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किशनगंज : ठंड में बुजुर्ग बीपी को रखें नियंत्रित, शरीर में पानी की नहीं होने दें कमी, तापमान में गिरावट से बढ़ सकता है रक्तचाप, स्ट्रोक व हार्टअटैक की रहती संभावना, अहले सुबह घर से नहीं निकलें बाहर, घर में गर्म कपड़ों का करें इस्तेमाल, खाने में लें सुपाच्य भोजन, आहार में शामिल करें फल, हरी सब्जी व दाल

किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, ठंड के मौसम में उम्रदराज लोगों की सेहत के प्रति अधिक सर्तक रहना चाहिए। ठंड में तापमान की गिरावट से बुजुर्गों में कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं की संभावना होती है। प्रदूषण का स्तर भी बढ़ने के कारण अस्थमा पीड़ित वृद्ध लोगों को सांस की समस्या होने लगती है। ऐसे समय में उन्हें बहुत अधिक सुरक्षित रहने की जरूरत होती है।

सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने बताया कि ठंड बढ़ने के कारण रक्तचाप बढ़ता है। रक्तचाप बढ़ने से ह्रदयाघात व स्ट्रोक की संभावना बढ़ जाती है। बीपी व दिल के रोग वाले बुजुर्गों को खुद रक्तचाप को नियंत्रित रखने की हरसंभव कोशिश रखनी चाहिए। बुजुर्गों की रोग प्रतिरोधक क्षमता पर ठंड का सीधा असर पड़ता है। इसलिए उन्हें खानपान का भी ध्यान रखना है। सर्दी के मौसम में बहुत अधिक तेल मसाले वाले खाने की जगह हल्का व पौष्टिक खाना लेना चाहिए। हरी सब्जी, दाल व रोटी का अधिक इस्तेमाल किया जाना चाहिए।. आहार में विटामिन सी वाले फल, अखरोट, तुलसी और हल्दी दूध भी शामिल करें। सब्जियों में एंटीआक्सीडेंट रक्त परिसंचरण में मददगार होते हैं। समय समय पर चिकन व अंडा को भी खाना में शामिल करें। घर के सदस्य उनके खाने पीने में हरी सब्जी या चिकन आदि के साथ सूप समय समय पर दें। ठंड में बुजुर्गों को जोड़ों का दर्द बहुत परेशान करता है। उन्हें ग्रीन टी या अदरक की चाय दें । यह कोलेस्ट्रॉल कम करता और हड्डियों को क्रियाशील बनाये रखता है।

सर्दी के मौसम में बुजुर्गों के लिए आवश्यक दवाइयों का इंतजाम घर पर कर लें। शरीर के तापमान को नियंत्रण में रखने के लिए गुनगुना पानी पीयें और शरीर को हाइड्रेटेट रखें। इससे शरीर और त्वचा भी सेहतमंद रहती है। घर में भी गर्म कपड़े का इस्तेमाल करें। बहुत अधिक सवेरे घर से बाहर निकलने से परहेज करें। घर में सामान्य शारीरिक गतिविधि की मदद से ब्लड सर्कुलेशन व आक्सीजन के प्रवाह को बढ़ाना जरूरी है। ऐसे में शरीर से पसीना निकलता है जो शरीर से जहरीले पदार्थ को बाहर निकालने में मदद करता है। घर में हल्के व्यायाम और योग को दैनिक दिनचर्या में शामिल करें।

सदर अस्पताल किशनगंज के अस्पताल अधीक्षक डॉ अनवर हुसैन ने बताया कि ठंड में कई तरह की बीमारियों की संभावना रहती है। इसलिए, ठंड जनित बीमारी का महसूस होते ही चिकित्सकों से जाँच कराएँ और जाँचोपरांत चिकित्सा परामर्श के अनुसार ही इलाज कराएँ। साथ ही ठंड जनित बीमारी से बचाव के लिए गर्म कपड़े का उपयोग करें। यह भी बताया कि सदर अस्पताल किशनगंज में ठंड जनित बीमारी से बचाव के लिए उपुक्त दवाई की व्यवस्था है।

  • गर्म कपड़े का करें उपयोग, ठंड जनित बीमारी से रहें दूर:-
    ठंड से बचाव के लिए सबसे आसान और बेहतर उपाय गर्म कपड़ा है। इसलिए, गर्म कपड़े का उपयोग करें। घर से निकलने वक्त अगर तेज धूप रहे तो ऐसी स्थिति में गर्म कपड़ा साथ लेकर घर से निकलें। ताकि लौटने वक्त देर हो जाए तो ठंड प्रभावित नहीं कर सके।
  • गर्म व ताजा खाने का करें सेवन।
    ठंड में होने वाली बीमारियों से बचाव के लिए गर्म व ताजा खाना का सेवन करें। सुबह गुनगुना पानी पीएं। इससे शरीर का तापमान बढ़ेगा और आंतरिक अंग सही तरीके से कार्य करेगा। चाय में अदरक, दूध में हल्दी और गुड़ का भी भरपूर सेवन करें। यह न सिर्फ आपको ठंड से बचाव करेगा बल्कि अन्य बीमारियों से भी दूर रखेगा।

सर्दी के मौसम में बच्चों एवं बुजुर्गो की सुरक्षा के लिए बरतें कुछ सावधानी –

  • नवजात शिशु एवं छोटे- छोटे बच्चों को ठंड से बचाने के लिये उसके रखरखाव, खानपान का विशेष ख्याल रखने की आवश्यकता है। इसके लिए नवजात शिशु का कंगारू मदर तकनीक से ध्यान रखने की आवश्यकता है।
  • बच्चे को हमेशा सूखे बिछावन पर हीं रखना चाहिए। बच्चे के खाने-पीने में हमेशा गर्म भोजन एवं दूध, पानी पीने के लिए देना चाहिये।
  • बच्चों के साथ बुजुर्गो को भी हमेशा खाने-पीने में गर्म भोजन एवं पेय पदार्थ का इस्तेमाल करना चाहिए।
  • बच्चों एवं बुजुर्गों दोनों को हमेशा गर्म कपड़े ही पहनना चाहिये।
  • सर्दियों के मौसम में सबको अधिकतम समय सूर्य की धूप में बिताना चाहिये। मालूम हो को धूप में विटामिन डी होता है। इससे हड्डियों के विकास के लिये आवश्यक कैल्शियम की पूर्ति होती है। इस प्रकार कुछेक सावधानी बरतकर नवजात शिशु, छोटे- छोटे बच्चों, बुजुर्गों को कई जानलेवा बीमारियों से बचाने के साथ हीं सभी लोग खुद भी सुरक्षित रह सकते हैं।

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