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किशनगंज : नवरात्रि के पांचवे दिन महाकाल मंदिर में हुई मां स्कंदमाता की पूजा अर्चना

महाबले महोत्साहे महाभय विनाशिनी। त्राहिमाम स्कन्दमाते शत्रुनाम भयवर्धिनि।।

ॐ ऐं ह्रीं क्लीं स्कन्दमातायै नम:।

किशनगंज, 13 अप्रैल (के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, वैदिक पंचांग के अनुसार, आज यानी शनिवार चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर देवी स्कंदमाता की उपासना की जाती है। शहर के रुईधासा स्थित महाकाल मंदिर में गुप्त नवरात्र पर मां दुर्गा की अराधना पूरे विधि विधान व वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ जारी है। गुप्त नवरात्र के पांचवें दिन मां दुर्गा के 5वें स्वरूप स्कंदमाता की पूजा की गई। महाकाल मंदिर के पुरोहित गुरु साकेत ने बताया कि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, आज के दिन स्कंदमाता की उपासना करने से जीवन में सुख-समृद्धि, ऐश्वर्य और आरोग्यता का आशीर्वाद प्राप्त होता है। मान्यता यह भी है कि दांपत्य जीवन में सुख-समृद्धि के लिए और अपने बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए देवी स्कंदमाता की उपासना करने से विशेष लाभ मिलता है। गुरु साकेत ने बताया कि स्कंदमाता इस नाम का अर्थ स्कन्द कुमार यानी भगवान कार्तिकेय जी की माता है। इसलिए देवी स्कंदमाता माता पार्वती का सिद्ध नाम है। देवी स्कंदमाता को प्रसन्न करने के लिए ‘महाबले महोत्साहे महाभय विनाशिनी, त्राहिमाम स्कन्दमाते शत्रुनाम भयवर्धिनि..इस मंत्र का जाप जरूर करना चाहिए और पूजा के समय माता को केले का भोग अर्पित करना चाहिए। गुरु साकेत ने बताया कि माता स्कन्दमाता की कृपा से व्यक्ति को कार्य में सफलता भी प्राप्त होती है। उन्होंने बताया कि आज के दिन स्कन्दमाता की पूजा शोभन और रवि योग में की जाएगी। आज शोभन योग सूर्योदय से लेकर देर रात 12 बजकर 34 मिनट तक है, वहीं रवि योग आज सुबह 05:58 से रात 09:15 तक है। शोभन और रवि योग शुभ कार्यों को करने के लिए अच्छे माने गए हैं। गुरु साकेत ने बताया कि आज के दिन स्कन्दमाता को केले का भोग लगाना चाहिए। इसके अलावा आप चाहें तो आप माता को खीर का भी भोग लगा सकते हैं। आज सुबह में स्नान करने के बाद साफ कपड़े पहनें। फिर 5वीं नवदुर्गा का ध्यान करके स्कंदमाता की पूजा करें। स्कंदमाता के मंत्रोच्चार के साथ अक्षत्, कुमकुम, लाल रंग के फूल, केले, बताशे, खीर, धूप, दीप आदि चढ़ाते हुए देवी मां की पूजा करें। घी के दीपक या कपूर से उनकी आरती करें। जो लोग संतानहीन हैं, वे स्कंदमाता से संतान सुख प्राप्ति की प्रार्थना करें। उनके आशीर्वाद से परिवार में खुशहाली आती है।

स्कंदमाता की आरती

जय तेरी हो स्कंद माता पांचवा नाम तुम्हारा आता, सब के मन की जानन हारी जग जननी सब की महतारी तेरी ज्योत जलाता रहू मैं, हरदम तुम्हे ध्याता रहू मैं कई नामों से तुझे पुकारा, मुझे एक है तेरा सहारा कहीं पहाड़ों पर है डेरा, कई शेहरो में तेरा बसेरा हर मंदिर में तेरे नजारे, गुण गाये तेरे भगत प्यारे भगति अपनी मुझे दिला दो, शक्ति मेरी बिगड़ी बना दो इन्दर आदी देवता मिल सारे, करें पुकार तुम्हारे द्वारे दुष्ट दत्य जब चढ़ कर आये, तुम ही खंडा हाथ उठाये दासो को सदा बचाने आई, ‘चमन’ की आस पुजाने आई

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