किशनगंज : जिले में आखिर क्यों नही रुक रही खनन। कौन है जिम्मेवार ?
खनन विभाग की मेहरबानी से रोज सरकारी खजाने पर डाला जा रहा है डाका।
किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, जिले के ठाकुरगंज प्रखंड अंतर्गत कठारो गांव से होकर बहने वाली कनकई नदी से अवैध खनन का सिलसिला जारी है। कार्रवाई के मामले में विभाग पस्त नजर आ रही है। खबर छपने के बाद भी खनन माफिया धड़ल्ले खनन कर रहे है। ऐसा मामला सिर्फ एक ही जगह का नहीं है जिले भर के कई ऐसे जगह है जहां पर ईंट भट्टा का सीजन आते ही अवैध खनन का सिलसिला जारी हो जाता है लेकिन विभाग खानापूर्ति के लिए कार्रवाई करती है लेकिन अवैध खनन का सिलसिला बदस्तूर जारी रहता है। प्राप्त जानकारी के अनुसार कठारो, बालूबारी सिमलबाड़ी, बारहपोठिया सहित कैसे जगह है जहां से बदस्तूर अवैध खनन का सिलसिला जारी है। अवैध खनन के कारण सरकार को रोजाना लाखों रुपए की राजस्व क्षति होती है। हालांकि विभाग द्वारा कुछ कार्रवाई (ऊँट के मुंह मे जीरा का फोरन) भी की जाती है इसके बावजूद भी बालू चोर निडर होकर अपना खनन का कारोबार बदस्तूर जारी रखते हैं। गौरतलब हो कि ठाकुरगंज प्रखंड अंतर्गत सुखानी थाना क्षेत्र के तातपौवा पंचायत के तातपौवा गांव से होकर बहने वाली मेची नदी की बहती हुई धारा को रोक कर सीमेंट पाइप लगाकर बालू का रास्ता बनाकर बालू खनन कर ले जाया जा रहा है। तभी अचानक से मेची नदी के बहती हुई पानी की धारा के सामने सीमेंट का बड़ा वाला पाइप और रास्ता टिक नहीं पाया। आखिर किन महापुरुष के परमिशन से नदी की बहती हुई पानी की धारा को बालू का रास्ता बना कर रोका गया और खनन किया जा रहा है। यह लोग प्राकृतिक के साथ भी खिलवाड़ करने से नहीं डरते हैं आखिर यह किस नियम में है कि नदी की बहती हुई धारा को रोककर बालू का खनन करना है जो कि यह लोग कर रहे हैं।यहा गौर करे कि नदी की धारा को रोकने के लिए बालू का सड़क बनाकर अवरोध उत्पन्न किया जा रहा है। बालू से बनाई गई सड़क और सीमेंट का बड़ा वाला पाइप नदी की धारा के सामने टिक नहीं पाए और कुछ हिस्सा बहती हुई नदी की धारा में विलीन हो रहा है। वही पौआखाली थाना क्षेत्र अंतर्गत कई जगह पर उत्खनन के कारण खंडहर जैसी स्थिति देखने को मिल रही है। लगातार ईंट भट्टा में इजाफा होने के कारण ईंट भट्टों के आसपास के एरिया में उत्खनन किया जाता है। जिसके कारण क्षेत्र की स्थिति खंडहर जैसी होती जा रही है। प्राप्त जानकारी के अनुसार उत्खनन कर मिट्टी ईंट भट्टा में दिया जाता है अत्यधिक गहराई से मिट्टी खोदने के बाद उक्त जमीन पर खेती संभव नहीं है। देखते ही देखते क्षेत्र में ऐसा नजारा देखने को मिल रहा है। जैसा कि मानो किसी खंडहर वाली जगह में पहुंच गए हैं। अब वह दिन दूर नहीं जब खेती के लिए उपरोक्त जमीन नहीं बचेगी और क्षेत्र खंडहर जैसा हो जाएगा। लेकिन इन सब चीजों पर विभाग का भी ध्यान दिखता नजर नहीं आ रहा है नहीं तो पौआखाली थाना क्षेत्र के बलकाडोभा, बिदिभिटा, इत्यादि जगह उत्खनन में कहीं ना कहीं रोक लग चुकी होती। कई जगह तो ऐसे भी हैं जहां पर खेतिहर जमीन के बगल से ही उत्खनन किया जा रहा है। यही हाल रहा तो कुछ ही महीनों में क्षेत्र खंडहर में तब्दील हो जाएगी।