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भोजपुर : दो शिक्षकों ने कुर्सी को लेकर दो माह से मध्यानभोजन बंद..

कुर्सी के लिए मध्यान मध्यान भोजन बंद कर देना कहा तक उचित है ?

प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को इसकी जानकारी दी गई पर अब तक न जांच न ही कोई उचित कार्रवाई की सूचना है।

भोजपुर/गुड्डू कुमार गडहनी प्रंखड अन्तर्गत गडहनी क्षेत्र के मध्य विधालय कांउप में दो शिक्षकों ने कुर्सी को लेकर दो माह से मध्यान भोजन बंद कर दिया।विधालय कोड सo-10291303102 प्रधानाचार्य के दावेदार होने के लिए सहराब आलम व विजय कुमार दोनों शिक्षकों प्रभार लेने व देने को लेकर मध्यान भोजन बंद।मिली जानकारी के अनुसार विधालय के बच्चे से जानकारी मिली की दो माह से भोजन नहीं मिल रहा है।रिंकी कुमारी, अंजली कुमारी, अत्दिया कुमारी, प्रीती कुमारी, सभी बच्ची कक्षा सात की है।शिक्षकों ने कुर्सी के लिए मध्यान भोजन तथा स्टोर रुम में ताला बंद कर दिया है।दोनों शिक्षक में तनाव हुआ है, कि प्रभार में हम रहेगे…कुर्सी को लेकर बच्चों को भोजन नहीं मिल पा रहा है।जून माह से लेकर अगस्त तक अभी भोजन नहीं बन रहा।सहायक शिक्षक संतोष कुमार व गीता कुमारी का कहना है, कि जून माह के पहले भोजन बन रहा था।लेकिन इसी बीच प्रधानाचार्य व शिक्षक में कुर्सी को लेकर तू.. तू.. मैं.. मैं..हो रहा है।यही कारण मध्यान भोजन को बंद कर दिया गया।सूचना गडहनी शिक्षा पदाधिकारी को मिला है।लेकिन सूचना मिलने की बाद भी जांच नहीं हुआ।बतादे कि लगता है कि अब हर विधालय में मध्यान भोजन बंद होने की कागार पर चल रही है।अधिकारी को सूचना मिलने के बाद भी जांच नहीं की गई।सरकार दूारा बच्चों को मध्यान भोजन मिलने वाली अब बंद होने की कगार पर चल रही है।दोनों शिक्षक आज विधालय उनुपस्थित मिले सहायक शिक्षकों से जानकारी मिली की दोनों शिक्षक नहीं आये है, और हम लोगों को पता नहीं है।तथा कभी भी विधालय समय पर नहीं आते है।पर सवाल यह उठ रहा है कि कुर्सी के लिए मध्यान मध्यान भोजन बंद कर देना कहा तक उचित है।और जब प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी महोदय को इसकी जानकारी दी गई तो वो कैसे इतने बड़ी बात को दबाने में लग गए जो अब तक न जांच न ही कोई उचित कार्रवाई की सूचना है।ये बात अब चाय और पान दुकान में भी चर्चा का बिषय बना हुआ।

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