतापूर्वक सामना कर सफलता प्राप्त करें। कहा कि सीखने की कोई उम्र नहीं होती है और सतत कार्य करने से सफलता मिलती है। लक्ष्य निर्धारित करें और विनम्र होकर कार्य को पूर्ण करने के लिए अनुकूल कार्य संस्कृति का वातावरण तैयार करें। उन्होंने सभी से आह्वान किया कि प्रधानमंत्री की विकसित भारत @ 2047 के दृष्टिकोण में अपना योगदान दें। शिक्षा के बाद भावी जीवन में सफलता प्राप्त करना सुगम हो, इसके लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 लागू की गई है। इस शिक्षा नीति में न सिर्फ अकादमिक उत्कृष्टता पर बल्कि व्यक्ति के समग्र विकास, सोच, रचनात्मकता एवं नैतिक मूल्यों पर भी बल दिया गया है। समारोह में परंपरागत तरीके से रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। साथ ही एसबीयू एलुमिनी मीट का आयोजन किया गया। इस अवसर पर पूर्ववर्ती छात्र-छात्राओं ने युनिवर्सिटी से जुड़ी अपनी पुरानी यादों को साझा किया।

अपने संबोधन में डा. उन्नीकृष्णन नायर ने विद्यार्थियों को छोटी छोटी समस्याओं को समय रहते सुलझाने की सलाह दी। कहा कि इससे समस्याएं बड़ी नहीं हो पाती। उन्होंने टीम भावना से काम करने की अहमियत की जानकारी दी। इसरो के विभिन्न मिशनों की चर्चा करते हुए उन्होंने वर्ष 2028 में भारत के अंतरिक्ष स्टेशन में पदार्पण की तैयारी के विषय में जानकारी दी। उन्होंने विद्यार्थियों को चुनौतीपूर्ण कार्य का सामना डटकर करने को कहा। साथ ही उन्होंने निजी शिक्षा को बढ़ावा मिलते दौर में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने की वकालत की।

एसबीयू के प्रतिकुलाधिपति विजय कुमार दलान ने कुलाधिपति जयश्री मोहता के संदेश को साझा करते देश में शिक्षा के क्षेत्र में बिरला परिवार के महत्वपूर्ण योगदान की जानकारी दी। उन्होंने विद्यार्थियों के चरित्र निर्माण पर जोर दिया। साथ ही आने वाले समय में छात्र छात्राओं को एक बेहतर भविष्य के निर्माण के लिए जीवन में सीखने और नैतिक मूल्यों को अपनाने की चर्चा की। कार्यक्रम में स्वागत भाषण देते हुए कुलपति प्रो. गोपाल पाठक ने बीके बिरला और सरला देवी बिरला के विजन की बात करते हुए एसबीयू के विभिन्न संकायों के बारे में चर्चा की। रिसर्च और राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालयों से शैक्षणिक करार की भी उन्होंने जानकारी दी। डिग्री, डिप्लोमा प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को शुभकामनाएं देते हुए उन्होंने इन विद्यार्थियों को अपना लक्ष्य ऊंचा रखने की सलाह दी।

डाक्टरेट की मानद उपाधि से किया सम्मानित :
समारोह में पद्मश्री अशोक भगत, इसरो के चेयरमैन एस. सोमनाथ और डा. एस. उन्नीकृष्णन को डाक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया। समारोह में युनिवर्सिटी के मुख्य कार्यकारी पदाधिकारी डा. प्रदीप वर्मा भी उपस्थित रहे। कुलाधिपति जयश्री मोहता ने दीक्षा समारोह के लिए शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर पूर्व आइएएस आदित्य स्वरूप, आइआइएम के निदेशक दीपक कुमार श्रीवास्तव, पूर्व कुलपति आरयू डा. कामिनी कुमार, दीपक बंका, विजय कुमार सिंह, अशोक अस्थाना, राहुल वत्स, नीलिमा पाठक, संदीप कुमार, प्रवीण कुमार, डा. सरस्वती मिश्रा, डा. पंकज कुमार गोस्वामी, डा. विश्वरूप सामंता सहित कई गणमान्य उपस्थित रहे।

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