“पूर्वोत्तर, न दिल से दूर, न दिल्ली से दूर”: प्रधानमंत्री मोदी।…

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“पूर्वोत्तर, न दिल से दूर, न दिल्ली से दूर”: प्रधानमंत्री मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पूर्वोत्तर राज्यों के प्रति विशेष स्नेह है। कुछ दिन पहले, जम्मू-कश्मीर के पुंछ निवासी नजाकत चौधरी द्वारा लिखे एक पत्र का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘पूर्वोत्तर न दिल से दूर, न दिल्ली से दूर है।‘ इस बात को ध्यान में रखते हुए सरकार ने पूर्वोत्तर राज्यों के विकास के लिए लगातार प्रयास किये हैं। उन्होंने पिछले कुछ वर्षों के दौरान इन राज्यों के विभिन्न क्षेत्रों में हुए अभूतपूर्व विकास का उल्लेख किया है। कृषि हो, उद्योग हो, परिवहन व संचार संपर्क हो, पूर्वोत्तर के राज्य देश के विकास इंजन के रूप में उभरे हैं।

नजाकत चौधरी ने प्रधानमंत्री को एक पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने इस बात का जिक्र किया था कि उन्हें एक भारत श्रेष्ठ भारत कार्यक्रम से किस प्रकार प्रेरणा मिली और वे असम की यात्रा से अभी-अभी वापस आये हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री को विशेष धन्यवाद देते हुए कहा था कि यह यात्रा जीवन भर का यादगार अनुभव बन गयी है।
पत्र के जवाब में प्रधानमंत्री ने लिखा कि तवी की भूमि से ब्रह्मपुत्र की भूमि तक की यह यात्रा, देश के दो राज्यों को एक साथ लाती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि एक भारत श्रेष्ठ भारत कार्यक्रम में नजाकत चौधरी की उत्साहपूर्ण भागीदारी और उनके दृष्टिकोण में आया बदलाव सुखद है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि असम राज्य प्रकृति और संस्कृति दोनों ही मामलों में सबसे खूबसूरत क्षेत्रों में से एक है। पत्र में, प्रधानमंत्री कहते हैं, “बिहू त्योहार के दौरान असम के बहुरंगी सांस्कृतिक वैभव का साक्षी होना, विशाल ब्रह्मपुत्र नदी पर अचंभित हो जाना, वीर लचित बोरफुकन और श्रीमंत शंकरदेव जैसे महान व्यक्तित्वों के बारे में जानना तथा मुगा रेशम, तेजपुर लीची, जोहा चावल, बोका चौल और काजी नेमू जैसे अद्वितीय उत्पादों का आनंद लेना; वास्तव में एक अविश्वसनीय अनुभव है। मुझे असम का गमोसा विशेष रूप से पसंद है।“
भारत की विविधता को इसकी विशेषता बताते हुए, प्रधानमंत्री मोदी कहते हैं, ‘भारत में विभिन्न संस्कृतियां, व्यंजन, रीति-रिवाज और जीवन शैलियाँ मौजूद हैं, जहां विभिन्न समुदायों के लोग, विभिन्न धर्मों के अनुयायी, विभिन्न भाषाएँ बोलने वाले, विभिन्न रीति-रिवाजों का पालन करने वाले; न केवल सह-अस्तित्व में रहते हैं, बल्कि एक दूसरे की विविध जीवन शैली का उत्सव भी मनाते हैं। हमारे राष्ट्र की इस विशिष्टता ने पूरी दुनिया को हमारी ओर आकर्षित किया है। विविधता के लिए यह स्वाभाविक और सहज प्रेम ही हमारी असली ताकत है और इसने ही हमें सदियों से एकसूत्र में जोड़े रखा है।

प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि नज़ाकत इन अनुभवों को अपने दोस्तों के साथ साझा करेंगे और उन्हें एक भारत श्रेष्ठ भारत की अनूठी भावना का अनुभव प्राप्त करने के लिए प्रेरित करेंगे। उन्होंने कहा कि इस तरह के प्रयास, राज्यों और संस्कृतियों को एक-दूसरे के करीब लाते हैं और देश की एकता को मजबूत करते हैं।
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