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प्रमंडल अंतर्गत सभी जिलाधिकारियों को संभावित बाढ़ एवं सुखाड़ से निपटने के लिए स्टैन्डर्ड प्रोटोकॉल के अनुसार सम्पूर्ण पूर्व तैयारी सुनिश्चित करने का आयुक्त ने दिया निदेश

 

आयुक्त ने कहाः आपदा की स्थिति में सामान्य जन-जीवन प्रभावित न हो यह सुनिश्चित करें, विभाग द्वारा निर्धारित मानक संचालन प्रक्रिया का अनुपालन अनिवार्

सभी डीएम को वर्षापात का पंचायतवार अनुश्रवण सुनिश्चित करने का आयुक्त ने दिया निदेश

त्रुटिरहित आपदा प्रबंधन के लिए अंतर्विभागीय समन्वय, सतर्कता एवं सजग रहने की आवश्यकता पर आयुक्त ने दिया बल

आयुक्त ने कहाः संभावित बाढ़ एवं सुखाड़ से निपटने हेतु सरकार प्रतिबद्ध, प्रभावितों के जान-माल की सुरक्षा एवं ससमय राहत पहुँचाना प्रशासन की सर्वाेच्च प्राथमिकता

त्रिलोकी नाथ प्रसाद:– आयुक्त, पटना प्रमंडल श्री कुमार रवि ने त्रुटि-रहित आपदा प्रबंधन के लिए अन्तर्विभागीय समन्वय, सतर्कता एवं सजग रहने की आवश्यकता पर बल दिया है। वे आज संभावित बाढ़ एवं सुखाड़ से निपटने हेतु सुदृढ़ पूर्व तैयारी सुनिश्चित करने के लिए प्रमंडल अंतर्गत सभी जिला पदाधिकारियों के साथ समीक्षात्मक बैठक कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन में जिला पदाधिकारी की महत्वपूर्ण भूमिका है। संभावित आसन्न आपदाओं की ससमय एवं शीघ्र चेतावनी और आम जनता के बीच उनका प्रभावी प्रचार-प्रसार सफल आपदा प्रबंधन के प्रमुख्य घटक हैं। उन्होंने सभी पदाधिकारियों को आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा निर्गत मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित करने का निदेश दिया। आयुक्त श्री रवि ने कहा कि कैलेण्डर के अनुसार स्टैण्डर्ड प्रोटोकॉल के आधार पर सभी जिला पदाधिकारी पूर्व तैयारी ससमय सुनिश्चित कर लें। उन्होंने वर्षापात, बाढ़ एवं सुखाड़ का पंचायत-स्तरीय अनुश्रवण सुनिश्चित करने का निदेश दिया है। उन्होंने कहा है कि सभी जिला पदाधिकारी अपने-अपने आपदा प्रबंधन टीम को सेंसिटाईज रखें। आयुक्त श्री रवि ने कहा कि आपदा के समय सरकार के निदेशों के अनुसार प्रभावित व्यक्तियों को अनुग्रह अनुदान एवं अन्य योजनाओं से आच्छादित करने के लिए सम्पूर्ण प्रशासनिक तंत्र को सजग एवं सुदृढ़ रखें।

आयुक्त श्री रवि ने कहा कि आपदा प्रबंधन के दृष्टिकोण से विभिन्न विभागों के पदाधिकारियों को आपस में सार्थक समन्वय तथा सुदृढ़ संवाद स्थापित रखना होगा। प्रशासन, पुलिस, स्वास्थ्य, पीएचईडी, जल संसाधन, पशु एवं मत्स्य संसाधन, लघु जल संसाधन, नगर विकास, ऊर्जा, पथ निर्माण, ग्रामीण कार्य विभाग सहित सभी संबंधित विभागों के पदाधिकारियों को सजग एवं तत्पर रहना होगा।

इस बैठक में आयुक्त श्री रवि ने संभावित बाढ़ एवं सुखाड़ से निपटने हेतु सभी जिलों की तैयारियों की समीक्षा की और अद्यतन प्रगति का जायजा लिया। उन्होंने वर्षा मापक यंत्र एवं दैनिक वर्षापात आंकडों का त्वरित प्रेषण, तटबंधों की सुरक्षा, संसाधनों की उपलब्धता, सम्भावित बाढ प्रभावित क्षेत्रों एवं संकटग्रस्त व्यक्ति समूहों- भेद्य समूहों की पहचान, बाढ़ शरण स्थल, मानव दवा की उपलब्धता, पशुचारा, पशुदवा एवं पशु चिकित्सा शिविर की व्यवस्था, गोताखोरों का प्रशिक्षण, आकस्मिक फसल योजना का सूत्रण, क्षमता वर्धन बचाव दल का गठन/मॉकड्रिल,नाव, लाईफ जैकेट, मोटरबोट की आकस्मिक व्यवस्था, सडकों की मरम्मति, जेनेरेटर सेट एवं महाजाल की व्यवस्था, सूचना व्यवस्था सहित सभी बिन्दुओं पर विस्तृत समीक्षा की तथा आवश्यक निदेश दिया।

आयुक्त श्री रवि ने कहा कि मौसम विभाग के अनुमान के अनुसार इस वर्ष मॉनसून सामान्य रहने की संभावना है। बाढ़ एवं सुखाड़ की स्थिति में त्रुटिरहित प्रबंधन हेतु वर्षापात का डाटा अत्यंत महत्वपूर्ण है। सभी जिला पदाधिकारी वर्षामापक यंत्रों को क्रियाशील रखें। वर्षापात आकड़ों के त्वरित प्रेषण की व्यवस्था सुदृढ़ रहनी चाहिए। अपने-अपने जिला में जिला सांख्यिकी पदाधिकारियों के माध्यम से वर्षापात के डे-टू-डे प्रतिवेदन की समीक्षा करें तथा तदनुसार कार्रवाई करें। न केवल प्रखंड बल्कि पंचायत स्तरों पर वर्षापात की स्थिति पर नजर रखें।

आयुक्त श्री रवि ने कहा कि निविदा के अनुसार बाढ़ राहत, खाद्य एवं अन्य सामग्रियों के दर का समय-सीमा के अंदर निर्धारण कर लें। पैकेटिंग तथा वितरण की समुचित व्यवस्था रहनी चाहिए। ड्राई राशन पैकेट्स/फूड पैकेट्स की गुणवत्ता सुनिश्चित रखें। बाढ़ राहत सामग्री के स्टॉक का सत्यापन कराएँ।

आयुक्त श्री रवि द्वारा संभावित बाढ़ एवं सुखाड़ की पूर्व तैयारियों की समीक्षा के क्रम में पाया गया कि पटना में 35,382, नालंदा में 22,834, भोजपुर में 18,593, बक्सर में 10,499, रोहतास में 5,000 एवं कैमूर में 680 पॉलीथिन शीट्स की उपलब्धता है। आयुक्त ने सभी जिला पदाधिकारियों को इन पॉलीथिन शीट्स को अंचलों को आवश्यकतानुसार वितरित करने करने का निदेश दिया। बाढ़ के दौरान नावों की व्यवस्था की समीक्षा में पाया गया कि पटना में परिचालन योग्य 10 सरकारी नाव उपलब्ध है एवं 499 निजी नावों के साथ एकरारनामा की कार्रवाई की जा रही है। नालन्दा में परिचालन योग्य 03 सरकारी नाव उपलब्ध है तथा 299 निजी नाव के साथ एकरारनामा की कार्रवाई की जा रही है। भोजपुर में परिचालन योग्य 07 सरकारी नाव उपलब्ध है एवं 299 निजी नाव के साथ एकरारनामा की कार्रवाई की जा रही है। बक्सर में परिचालन योग्य 06 सरकारी नाव उपलब्ध है एवं 119 निजी नाव के साथ एकरारनामा की कार्रवाई पूर्णता की ओर है। रोहतास बाढ़ प्रवण जिला नहीं है। फिर भी आकस्मिक स्थिति से निपटने हेतु आवश्यक व्यवस्था की गई है। अनुमंडल डिहरी में मोटर वोट उपलब्ध है एवं आंशिक रूप से संभाव्य प्रभावित अंचलों द्वारा निजी नाव के साथ एकरारनामा की कार्रवाई की जा रही है। कैमूर भी बाढ़ प्रवण जिला नहीं है। तथापि आंशिक रूप से प्रभावित होने पर 03 अंचलों के द्वारा निजी नाव के साथ एकरारनामा की कार्रवाई की जा रही है।

आयुक्त श्री रवि ने कहा कि सभी निजी नावों के साथ एकरारनामाा की कार्रवाई शीघ्र पूरी कर ली जाए। इन्फलेटेबल मोटर बोट, महाजाल एवं जीपीएस सेट की समुचित व्यवस्था रहनी चाहिए। मानव दवा, पशु चारा एवं पशु दवा की व्यवस्था कर सुनिश्चित रखें। सडकों की आवश्यकतानुसार मरम्मति कराएँ। सभी जिलों में बाढ़ एवं सुखाड से निपटने के लिए आकस्मिक फसल योजना का निर्धारण कर लें। बाढ़ की संभावना के मद्देनजर बाढ़ प्रवण जिलों में बाढ़ के दौरान एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ की प्रतिनियुक्ति हेतु अधियाचना पत्र प्रेषित करें।

आयुक्त ने निदेश दिया कि आनुग्रहिक अनुदान (जीआर) के भुगतान हेतु परिवारों की सूची का आपदा सम्पूर्ति पोर्टल पर एक सप्ताह के अंदर अद्यतीकरण कर लें। मानकों के अनुसार बाढ़ राहत शिविरों एवं सामुदायिक रसोई घरों के संचालन हेतु पूर्व तैयारी कर लें।

आयुक्त श्री रवि ने निदेश दिया कि सभी तटबंधों का संयुक्त निरीक्षण की जाए। तटबंधों की सुरक्षा के लिए सघन पेट्रोलिंग सुनिश्चित करें। संवेदनशील स्थलों पर तटबधों का सुदृढीकरण एवं मरम्मति करें। एहतियात के तौर पर बालू का बोरा संधारित रखें। संचार तंत्र एवं सूचना प्रणाली को सुदृढ़ रखें। शरण स्थलों पर मोबाइल मेडिकल टीम, शौचालय एवं पेयजल की समुचित व्यवस्था रहनी चाहिए। यहां मेडिकल कैंप, शिशु टीकाकरण, प्रसव ,भोजन का उपस्कर, बच्चों हेतु विशेष भोजन, मच्छरदानी, सैनिटरी किट के लिए विशेष रूप से निर्मित योजनाओं का सफल क्रियान्वयन सुनिश्चित करें। उन्होंने पुल-पुलियों एवं मुख्य सड़कों विशेषकर जिला मुख्यालय से प्रखंड को जोड़ने वाले लिंक रोड की नियमानुसार मरम्मती एवं संधारण कार्य पर विशेष ध्यान देने को कहा। दियारा क्षेत्रों में बाढ़ के दौरान पशुओं के लिए प्लेट फॉर्म के निर्माण हेतु भूमि चिन्ह्ति करने का निदेश दिया गया। आयुक्त श्री रवि ने कहा कि पशु स्वास्थ्य एवं पशु चारा की समुचित व्यवस्था आवश्यक है। चापाकल मरम्म्ति दल को सक्रिय रखें।

आयुक्त श्री रवि ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में संकटग्रस्त एवं भेद्य समुदायों का प्रशिक्षण कर क्षमता वर्धन कार्य पर विशेष ध्यान देने का निदेश दिया। उन्होंने सूखे से बचाव के लिए अल्पकालीन एवं दीर्घकालीन उपायों पर ध्यान देने को कहा। उन्होंने कहा कि तात्कालिक उपायों के तहत पेयजल के सुरक्षित भंडारण की व्यवस्था तथा पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था होनी चाहिए ताकि सूखे की परिस्थिति में पशुओं का चारा उपलब्ध हो सके। दीर्घकालीन योजनाओं के अंतर्गत नहर, तालाब, कुओं का विकास जरूरी है। डिस्ट्रिक्ट इमरजेंसी रिस्पॉन्स कम ट्रेनिंग सेन्टर तथा बाढ़ आश्र स्थल हेतु भूमि चयन एवं निर्माण कार्य में तेजी लाने का निदेश दिया गया।

आयुक्त श्री रवि ने कहा कि सार्थक संचार तंत्र सफल आपदा प्रबंधन की रीढ़ है। उन्होंने सभी पदाधिकारियों को इसे सुदृढ़ एवं सक्रिय रखने का निर्देश दिया।

आयुक्त श्री रवि ने कहा कि संभावित बाढ़ एवं सुखाड़ से निपटने हेतु सरकार पूरी तरह सजग है। उन्होंने कहा कि प्रभावितों के जान-माल की सुरक्षा एवं ससमय राहत पहुँचाना प्रशासन की सर्वाेच्च प्राथमिकता है।

इस बैठक में जिलाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह, जिलाधिकारी नालन्दा श्री शशांक शुभंकर, जिलाधिकारी भोजपुर श्री राज कुमार, जिलाधिकारी बक्सर श्री अंशुल अग्रवाल, जिलाधिकारी रोहतास श्री धर्मेन्द्र कुमार, जिलाधिकारी कैमूर श्री सावन कुमार, सभी जिलों के उप विकास आयुक्त, आयुक्त के सचिव श्री प्रीतेश्वर प्रसाद, उप निदेशक खाद्य श्री धीरेन्द्र झा, क्षेत्रीय विकास पदाधिकारी डॉ. विद्यानन्द सिंह, सभी जिलों के सिविल सर्जन, अपर समाहर्ता, आपदा प्रबंधन, कार्यपालक अभियंता जल संसाधन विभाग, जिला पशुपालन पदाधिकारी, कार्यपालक अभियंता पीएचईडी एवं अन्य भी उपस्थित थे।

 

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