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किशनगंज : ‘हमें भोजन की आवश्यकता, तंबाकू की नहीं’ की थीम पर मनाया गया विश्व तंबाकू निषेध दिवस

आर्थिक, शारीरिक एवं मानसिक परेशानियों को आमंत्रित करता है तम्बाकू सेवन: सिविल सर्जन

  • स्वास्थ्य संस्थानों में आयोजित हुए जागरूकता संबंधी कई कार्यक्रम
  • तंबाकू का सेवन मुंह व फेफड़ों के कैंसर की बड़ी वजह, हर साल होती है सैकड़ों मौत

किशनगंज, 31 मई (के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, तंबाकू के सेवन से मानव समाज को व्यापक नुकसान पहुंच रहा है। इसकी वजह से हर साल देश में लाखों लोग गंभीर जानलेवा बीमारियों की चपेट में पड़ कर अपनी जान गंवा रहे हैं। तंबाकू के सेवन से होने वाले नुकसान व शरीर पर पड़ने वाले इसके नकारात्मक प्रभावों के प्रति आम लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से आज जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में विश्व तम्बाकू निषेध दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम चलाया गया। साथ ही सभी कर्मियों को तम्बाकू सेवन नहीं करने की शपथ भी दिलाई गयी। इसी क्रम में जिले के सदर अस्पताल में जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी सह जिला गैर संचारी रोग पदाधिकारी डा० देवेन्द्र कुमार ने बुधवार को सभी कर्मियों को तम्बाकू सेवन नहीं करने की शपथ दिलाई। सभी स्वास्थ्य संस्थानों में भी सभी कर्मियों को तम्बाकू सेवन नहीं करने की शपथ दिलाई गयी। उक्त कार्यक्रम में सदर अस्पताल उपाधीक्षक डा० उर्मिला कुमारी, यूनिसेफ के एसएमसी एजाज अफज, आईडीएसपी की रीना प्रवीन, सहित सभी स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित हुए। सिविल सर्जन डा० कौशल किशोर ने बताया कि तंबाकू का सेवन मुंह व फेफड़ों के कैंसर का सबसे बड़ा कारण है। हाल के दिनों में खास कर युवाओं में तंबाकू उत्पाद के सेवन की लत बढ़ी है। वहीं वर्ष 2019-20 में जारी एनएफएचएस-5 के आंकड़ों के मुताबिक बड़ी संख्या में जिले की महिलाएं भी विभिन्न तंबाकू उत्पाद का सेवन करती हैं। रिपोर्ट के मुताबिक 15 साल से अधिक उम्र की 12.8 फीसदी महिलाएं किसी न किसी रूप में तंबाकू का सेवन कर रही हैं। सिविल सर्जन ने बताया कि कि किसी भी रूप में तंबाकू का सेवन मानव स्वास्थ्य के लिये हानिकारक है। आर्थिक, शारीरिक एवं मानसिक परेशानियों को आमंत्रित करता है तम्बाकू सेवन। इसकी वजह से गंभीर बीमारियों की चपेट में पड़ कर हर साल सैकड़ों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ती है। जिला गैर संचारी रोग पदाधिकारी डा० देवेन्द्र कुमार ने बताया कि सरकार द्वारा तम्बाकू सेवन रोकने के प्रति कई प्रकार के कार्यक्रम चलाये जाते हैं। इनका काफी प्रचार प्रसार भी किया जाता है। लेकिन जब तक सामाजिक स्तर से इसके प्रति जागरूकता नहीं आती तब तक इसपर रोक नहीं लगायी जा सकती है। तम्बाकू सेवन करने वाले लोगों को जागरूक करते हुए उन्हें तम्बाकू सेवन से रोकना चाहिए। समाज में नये तम्बाकू सेवक न बनने पाये इसके लिए सामाजिक स्तर से प्रसाय किये जाने चाहिए। प्रभावकारी तौर पर सामाजिक स्तर से किये गये प्रयासों से ही तम्बाकू सेवन पर रोक लगायी जा सकती है। इसके लिए समाज के लोगों को आगे आना होगा। युवाओं में बढ़ते तम्बाकू सेवन को रोकने के लिए खासकर उनके अभिभावकों को प्रखर तौर पर अपनी भागीदारी सुनिश्चित करनी पड़ेगी। साथ ही जिले में 31 मई से 31 जुलाई तक विभिन्न हेल्थ वेलनेस सेंटर पर योग सत्र का आयोजन किया जायेगा। इस दौरान शिविर में भाग लेने वाले प्रतिभागियों को तंबाकू सेवन से दूर रहने के लिये प्रेरित किया जायेगा। स्कूली बच्चे, एएनएम व स्वास्थ्य कर्मियों की सामूहिक भागीदारी के साथ जागरूकता रैली निकाली जायेगी। स्कूलों में पेंटिंग, वाद-विवाद सहित अन्य प्रतिस्पर्द्धा आयोजित कर बच्चों को तंबाकू सेवन से दूरी बनाने के लिये प्रेरित किया जायेगा। सदर अस्पताल उपाधीक्षक डॉ उर्मिला कुमारी ने बताया कि तंबाकू के सेवन से कई गंभीर और जानलेवा बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। फेफड़ों में कैंसर, लिवर कैंसर, मुंह का कैंसर, कोलन कैंसर और गर्भाशय का कैंसर होने का जोखिम रहता है। इसके अलावा हृदय रोग और इरेक्टाइल डिस्फंक्शन जैसी बीमारियां भी हो सकती हैं। बिहार में 25.9% लोग किसी न किसी प्रकार के तम्बाकू उत्पाद का इस्तेमाल करते हैं, जिसमें 20.8 प्रतिशत लोग स्मोकलेस तम्बाकू का इस्तेमाल करते हैं जैसे खैनी, गुटखा एवं पान मसाला। उन्होंने बताया कि बिहार में 15 से 17 साल की आयु के बीच 24% लोग तम्बाकू इस्तेमाल शुरू कर देते हैं।

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