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डीएम द्वारा लोक शिकायत एवं सेवा शिकायत के 21 मामलों की सुनवाई एवं समाधान किया गया॥

दोषी तत्कालीन राजस्व कर्मचारी को 24 घंटे के अंदर निलंबित करने का प्रस्ताव उपस्थापित करने का डीएम ने दिया निदेश

एक लोक प्राधिकार अंचल अधिकारी के विरूद्ध 5,000 रूपये का डीएम ने लगाया दंड

बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015 एवं बिहार सरकारी सेवक शिकायत निवारण नियमावली, 2019 का सफल क्रियान्वयन प्रशासन की सर्वाेच्च प्राथमिकता; सभी पदाधिकारी इसके लिए सजग, संवेदनशील तथा सक्रिय रहेंः डीएम

त्रिलोकी नाथ प्रसाद – जिलाधिकारी, पटना डॉ. चंद्रशेखर सिंह द्वारा आज अपने कार्यालय-कक्ष में बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015 के तहत * द्वितीय अपील* में तथा बिहार सरकारी सेवक शिकायत निवारण नियमावली, 2019 के तहत प्रथम अपील में शिकायतों की सुनवाई की गयी और उसका निवारण किया गया। लोक शिकायत निवारण में लापरवाही बरतने के आरोप में दोषी तत्कालीन राजस्व कर्मचारी को 24 घंटा के अंदर निलंबित करने के लिए प्रस्ताव उपस्थापित करने का निदेश दिया गया। एक लोक प्राधिकार अंचल अधिकारी, धनरुआ के विरूद्ध 5,000 रूपया का अर्थदंड लगाया गया।

डीएम डॉ. सिंह द्वारा आज लोक शिकायत एवं सेवा शिकायत के कुल 21 मामलों की सुनवाई की गई एवं उसका समाधान किया गया।

दरअसल परिवादी श्री देवशरण प्रसाद, साकिन-मुरादचक, प्रखंड-धनरूआ द्वारा द्वितीय अपील में जिलाधिकारी के समक्ष परिवाद दायर किया गया था। उनकी शिकायत जमीन की नापी नहीं होने से संबंधित है। आवेदक द्वारा अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण कार्यालय, मसौढ़ी में दिनांक 02.11.2022 को ही परिवाद दायर किया गया था। जिलाधिकारी ने सुनवाई में पाया कि लोक प्राधिकार अंचल अधिकारी, धनरूआ द्वारा इतने दिनों में भी आवेदक के परिवाद के निवारण हेतु कोई ईमानदार एवं सार्थक प्रयास नहीं किया गया है। उनका प्रतिवेदन भी संतोषजनक नहीं है। अंचल कार्यालय में नापीवाद संधारित नहीं है। अंचल अधिकारी द्वारा आवेदक को बँटवारा से संबंधित कागजात जमा करने के लिए भी कोई पत्र नहीं दिया गया है। जिलाधिकारी ने कहा कि लोक प्राधिकार के इस कार्यशैली से आवेदक की समस्या का लगभग 250 दिनों से अधिक समय में भी समाधान नहीं हो सका है। उन्होंने कहा कि किसी भी अधिकारी का यह व्यवहार लोक शिकायत निवारण की मूल भावना के प्रतिकूल है। यह उनकी स्वेच्छाचारिता, शिथिलता तथा संवेदनहीनता को प्रदर्शित करता है। डीएम डॉ. सिंह ने इस पर गंभीर खेद व्यक्त करते हुए कहा कि लोक प्राधिकार द्वारा जनहित के कार्य में अनावश्यक विलंब किया गया है। जिलाधिकारी ने इस पर लोक प्राधिकार अंचल अधिकारी, धनरूआ के विरूद्ध 5,000 रूपये का अर्थदंड लगाते हुए भूमि सुधार उप समाहर्त्ता, मसौढ़ी को सम्पूर्ण मामले की जाँच कर परिवादी के शिकायत का नियमानुसार निवारण सुनिश्चित कराने का निदेश दिया। साथ ही उन्होंने भूमि सुधार उप समाहर्त्ता, मसौढ़ी को अनावश्यक विलंब के लिए दोषी अधिकारी के विरुद्ध जिम्मेदारी तय कर प्रतिवेदन समर्पित करने का निदेश दिया ताकि लोक शिकायत निवारण में शिथिलता बरतने वाले पदाधिकारी के विरूद्ध अग्रतर कार्रवाई की जा सके। जिलाधिकारी ने 25 अगस्त, 2023 को सुनवाई की अगली तिथि को सभी संबंधित पदाधिकारियों को कृत कार्रवाई प्रतिवेदन के साथ उपस्थित रहने का निदेश दिया।

एक अन्य मामले में अपीलार्थी श्री विजय कुमार शर्मा, ग्राम-ओइयारा, पो.-वीर, अंचल-धनरूआ द्वारा परिवाद दायर किया गया था। उनकी शिकायत धनरूआ के सोनमई पंचायत के राजस्व कर्मचारी द्वारा अवैध ढ़ंग से किसी अन्य के नाम से रसीद काटने से संबंधित है।जिलाधिकारी ने सुनवाई में पाया कि बिना सक्षम पदाधिकारी की अनुमति के ही गलत तरीके से जमाबंदी कायम कर दिया गया है एवं रसीद काट दिया गया है। इस जमाबंदी पर पहली रसीद तत्कालीन राजस्व कर्मचारी श्री संजय प्रसाद सिंह द्वारा दिनांक 20.09.2017 को निर्गत किया गया तथा दूसरा राजस्व रसीद दिनांक 22.05.2018 को राजस्व कर्मचारी श्री वैद्यनाथ प्रसाद गुप्ता द्वारा निर्गत किया गया। भूमि सुधार उप समाहर्त्ता, मसौढ़ी द्वारा भी जिलाधिकारी को समर्पित प्रतिवेदन में दोनों राजस्व कर्मचारियों के विरूद्ध आरोपों को प्रमाणित करते हुए कार्रवाई हेतु अनुशंसा की गई है।अंचलाधिकारी द्वारा प्रतिवेदित किया गया है कि श्री संजय प्रसाद सिंह की मृत्यु हो चुकी है। जिलाधिकारी द्वारा स्थापना उप समाहर्त्ता को दोषी तत्कालीन अन्य राजस्व कर्मचारी श्री वैद्यनाथ प्रसाद गुप्ता को 24 घंटा के अंदर निलंबित करने का प्रस्ताव उपस्थापित करने का निदेश दिया गया। साथ ही उन्होंने अपर समाहर्त्ता को 90 (नब्बे) दिनों के अंदर परिवाद का नियमानुसार निष्पादन करने का निदेश दिया।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि लोक शिकायतों एवं सेवा शिकायतों का ससमय तथा गुणवत्तापूर्ण निवारण अत्यावश्यक है। लोक प्राधिकारों को तत्परता प्रदर्शित करनी होगी।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015 एवं बिहार सरकारी सेवक शिकायत निवारण नियमावली, 2019 का सफल क्रियान्वयन प्रशासन की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। सभी पदाधिकारी इसके लिए सजग, संवेदनशील तथा सक्रिय रहें।

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