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किशनगंज : बाल व्यापार से आजादी विषय पर डीडीसी की अध्यक्षता में उनमुखीकरण कार्यशाला किया गया आयोजित।

किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, सोमवार को डीएम श्रीकांत शास्त्री के निर्देशानुसार समाहरणालय सभागार में उप विकास आयुक्त मनन राम की अध्यक्षता एवं राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के रिसोर्स पर्सन पुरुषोत्तम कुमार एवं संजय कुमार के तत्वाधान में “बाल व्यापार से आजादी” विषय पर उनमुखीकरण कार्यशाला आयोजित की गई। इस कार्यक्रम में सहायक निदेशक, बाल संरक्षण इकाई रविशंकर तिवारी द्वारा सभी उपस्थित प्रतिभागियों का स्वागत कर बताया गया कि मानव व्यापार विश्व का तीसरा सबसे बड़ा संगठित अपराध है। अनुमंडल पदाधिकारी अमिताभ गुप्ता, नोडल पदाधिकारी मानव व्यापार निषेध इकाई-सह-पुलिस उपाधीक्षक (मुख्यालय) अजीत प्रताप सिंह चौहान, सहायक निदेशक मिन्हाजुद्दीन, सदस्य, किशोर न्याय परिषद, समादेष्टा बीएसएफ 94वीं, 135वीं एवं 167वीं बटालियन, समादेष्टा एसएसबी 19वी बटालियन, ठाकुरगंज, एवं 12वी बटालियन, किशनगंज, सभी थाना के बाल कल्याण पुलिस पदाधिकारी, थाना प्रभारी, रेल थाना ठाकुरगंज एवं किशनगंज, बाल संरक्षण से संबंधित सभी स्वयंसेवी संस्था के प्रतिनिधि आदि उपस्थित थे। बैठक में सर्वप्रथम पुष्पगुच्छ देकर आमंत्रित पदाधिकारियों का स्वागत किया गया, तत्पश्चात दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम प्रारंभ हुआ। तदोपरांत राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के रिसोर्स पर्सन के द्वारा पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन द्वारा बाल तस्करी एवं मानव व्यापार पर विस्तृत चर्चा की गई। इस दौरान बताया गया कि किस प्रकार सीमावर्ती क्षेत्र में बच्चों का तस्करी किया जाता है एवं इस प्रकार के अपराध से बच्चों को किस प्रकार सुरक्षा एवं संरक्षण प्रदान किया जाए। साथ ही, यह भी बताया गया की बाल संरक्षण से संबंधित सभी स्टेकहोल्डर्स की इस कार्य हेतु क्या भूमिका है तथा किस प्रकार जोखिम ग्रस्त बच्चों को संरक्षण प्रदान किया जा सके। अनुमंडल पदाधिकारी, आमिताभ कुमार गुप्ता द्वारा इस प्रकार के आयोजन तथा प्रखंड, पंचायत स्तर पर प्रचार प्रसार का सुझाव दिया गया। साथ ही सहायक निदेशक, बाल संरक्षण इकाई रवि शंकर तिवारी द्वारा आंकड़े के आधार पर समझाया गया कि यह कितना घृणित, संगठित अपराध है और जब तक सभी पदधारक समन्वय कर योजना बद्ध होकर कार्य नहीं करेंगे इसे नहीं रोका जा सकता। उन्होंने कहा कि माता-पिता को बच्चों के संरक्षण की जिम्मेदारी लेनी होगी, गरीबी के कारण अपने ही बच्चों को बेचना घोर अन्याय है और इसके लिए सरकार से जो संभव मदद मिलेगी वो की जाएगी, परंतु किसी भी मजबूरी में बच्चों को गलत हाथ में सौंपना सरासर गलत है। साथ ही माता-पिता को अपने बच्चों से बात करनी चाहिए ताकि कोई और अनजाना व्यक्ति उन्हें बहला फुसला कर उनकी तस्करी न कर ले और उन्हें बंधुआ मजदूरी, देह व्यापार में न झोंक दे। इस दौरान बैठक में उपस्थित सभी सम्मानित सदस्यों के द्वारा अपनी विचार व्यक्त की गई। पदाधिकारियों को चाइल्ड लाइन के जिला समन्वयक सह अधिवक्ता विहान संस्था द्वारा ICPS के नाम बदलकए मिशन वात्सल्य होने के बाद बनी भ्रम की स्थिति और चाइल्ड लाइन योजना के मद में अल्पाअल्प राशी की बात कही। उन्होंने चाइल्डलाइन को और मजबूत करने की बात कही। उपस्थित पुलिस पदाधिकारियों ने सभी कानूनी व्यवस्थाओं की जानकारी हेतु और प्रशिक्षण देने की बात की। इसके उपरांत सभी सदस्यो का धन्यवाद प्रस्ताव के साथ आयोजित कार्यशाला को समाप्त किया गया।

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