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50 प्रतिशत से भी कम है किशनगंज ज़िले में लड़कियों का औसतन साक्षरता…

किशनगंज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर किशनगंज स्तिथ आज़ाद इंडिया फाउंडेशन ने आरटीई फ़ोरम के तहत लड़कियों की शिक्षा से संबधित फैक्ट शीट ज़ारी की है जिनके अनुसार भारत में 6 करोड़ से अधिक बच्चे विद्यालय नहीं जाते हैं। इन मे लड़को की अपेक्षा लड़कियों की संख्या दोगुनी है।दुनिया में किसी भी देश में स्कूल न जानेवालो बच्चों की यह सर्वाधिक संख्या है।एआईएफ़ की यूमन हुस्सैन के अनुसार 40% 15 से 18 वर्ष की लडकियां किसी भी शैक्षणिक संसथान में पढ़ने नहीं जाती।निर्धनतम परिवारों की 30% लड़कियों ने कभी किसी स्कूल की कक्षा में कदम नहीं रखा।भारत के 25% बच्चे कक्षा 2 की पाठ्य सामग्री नहीं पढ़ पाते।अगर अंग्रेजी की बात करे तो 36% लडकियां और 38% लड़के अंग्रेजी के शब्द नहीं पढ़ पाते।लगभग 42% लडकियां और 39% लड़के गणित के बुनयादी जमा घटा नहीं कर पाते हैं।अगर किशनगंज ज़िले की बात करे तो सरकारी आंकड़ों के अनुसार यहाँ औसतन महिला साक्षरता 51% है जिसमे लगभग 40 हज़ार ऐसी लडकियां हैं जिन्होंने कभी स्कूल में कदम नहीं रखा।अकेले बहादूरगंज प्रखंड में लगभग 6500 लडकियां कभी स्कूल नहीं गयी।आज़ाद इंडिया फाउंडेशन के ताबिश अख्तर के अनुसार लड़कियों की शिक्षा में रुकावट के तीन प्रमुख कारण हैं,गरीबी व गाँव के आसपास शैक्षणिक संथान का न होना तथा इंटरमीडिएट या कॉलेज तक पढ़ने वाली लड़कियों का आवागमन के लिए पर्याप्त सुरक्षित साधन का न होना।इन्ही सारे मुद्दों को धयान में रखते हुए एआईएफ़ फाउंडेशन ने राजनैतिक दलों से चुनाव घोषना पत्र में सिफारिशें शामिल करने की माँग की हैं जिसमे शिक्षा के अधिकार कानून का दायरा बढ़ाया जाये।शिक्षा के बजट में बढ़ोतरी की जाये और लड़कियों को विद्यालय आने जाने के लिए स्कूल अथवा कॉलेज तक सुरक्षित साधन उपलब्ध की जाये।

 

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