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किशनगंज : स्वस्थ समाज के लिए कृमि मुक्ति दिवस का होगा आयोजन

स्कूली बच्चे को दवा खिलाने के तुरंत बाद घर भेजने से बचना होगा: जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी

राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम को लेकर शिक्षको के लिए प्रशिक्षण का आयोजन

  • 15 मार्च को एक से 19 वर्ष तक के बच्चों को अल्बेंडाजोल की खिलाई जायेगी गोली।
  • सभी तरह के बच्चों को एक ही दिन दवा खिलायी जाएगी।

किशनगंज, 13 मार्च (के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, जिले में आगामी 15 मार्च को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के अवसर पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम की सफलता को लेकर तैयारियां अंतिम चरण में चल रही हैं। इसको लेकर जिले के इन्सान स्कूल में सभी प्राइवेट स्कूल के शिक्षकों के साथ जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी के अध्यक्षता में बैठक का आयोजन बुधवार को किया गया। वही जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में आंगनबाड़ी सेविका, सहायिका व आशा कार्यकर्ताओं को एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस दौरान स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों द्वारा दवा की खुराक दिए जाने के संबंध में विस्तृत रूप से जानकारी दी गई। कृमि फैलने के कारणों और दवा खिलाने के बाद सावधानियों के संबंध में बारीकियों से जानकारी दी गई।इन्सान स्कूल में जागरूकता कार्यक्रम के दौरान डीडीए सुमन सिन्हा, यूनिसेफ के एसएमसी एजाज अफजल एवं निजी विद्यालय के शिक्षक उपस्थित हुए। सिविल सर्जन डा. राजेश कुमार ने बताया ज़िले के सभी प्रखंडों में 15 मार्च को एक से 19 वर्ष तक के बच्चों को अल्बेंडाजोल की दवा खिलानी है। वहीं, जो बच्चे दवा खाने से छूट जायेंगे, उनके लिए 19 अप्रैल को मॉपअप राउंड चलाया जायेगा। ताकि, कोई भी बच्चा दवा खाने से वंचित न रहे। सरकार द्वारा स्वस्थ समाज के लिए 15 मार्च को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस का आयोजन किया गया है। शरीर में कृमि होने के कारण पोषक तत्वों का शरीर को लाभ नहीं मिल पाता है। जिस कारण बच्चों को अनेक प्रकार की बीमारियां परिजीवियों के कारण पैदा हो जाती हैं। वहीं स्कूल में नामांकित सभी छात्र-छात्राओं को अल्बेंडाजोल की गोली उम्र के हिसाब से खिलाने की बात कही गई है। जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डा. देवेन्द्र कुमार ने निजी स्कूल के शिक्षको को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के अवसर पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम में प्रशिक्षण का महत्व बताते हुए कहा कि बच्चों को उम्र के अनुपात में दवा का सेवन कराया जाना चाहिए। एक से दो वर्ष के बच्चे को आधी गोली को बारीकी से बुरादा बनाकर स्वच्छ पानी में मिलाने के बाद चम्मच से ही पिलाना है। दो से तीन वर्ष तक के बच्चे को एक पूरी गोली बुरादा बनाकर पानी के साथ देना है। वहीं, तीन से 19 वर्ष तक के बच्चे को पूरी एक गोली चबाकर पानी के साथ खिलानी है। इसके बाद ही पानी का सेवन करना है। उक्त निर्धारित तिथि के दिन सभी बच्चे स्कूल पर मौजूद रहने चाहिए। इसके लिए जागरूकता अभियान चलाने की बात कही गई। सबसे महत्वपूर्ण बात है कि सभी को एक ही दिन दवाओं की खुराक दिए जाने को प्राथमिकता दिए जाने की बात कही गई है। डा. देवेन्द्र कुमार ने निजी स्कूल के शिक्षको को प्रशिक्षण के दौरान बताया कि आप सभी को यह सुनिश्चित करना होगा कि बच्चों के माता-पिता अभिभावकों को उपलब्ध माध्यमों जैसे: स्कूल प्रबंधन समिति बैठक, अभिभावक, अध्यापक बैठक या अन्य तरीके से राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस की जानकारी कैसे दी जा सकती है। क्योंकिं अधिक कृमि भार वाले बच्चों में हल्के साइड इफेक्ट होने की भी संभावना होती है। जो आमतौर पर गंभीर किस्म के तो नहीं होते हैं। जल्द ही ठीक हो जाते हैं। शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग द्वारा एडवर्स इवेंट से निपटने के लिए पूरी तैयारी करनी होगी। स्कूली बच्चे को दवा खिलाने के तुरंत बाद घर नहीं भेजना है। अगर इसके बाद किसी प्रकार की कोई समस्या उत्पन्न होती है तो इसकी जानकारी नज़दीकी अस्पताल के अधिकारियों को देने के बाद मौके पर एंबुलेंस पहुंच जाएगी। जहां विशेषज्ञों द्वारा आवश्यक उपाय किए जाएंगे।

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