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200 करोड़ टीका उभरते और सशक्त होते भारत की तस्वीर-विनय कुमार, वरिष्ठ पत्रकार।।…

त्रिलोकी नाथ प्रसाद-कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में भारत ने एक नया मुकाम हासिल किया है। महज डेढ़ साल के सफर में देश ने 200 करोड़ वैक्सीनेशन का आंकड़ा छू लिया है। टीकाकरण के इस अभियान की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 16 जनवरी 2021 को की थी। कोरोना के खिलाफ लड़ाई में शुरुआती दौर से ही भारत ने पूरी दुनिया के सामने एक मिसाल भी पेश की है। चाहे हम बात करें कोरोना के शुरुआती दौर की जब इसके इलाज के लिए कहीं कोई ठोस उपाय नहीं था तब भी भारत ने दुनिया को रास्ता दिखाया। जहां पूरी दुनिया इस महामारी से निपटने में त्रस्त नजर आई वहीं भारत ने वसुधैव कुटुंबकम को चरितार्थ करते हुए इस विषम परिस्थिति में हर किसी के लिए मदद का हांथ बढ़ाया। चाहे दवा की कमी का मामला हो या फिर सस्ते टीकाकरण के निर्माण का भारत ने विश्व गुरु की तरह पूरे कोरोना काल में अपनी छवि दर्ज कराई। विकसित से लेकर विकासशील मुल्कों तक भारत ने दवा की खेप पहुंचाई और फिर जब टीके का इजाद हुआ तो पड़ोसी देशों से लेकर दुनिया के दर्जनों मुल्कों तक इस कोरोना से बचाव के फरिस्ते को पहुंचाया। 3 जनवरी 2021 को भारत में कोरोना के खिलाफ लड़ाई के लिए दो वैक्सीन कोवैक्सीन और कोविशील्ड हम सबों के सामने आया और फिर सबसे पहले स्वास्थ्य कर्मियों पर टीकाकरण की शुरुआत हुई। जिस चरणबद्ध तरीके से अब पूरे टीकाकरण अभियान को चलाया गया है और जा रहा है उसने भी हमारे 200 करोड़ टीके के लक्ष्य को आसानी से हासिल करने में मदद भी की है। भारत में टीकाकरण अभियान काफी प्लानिंग के जरिए सुचारु रुप से चलाया गया। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र ने समय समय पर लोगों के बीच आकर अपनी बात रखी। देश में टीके के प्रति विश्वास और भरोसा कायम करने के प्रयासों और हर किसी को मुफ्त टीका देने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एलान का ही यह नतीजा है कि आज हम इतने बड़े लक्ष्य को हासिल करने में सफल हुए हैं। देश में पहले स्वास्थ्य कर्मियों और फिर बुजुर्गों को टीका का कवच प्रदान किया गया जिन पर इस वायसर का सबसे ज्यादा खतरा मंडरा रहा था। बाद में टीके की उपलब्धता बढ़ने के साथ पहले 45 साल से ऊपर और फिर 18 साल से ऊपर के हर आयुवर्ग के लोगों को यह कवच प्रदान किया जाने लगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में यह पूरा अभियान एक तरीके से मुफ्त चलाया गया जिससे टीके को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने में मदद मिली। टीकाकरण का यह अभियान अब कई पड़ाव तय करते हुए बच्चों तक पहुंचने लगा है। 18 वर्ष से उपर के सभी लोगों को जहां अब बुस्टर डोज दी जा रही है वहीं स्कूली बच्चों को कोविड से बचाब के लिए टीके का कवच देने का कार्यक्रम चलाया जा रहा है। हाल ही में देश के आजादी के 75 साल के जश्न की तरह टीकाकरण के बूस्टर डोज के 75 दिनों का विशेष कार्यक्रम भी चलाया जा रहा है ताकि कोरोना के खिलाफ जंग को देश फतह कर सके। 75 सालों में भारत ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में कैसे अपना दमखम बढ़ाया है यह भी हमारी इस सफलता का परिचायक है। हमारे स्वास्थ्य कर्मियों ने महज 277 दिनों में 100 करोड़ टीके का आंकड़ा हासिल किया और फिर अगला 100 करोड़ यानि 200 करोड़ का आंकड़ा 548 दिनों में तय किया। यह छलांग और इतने कम समय में इतनी बड़ी उपलब्धि हमारे आजादी का अमृत महतोत्सव को और संबल प्रदान करता है। टीकाकरण अभियान के दौरान कई दिन ऐसा हुआ जब हमने एक एक दिन में एक करोड़ से ज्यादा टीके के डोजेज लगाए यह सशक्त और उभरते भारत की एक तस्वीर है। ताजा जारी आंकड़े के मुताबिक देश की दो तिहाई जनता को पहली खुराक दी जा चुकी है वहीं दूसरी डोज का आंकड़ा भी 93 करोड़ के आसपास है। अब बुस्टर डोज के नये अभियान से टीकाकरण को और गति मिली है और हम कह सकते हैं कि कोरोना के खिलाफ जंग में अगर देश को जीत मिली है और मिल रही है तो उसकी सबसे बड़ी वजह टीकाकरण है। टीकाकरण अभियान की यह सफलता स्वास्थ्य के क्षेत्र में हमारे बढ़ते कदम को और नई उर्जा प्रदान करेगा।
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