रुपया सबसे कमजोर प्रदर्शन वाली मुद्रा बनी
कुणाल कुमार/पटना। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव रामनरेश पाण्डेय ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार में रुपया सबसे कमजोर प्रदर्शन करने वाली मुद्रा बन गई है। नरेंद्र मोदी के सत्ता संभालते ही जो रुपये का अवमूल्यन शुरू हुआ है। वह अभी तक नहीं रुक पाया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना पिछला वकतव्य याद करना चाहिए और रुपये की गिरावट पर रोक लगाने के लिए ठोस कदम उठाना चाहिए। रुपये के अवमूल्यन से महंगाई लगातार बढ़ती जा रही है।
भाकपा राज्य सचिव ने बयान जारी कर कहा कि मूडीज रेटिंग्स ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा कि पिछले 2 वर्षों में भारतीय मुद्रा लगभग 5 प्रतिशत और पिछले पांच वर्षों में 20 प्रतिशत गिरकर दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया की सबसे कमजोर प्रदर्शन करने वाली मुद्राओं में से एक बन गई है। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत में लगातार गिरावट देखने को मिली है। हाल ही में रुपया 86.70 रुपये प्रति डॉलर के निचले स्तर तक आ गया था। मूडीज ने गिरते रुपये के प्रभावों को समझने के लिए भारत की 23 कंपनियों का आकलन किया है।
भाकपा राज्य सचिव ने कहा कि अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत में लगातार गिरावट से लोगों के जीवन यापन पर असर पड़ रहा है। खाद्य वस्तुओं की कीमत लगातार बढ़ रही है। इसके बावजूद केंद्र सरकार रुपये की कीमत में गिरावट पर रोक लगाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है।