यह साहस हमनें केवल सच पोर्टल न्यूज में प्राकाशित समाचार के बाद, जन कल्याण की दृष्टी से किया है।

यह साहस हमनें केवल सच पोर्टल न्यूज में प्राकाशित समाचार के बाद, जन कल्याण की दृष्टी से किया गया है।
अनिल कुमार मिश्रा जनहित में जारी मेरा संवाद पर अगर किसी को शुक्रिया आदा करना हो तो आप इस आपदा की घड़ी में केवल सचिन और संस्थान के त्रिलोकी नाथ को दे, जिसने मुझे भी आपदा की घड़ी में कुछ कहने और लिखने की हिम्मत दी।
भग्वान कहे जाने वाले डाँक्टर ही जब आत्मरक्षा को ही अपना धर्म मान चुके है तो फिर किसके बारे में क्या कहा जाए यह समझ से परे है।
कहा भी गया है मरता क्या नहीं करता, क्या हम सब तड़पते और मरते अपने परिवार की बचाव में औषधीय गुण का उपयोग नहीं कर सकते हैं ,तो जबाब होगा ,मरता क्या नहीं करता, यानी हम कर सकते है।
वशर्तें आपदा की घड़ी में सरकार और हाँस्पीटल द्वारा आपके परिवार का ईलाज नहीं हो रहा हो ।और आपके लिए ऑक्सीजन व्यवस्था न हो अगर हमारा परिवार ईलाज और आँक्सीजन के बिना /अभाव में मर रहा हो । तो हम बेहिचक अपने परिवार के बचाव हेतू अपने परिवार में होम्योपैथी औषधीय गुण का उपयोग बेहिचक कर सकते है, चाहे सरकार हमें अपने परिवार के बचाव करने पर जो भी सजा दे दे।
पेशेवर होम्योपैथी डाँक्टरों से हमने आँक्सीजन लेबल को मेंटेनेंस रखने वाले होम्योपैथी पैथिक दवाओं के औषधीय गुणों के बारें में जाना चाहा, किसी ने भी दिन को दिन कहने का साहस नहीं जुटा पाया। प्रेस में नाम नहीं छापने के शर्तो पर कहा आपदा की घड़ी में बोलकर कौन अपने गले में फनदा लगाये जो समाज के लिए काफी चिंतित है ओ बोले। होमियोपैथी दवा के कंपनियों ने दवा से होने वाले लाभ का प्रचार तो कर ही रहे है लोग स्वविवेक का इस्तेमाल करे, हम आपदा की घड़ी में सरकार कि ब्यवस्था के विरूद्ध कुछ भी नहीं कह सकते और न ही होम्योपैथी दवा का औषधीय गुण की सच्चाई को रखकर किसी भी परिस्थितियों में होम्योपैथी दवा उपयोग करने की सुझाव भी नहीं दें सकते।
यानी होम्योपैथी डाँक्टरों ने आत्मरक्षा की धर्म को निभा रहे है।
जब भग्वान कहे जाने वाले डाँक्टर ही आत्मरक्षा को ही अपना धर्म मान चुके है तो फिर किसके बारेमें क्या कहा जाये यह समझ से परे हो चुका है।
शत प्रतिशत सही, स्वयं परीक्षित, अचानक आँक्सीजन की कमी होने तथा कोई भी विक्लप नहीं देखने पर हमने अफने तथा अपने बहन के उपर तीन हो मियों पैथ की तीन दवा उपयोग किया।
Arsenic alb,30 का 05 बुन्द दिया,राहत मिला,
Carboveg 200 शक्ति 05 बून्द दिया और रहाहत मिला aspidosprma q10 बुन्द दियि बिलकुल ठीक हो गया, हाँफ बैचैनी सारे दिक्त दुर हो गये।
अपने उपर दवा का अनुभव बताया, सबसे ज्यादा
Arsenic alb,3x ,05 बुन्द और
aspidosprma q मदरटिंचर का 10 बुन्द
प्रभावी रहा।
कार्बो वेज आँक्सीजन लेबल को मेंटेनेंस करती है और आँक्सीजन की कमी में पैर के तलवे और बदन को ठंठा पड़ जाने पर भी जीवनीशक्ति प्रदान करता है ऐसा डाँक्टरों का सुझाव हैं इसलिए कार्बोवेज़ 200 शक्ति कुडो को 05-5 बुन्द 01-01 घंटे और बच्चों को को 01 से 02 बुन्द उम्र के अनुसार आँक्सीजन लेबल को में अनंतेंनस नहीं होने तक होमियोपैथी डाँक्टर का सुझाव से दिया जा सकता है।
* आँक्सीजन लेबल अगर कम हो रहा है और साँस लेने में दिकत हो तो CARBO VEG 200 शक्ति 05 बुन्द दवा को एक एक घंटा पर ले, आँक्सीजन लेबल में अनंत हो जाएगा। * https://kewalsachlive.in/if-the-oxygen- लेबल-इज़-कम-एंड-द-एंड-द-इज़-कठिनाई-इन-ब्रीदिंग-तब-ए-कार्बो-वेज -२००-पोटेंसी-०५-ड्रॉप्स-मेडिसिन-एक-बार-एक-घंटे /