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गुमनाम योद्धाओं व पर्वत पुरुष को कब मिलेगा सम्मान।…

माता सीता के निर्वासन स्थल का कब होगा उद्धार।...

नालंदा के अलावा कई पर्यटन स्थल जोह रहे विकास की बाट

राकेश रौशन (नवादा)–: गुमनाम योद्धाओं व पर्वत पुरुष को सम्मान कब मिलेगा । माता सीता के निर्वासन स्थल का उद्धार कब होगा। नालंदा के अलावा कई पर्यटन स्थल जोह रहे विकास की बाट। यह बातें उत्तर प्रदेश के बहुचर्चित नेता ओमप्रकाश राजभर ने कही। बतादें कि नवादा जिले के सबसे अतिपिछङा प्रखंड माने जाने वाले मेसकौर के

सीतामढ़ी मैदान में अखिल भारतीय सुहेलदेव समाज पार्टी के वैनर तले शोषित वंचित जागरण महारैली का आयोजन किया गया था। उस महारैली के मुख्य अतिथि के रूप में उत्तर प्रदेश के जाहुराबाद विधानसभा के विधायक सह सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर पहुँचे हुए थे। इस दौरान उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि शोषित वंचित एवं राजवंशी समाज के सिरमौर 1857 के अमर शहीद कारू रजवार, एतबा रजवार एवं जवाहर रजवार तथा पर्वत पुरुष बाबा दशरथ मांझी को उचित सम्मान कब मिलेगा। उन्होंने कहा कि केन्द्र के वर्तमान मोदी सरकार हीं 1857 के गुमनाम योद्धाओं व पर्वत पुरुष बाबा दशरथ मांझी को उचित सम्मान दे सकती है। इस समस्या को लेकर बहुत जल्द प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से मिलकर इन गुमनाम योद्धाओं व पर्वत पुरुष को भारत रत्न एवं उचित सम्मान देने की मांग की जाएगी। अपने संबोधन के दौरान बिहार के वर्तमान मुखिया नीतीश कुमार पर उन्होंने जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार को पूरे बिहार में केवल नालन्दा जिला हीं विकास करने के लिए मिला। जबकि बिहार में कई जिला ऐसे है जो अपनी विकास की बाट जोह रहे हैं। राजभर ने कहा कि नालंदा से सटे नवादा जिला भी है। उस जिला के अन्तर्गत मेसकौर प्रखंड के सीतामढ़ी में माता सीता का निर्वासन स्थल है। जहाँ मां सीता अपने निर्वासन का शेष समय व्यतीत किया था। यह स्थल माता सीता की तपोभूमि एवं लव-कुश के जन्मस्थान से प्रसिद्ध है। इस स्थान पर रामायण काल का मिलता जुलता बहुत सारे अवशेष मौजूद है। जैसे माँ सीता जिस गुफा में रहती थी, वह भगवान विश्वकर्मा के हांथो एक विशाल चट्टान में बनाया गया था। जो आज भी मौजूद है। माँ सीता के गुफा से उत्तर दिशा में बाल्मीकि मुनि का आश्रम था,जो आज भी मौजूद है। जिस रामायण काल में तमसा नदी का वर्णन है, वह वर्तमान में तिलैया नदी के नाम से जाना जाता है। जिस आरण्य वन का वर्णन रामायण काल में वर्णित है तथा जहाँ से आरण्य वन प्रारंभ होता था, उस स्थान पर एक गाँव है, जिसका नाम आरण्यडीह है। जिस कुण्ड (तालाब) में माँ सीता स्नान करती थी, वह आज भी सीता कुण्ड के नाम से जाना जाता है। उस कुण्ड का खासियत यह था कि जो भी चर्मरोग से ग्रसित व्यक्ति उस कुण्ड में स्नान कर लेता था वह बिल्कुल ठीक हो जाता था। लेकिन आज के परिवेश में उचित रख-रखाव नहीं होने के कारण उसका अस्तित्व मिटता जा रहा है। इस स्थल के अस्तित्व के मिटने का मुख्य कारण शोषित वंचित समाज का क्षेत्र होना है। इस क्षेत्र में अत्यधिक संख्या दलित महादलित पिछङा अतिपिछङा शोषित वंचित समाज के लोगों का है। इस लिए इस क्षेत्र का विकास नहीं करना बिहार के मुखिया के नियति को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान बिहार सरकार को ना तो सनातन धर्म के देवी-देवताओं का चिन्ता है और ना हीं शोषित वंचित समाज के लोगों का । आगे उन्होंने कहा कि इस सीतामढ़ी से सरकार को प्रतिवर्ष लाखों का राजस्व प्राप्त होता है। क्योंकि इस सीतामढ़ी स्थल पर प्रत्येक वर्ष अगहन पूर्णिमा के दिन से पाँच दिवसीय मेला का शुभारंभ होता है। इस मेले में अनेकों प्रकार के झुले, सर्कस, काष्ठ से निर्मित वस्तुओं का दुकान सहित अनेकों मनोरंजन का साधन एकत्रित होते है। इस मेले के आयोजन के लिए सरकार द्वारा निविदा निकाला जाता है। जहाँ से करीब 25 से 30 लाख रूपए का राजस्व सरकार को प्राप्त होता है। बावजूद यहाँ सरकार द्वारा श्रद्घलुओं के लिए किसी भी प्रकार का सुविधा उपलब्ध नहीं कराया जाता है। नीतीश सरकार केवल मंच से हीं महिलाओं को सम्मान और समान अधिकार देने की बात करते हैं। राजभर ने कहा कि यहाँ सीतामढ़ी मेले के दौरान दूर-दराज से हजारों-हजार की संख्या में महिला-पुरुष श्रद्घलु भक्त एकत्रित होते है। इस मेले के दौरान उपस्थित लोगों के लिए ना तो पेयजल और ना हीं शुलभ-सौचालय की व्यवस्था करवाई जाती है। हद तो तब हो जाती है जब उस मेले के दौरान महिलाओं को अपनी शर्म-हया का त्याग कर खुले में हजारों लोगो के आवागमन के बीच शौच का त्याग करना पङता है। मेले के दौरान संबंधित विभाग से इस समस्या को लेकर कई लोगों ने शिकायत किया, बावजूद कान में जूं तक नहीं रेंगा। ओमप्रकाश राजभर ने महासभा में उपस्थित युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि समाज के युवा वर्ग शिक्षित और संगठित होकर देश एवं समाज का विकास करें। शिक्षित और संगठित हुए बिना कोई भी व्यक्ति किसी का भला नहीं कर सकता है। अशिक्षित व्यक्ति जब अपना और अपने परिवार का विकास नहीं कर सकता है तो दूसरे या समाज के लोगों का क्या विकास कर पाएगा। उन्होंने राजवंशी समाज के उत्थान के लिए युवाओं को शिक्षित एवं संगठित होने का आग्रह किया। इस मौके पर प्रदेश अध्यक्ष उदय नारायण राजभर, प्रदेश उपाध्यक्ष उपेन्द्र राजवंशी, महिला मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष अंजलि राजभर, जिला अध्यक्ष अनुज कुमार राजवंशी, ज्योति राजवंशी, सुषमा स्वराज, जिला परिषद अध्यक्षा पुष्पा देवी, कुणाल कुमार, मिडिया प्रभारी उपेन्द्र राजवंशी सहित प्रदेश एवं जिला के सभी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष उपस्थित थे।

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