पूंजीपतियों को समर्पित है मोदी सरकार, देश के अन्नदाताओं का भला नहीं चाहती – उमेश सिंह कुशवाहा।..
मोदी सरकार ने खोखले वादें कर देश के किसानों को छला- उमेश सिंह कुशवाहा
त्रिलोकी नाथ प्रसाद:-मंगलवार को जनता दल (यू0) के किसान एवं सहकारिता प्रकोष्ठ की ओर से मोतिहारी के महात्मा गांधी प्रेक्षागृह में किसान सम्मान समारोह एवं कार्यकर्ता प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्री उमेश सिंह कुशवाहा बतौर मुख्यातिथि शामिल हुए।
इसमें मुख्य रूप से पूर्व सांसद सह पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री मंगनी लाल मंडल, किसान एवं सहकारिता प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष श्री मनोज कुमार, प्रदेश उपाध्यक्ष श्री वीरेंद्र कुशवाहा, प्रदेश प्रवक्ता श्री हेमराज राम, पूर्व मंत्री श्री श्याम बिहारी प्रसाद, पूर्व मंत्री श्री विजेंद्र प्रसाद कुशवाहा, पूर्व विधायक श्रीमती रजिया खातून, पूर्व विधायक श्री शिवजी राय, पूर्व विधानपार्षद श्री सतीश कुमार, पूर्व विधायक श्रीमती मीणा द्विवेदी, श्रीमती मंजू देवी, श्री दिनेश प्रसाद, श्री भूषण पटेल, श्री रतन पटेल, श्री बृजेश कुशवाहा, श्री बबन कुशवाहा, श्री दीपक पटेल, श्री विशाल कुमार शाह, श्री अमरेंद्र सिंह, श्री रंजन पटेल, श्री मिथलेश सिंह सहित बड़ी संख्या में अन्य पदाधिकारी एवं कार्यकर्तागण मौजूद थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री विनय कुशवाहा एवं संचालन श्री राज किशोर ठाकुर ने किया।
इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष श्री उमेश सिंह कुशवाहा ने अपने संबोधन में भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि मौजूदा सरकार देश के किसानों का भला नहीं चाहती है। एक तरफ जहां हमारे अन्नदाता छोटे ऋण के दबाव में आए दिन आत्महत्या करने पर मजबूर हैं वहीं मोदी सरकार एक झटके में पूंजीपतियों के लाखों करोड़ों रुपए के ऋण को माफ कर देती है। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि किसानों की कमाई दुगनी करने के नाम पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी केंद्र की सत्ता में आए थे। उनके शासनकाल का लगभग 10 वर्ष पूरे होने को है लेकिन अभी तक किसानों की आय दुगनी नहीं हुई वरन् किसान विरोधी नीतियां लागू कर उन्हें हर तरीके से प्रताड़ित किया गया। पेट्रोल और डीजल की दामों में वृद्धि होने से सबसे अधिक तकलीफ देश के अन्नदाताओं को हुई है।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि बिहार के 76 फीसदी जनता किसानी पर अश्रित हैं। और मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी अच्छी तरह जानते थे कि कृषि के विकास के बिना प्रदेश का सर्वांगीण विकास संभव नहीं है। लिहाजा बिहार की बागडोर संभालते ही उन्होंने कृषि रोडमैप पर काम करना शुरू किया और वर्ष 2008 में बिहार को पहला रोडमैप मिला। 2012 तक चलने वाला यह कृषि रोडमैप जहाँ 7 हजार 62 करोड़ का था। वहीं, 2023 से 2028 तक चलने वाला बिहार का चैथा कृषि रोडमैप 1 लाख 62 हजार करोड़ का है। जिसका लोकार्पण हाल के दिनों में ही महामहिम राष्ट्रपति जी के द्वारा किया गया है। इस बात से पता चलता है कि नीतीश सरकार कृषि के क्षेत्र में किस संकल्प के साथ कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि कृषि के क्षेत्र में मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने उल्लेखनीय योगदान दिया है। जिसकी प्रसंशा आज पूरे देश में हो रही है। पिछले कुछ वर्षों में बिहार ने 5 बार भारत सरकार द्वारा का कृषि कर्मण पुरस्कार हासिल किया है। आज राज्य के सभी 38 जिलों में जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम चलाया जा रहा है, जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए बिहार राज्य जैविक मिशन का गठन किया गया है और डिजिटल कृषि को बढ़ावा देने के लिए कृषि विभाग द्वारा आधार से प्रमाणित किसानों के पंजीकरण की व्यवस्था की गई है।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि बिहार सरकार की पिछले 18 वर्षों की इन उपलब्धियों पर हमें केवल गर्व ही नहीं करना है, बल्कि कृषि के क्षेत्र में शुरू की गई तमाम योजनाओं का लाभ भी नीचे तक पहुँचाना है। साथ ही किसानों से किए गए केन्द्र सरकार के खोखले वादों का पर्दाफाश भी करना है। हमें अपने नेता के साथ कदम-से-कदम मिलाकर चलते हुए 2024 में पूरी ताकत के साथ जुटना है ताकि केन्द्र की भ्रष्ट और निकम्मी सरकार को हम उखाड़ फेंकें और हमारे नेता ने जिस तरह बिहार का कायाकल्प किया, वैसे ही आने वाले समय में पूरे देश का कायाकल्प हो।