झारखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र आज से… इन मुद्दों पर गरमायेगा सदन… देखिये 23 दिसंबर तक की कार्यसूची, कब क्या-क्या होना है..।

राहुल कुमार राय* *रांची:-रांची।* झारखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र आज से शुरू होगा। इस सत्र में सरकार दूसरा अनुपूरक बजट पेश करेगी, वहीं कई संशोधन विधयेक भी लाये जायेंगे। यह सत्र 23 दिसंबर, 2022 तक चलेगा। सत्र के हंगामेदार होने के आसार भी है। वर्तमान में साहिबगंज के बोरियो में एक पहाड़िया महिला की हत्या कर शव को टुकड़ों में काटने के मामले समेत ईडी की कार्रवाई को लेकर सत्ता पक्ष को घेरने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगी। शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले भाजपा विधायक दल की बैठक की गई।
इस बैठक में भाजपा विधायक दल नेता बाबूलाल मरांडी प्रदेश संगठन महामंत्री कर्मवीर सिंह, विधायक सिपी सिंह, बिरंची नारायण, मनीष जायसवाल सहित सभी विधायक शामिल हुए। बैठक के बाद विधायक बिरंची नारायण ने कहा कि इस सरकार में खनिज संपदा की लूट मची है, साथ ही सरकार ने जन भावना को भी लूटने का काम किया है।
पांच दिवसीय सत्र की कार्यवाही
*पहला दिन* (19 दिसंबर, 2022) : शीतकालीन सत्र के पहले दिन शोक प्रकाश कर दिवंगत को श्रद्धांजलि दी जाएगी, वहीं, अगर हो सके तो राज्यपाल के आध्यादेश की प्रति सदन पटल पर रखी जाएगी।
*दूसरा दिन* (20 दिसंबर, 2022) : सत्र के दूसरे दिन हेमंत सरकार वित्तीय वर्ष 2022-23 का दूसरा अनुपूरक बजट पेश करेगी. इस सत्र में प्रश्नकाल का भी आयोजन होगा। इसमें 13 दिसंबर, 2022 तक प्राप्त प्रश्नों को अल्पसूचित किया जाएगा।
तीसरा दिन (21 दिसंबर, 2022) : सत्र के तीसरे दिन दूसरे अनुपूरक बजट पर चर्चा होगी। वहीं, प्रश्नकाल भी होगा। इस दौरान गत 14 दिसंबर, 2022 तक प्राप्त प्रश्नों को अल्पसूचित किया जाएगा।
चौथा दिन (22 दिसंबर, 2022) : सत्र के चौथे दिन प्रश्नकाल के साथ राजकीय विधेयक समेत अन्य राजकीय कार्य भी हो सकता है। इस दौरान गत आठ दिसंबर, 2022 तक प्राप्त तारांकित प्रश्न और 15 दिसंबर, 2022 तक प्राप्त प्रश्नों को अल्पसूचित किया जाएगा।
पांचवा दिन (23 दिसंबर, 2022) : शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन प्रश्नकाल के अलावा राजकीय विधेयक एवं अन्य राजकीय कार्य (अगर हो) एवं गैर सरकारी सदस्यों का कार्य (गैर सरकारी संकल्प) होगा। इस दौरान गत नौ दिसंबर, 2022 तक प्राप्त तारांकित प्रश्न और 16 दिसंबर, 2022 तक प्राप्त प्रश्नों को अल्पसूचित किया जा सकता है।
*ये मुद्दे गरमायेंगे*
कभी 1932 स्थानीय नीति को लेकर तो कभी नियोजन नीति को लेकर। सरकार की नियोजन नीति त्रुटिपूर्ण की, जिसकी वजह से आज झारखंड के युवा खुद ठगा महसूस कर रहे हैं। लगातार इस सरकार में बहू-बेटियां पर हमले हो रहे हैं। कल की घटना बेहद मर्माहत करने वाली है, जहां से राज्य के आदिवासी मुख्यमंत्री आते हैं। वहीं साहेबगंज में एक आदिवासी युवती की दिलावर (दिलदार) अंसारी ने निर्मम हत्या कर टुकड़ों में बांट दिया। पिछले महीनों गौ तस्करों ने *महिला दरोगा संध्या टोप्पो* को गाड़ी से कुचल कर उसकी हत्या कर दी थी। कल से शुरू हो रहे विधानसभा के शीतकालीन सत्र में ये सभी विषय एजेंडे में शामिल हो सकते हैं।