कांग्रेस पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता असित नाथ तिवारी ने कहा है कि भाजपा -जदयू की सरकार ने बिहारियों का जीवन बर्बाद किया है।
त्रिलोकी नाथ प्रसाद :-सीएमआईई की रिपोर्ट का हवाला देते हुए तिवारी ने कहा कि 2010 के बाद नीतीश कुमार ने जानबूझकर हर साल सरकारी नौकरियों में भारी कटौती की है। ताजा अध्ययन यह भी बताता है कि साल 2011 से बिहार में निजी क्षेत्र का आकार भी छोटा हुआ है और उसमें रोजगार का अवसर शून्य से नीचे हो गया है।
सीएमआईई की रिपोर्ट बताती है कि बिहार में बेरोजगारी दर 14% से भी ज्यादा है जबकि राष्ट्रीय औसत 6.70 प्रतिशत है। मतलब राष्ट्रीय औसत से दो गुना से भी ज्यादा बिहार में बेरोजगारी दर है। सबसे ज्यादा बेरोजगारी का दंश बिहार के ग्रामीण इलाके झेल रहे हैं। मनरेगा मजदूर और राजमिस्त्री समेत सभी ग्रामीण मजदूरों की बेरोजगारी दर 17% के करीब है। जबकि, ऊंची डिग्रियां लेकर नौकरियों की तलाश में नौकरी की उम्र सीमा गंवाते लोगों की बेरोजगारी दर 12.6% है। तिवारी ने कहा कि सरकार ने जानबूझकर बिहार के लाखों लोगों की जिंदगी बर्बाद की है। पिछले 10 सालों में लाखों पढ़े-लिखे लोग नौकरी पाने की उम्र सीमा खो चुके हैं। सरकारी नौकरियों में हुई साल दर साल कटौती की वजह से पढ़े-लिखे लोगों के सामने कोई विकल्प नहीं बचा है। सरकार की दमनकारी नीतियों ने बिहार में निजी क्षेत्र का बड़ा नुकसान किया है। इस रिपोर्ट का पूरा विश्लेषण करने पर यह पता चलता है कि बिहार में गरीबी बढ़ी है, कुपोषण बढ़ा है और इलाज के अभाव में मौत के आंकड़ों में बढ़ोतरी हुई है। यह इसलिए हुआ है क्योंकि लोगों के पास कमाई का कोई जरिया नहीं है। तिवारी ने कहा कि नीतीश कुमार का कार्यकाल बिहार की बर्बादी काल के तौर पर याद किया जाएगा।