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झारखंड को सुखाड़ प्रदेश घोषित किया जाए – बीडी राम

केवल सच – पलामू

मेदनीनगर – माननीय सांसद पलामू श्री विष्णु दयाल राम ने लोकसभा के मानसून सत्र के दौरान दिनांक 27 जुलाई 2022 को शून्य काल के दौरान लोकसभा में पलामू एवं गढ़वा जिलें के साथ-साथ झारखण्ड राज्य को सुखाड़ घोषित करने की मांग की थी।
श्री राम ने लोकसभा में कहा था कि पलामू संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत पलामू एवं गढ़वा जिले के साथ-साथ झारखण्ड राज्य के अन्य जिलों में भी बारिश नहीं होने के कारण सुखाड़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गयी है। वर्ष 2022 जुलाई माह में झारखण्ड के 23 जिलों में बारिश बहुत कम हुई है विशेषकर 5 जिलों पलामू, गढ़वा, गोड्डा, साहेबगंज एवं पाकुड़ में इस दौरान बारिश बिलकुल ही नही हुई है। विदित है कि राज्य की 80 प्रतिशत आबादी कृषि पर ही निर्भर करती है। वर्षा की कमी के चलते विचड़ा खेत में ही सुख गया। मक्का एवं तेलहन फसल होने की भी कोई उम्मीद नहीं है। वर्ष 2022-23 के लिए खरीफ मौसम के दौरान बारिश में भारी कमी को देखते हुए झारखण्ड राज्य को सुखाड़ घोषित करने तथा आने वाले महिनों में राज्य में खाद्य संकट के किसी भी प्रभाव को कम करने एवं पशुओं की चारा का प्रबन्ध करने के लिए आवश्यक कदम उठाये जाने की आवश्यकता है। साथ ही साथ झारखण्ड के किसानों को हुयी आर्थिक क्षति का आकलन, पलामू और गढ़वा जिले में सुखाड़ से हुए नुकसान का आकलन, राज्य के फसल पैटर्न का विश्लेषण करने, और राज्य के वर्षा पैटर्न में बदलाव के चलते वैकल्पिक फसल पैटर्न और विधियों के लिए एक विशेष टास्क फोर्स का गठन करने की मांग की थी।
उपरोक्त मांगों के आलोक में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री भारत सरकार, श्री नरेन्द्र सिंह तोमर जी का अर्धशासकीय पत्र सं0 35-25/2022-डीएम, दिनांक 19 सितम्बर 2022, प्राप्त हुआ है। उक्त पत्र में माननीय मंत्री जी के द्वारा बताया गया है कि सभी प्राकृतिक आपदाओं की स्थिति में आवश्यक राहत मुहैया कराए जाने का प्राथमिक दायित्व राज्य सरकारों का है। तत्काल उपाय शुरू करने के लिए राज्य सरकार के पास राज्य आपदा मोचन निधि (एसडीआरएफ) के तहत निधियां उपलब्ध होती हैं। गंभीर स्वरूप की प्राकृतिक आपदाओं के लिए एसडीआरएफ के अलावा राष्ट्रीय आपदा मोचन निधि (एसडीआरएफ) से अतिरिक्त सहायता देने पर विचार किया जाता है। सूखे की घोषणा राज्य सरकार के कार्य क्षेत्र में आता है। सूखा प्रबंधन के लिए मैनुअल, 2016 में निर्धारित विभिन्न मापदंडों के अनुसार राज्य सरकार केंद्र सरकार को एनडीआरएफ से अतिरिक्त सहायता हेतु ज्ञापन भेज सकती है। राज्य द्वारा प्रस्तुत किये गए ज्ञापन तथा एसडीआरएफ/एनडीआरएफ से अतिरिक्त सहायता अनुमोदित किया जाता है। झारखण्ड सरकार ने एनडीआरएफ से वित्तीय सहायता के लिए वर्तमान वर्ष में सूखा से सम्बन्धित अभी तक कोई भी ज्ञापन प्रस्तुत नहीं किया है।
झारखण्ड सरकार को 2022-23 के लिए एसडीआरएफ के तहत 635.20 करोड़ रूपये (केंद्रीय हिस्से के रूप में 476.80 करोड़ रूपये और राज्य के हिस्से के रूप में 158.40 करोड़) आवंटित किया गया है।
माननीय सांसद श्री राम ने कहा कि झारखण्ड सरकार ने अभी तक केन्द्र सरकार को झारखण्ड राज्य को सुखाड़ घोषित करने हेतु कोई भी प्रस्ताव नहीं किया है तथा केन्द्र सरकार द्वारा एसडीआरएफ के तहत 635.20 करोड़ रूपये (केंद्रीय हिस्से के रूप में 476.80 करोड़ रूपये और राज्य के हिस्से के रूप में 158.40 करोड़) राशि आवंटित करने के बावजूद भी झारखण्ड सरकार ने राज्य की जनता को सुखाड़ से राहत देने संबंधी कोई भी घोषणा नही की है। राज्य के किसानों को सूखे के कारण नाना प्रकार की कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। अतः राज्य सरकार शीघ्र पलामू एवं गढ़वा जिला के साथ-साथ राज्य के अन्य जिलों को भी सुखाड़ ग्रस्त घोषित करने का कार्य करें।

 

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