किशनगंज : नमामि गंगे अंतर्गत जिला गंगा समिति की बैठक हुई संपन्न
डीएम ने सफाई कार्य का गहन अनुश्रवण का निर्देश दिया गया ताकि सफाई का कार्य कागजों पर दिखने की बजाय धरातल पर भी दिखे।
किशनगंज, 11 नवंबर (के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में जिलाधिकारी, तुषार सिंगला की अध्यक्षता में नमामि गंगे अंतर्गत जिला गंगा समिति की बैठक शनिवार को संपन्न हुई। उक्त बैठक में “राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन” के तहत गंगा की सहायक नदियों को स्वच्छ एवं निर्मल बनाने के निमित्त बैठक में उपस्थित सभी संबंधित पदाधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश दिये गए। नमामि गंगे अंतर्गत जिला गंगा समिति की बैठक में उपस्थिति संबंधित पदाधिकारियों को अवगत कराया गया कि नदियों के प्रदूषण पर नियंत्रण एवं नदियों को पुनर्जीवित करने के लिए नमामि गंगे परियोजना का संचालन सरकार द्वारा की गई है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य नदियों में बहने वाले ठोस कचरे की समस्या को हल करने तथा ग्रामीण क्षेत्रों की साफ-सफाई से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों की नालियों में आने वाले मैले पदार्थ ठोस एवं तरल पदार्थों को नदियों में जाने से रोका जा सके। गंगा एवम इसकी सहायक नदियों, घाटों के निर्माण मरम्मत और आधुनिकीकरण का लक्ष्य निर्धारित है। इन गतिविधियों के अलावा जैविक विविधता संरक्षण वनीकरण और पानी की गुणवत्ता की निगरानी हेतु कदम उठाए जाना है। बैठक में सभी नगर निकाय/शहरी क्षेत्र की साफ सफाई और सौंदर्यीकरण को लेकर डीएम गंभीर दिखे। उन्होंने रमजान नदी समेत शहर की साफ़ सफाई पर निर्देश दिए। बैठक में पूर्व में दिए गए निर्देश का अनुपालन की समीक्षा की गई। डीएम ने कहा कि महानंदा, डोंक आदि सहायक नदियों में ग्रामीणों के फेके गए कचरा, प्लास्टिक से सहायक नदियों में कचरा समाहित होकर गंगा नदी को प्रदूषित करते हैं। इससे जलीय जीवों एवं हमारे रोजमर्रा के जिंदगी में प्रतिकूल असर पड़ता है अथवा भू-गर्भ में समाहित होकर हमारे जल स्तर को प्रदूषित कर देते है। संबंधित पदाधिकारियों को जन जागरूकता हेतु निर्देशित किया गया। नदियों को प्रदूषण मुक्त बनाने के बिंदु पर चर्चा के क्रम में जिलाधिकारी के द्वारा संबंधित पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया कि ग्रामीण क्षेत्रों की सफाई से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों की नालियों से आते मैले पदार्थ (ठोस-तरल) और शौचालय के निर्माण के समय जल प्रदूषण नहीं हो इस बात पर ध्यान रखने को कहा गया। बैठक में आमजनों एवं नदियों के बीच बेहतर संबंध के लिए घाटों की सुव्यवस्थित ढंग से मरम्मति कर पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने पर बल दिया गया। इसी क्रम में किशनगंज शहरी क्षेत्र में निर्माणाधीन छठ घाट की प्रगति की समीक्षा कर निर्देश दिए गए। सभी नगर निकाय में ठोस कचरा प्रबंधन की समीक्षा की गई। स्थानीय स्तर पर नदी-नाला में कचरा नहीं डालने के लिए लोगो को प्रेरित करने का निर्देश दिया गया तथा यह भी अवगत कराया गया कि “नमामि गंगे योजना” जल प्रदूषण को नियंत्रित करने का उचित माध्यम है। अपने नगर निकाय में कार्यपालक पदाधिकारी ठोस कचरा प्रबंधन सुनिश्चित करवाएं।स्वच्छ और सुंदर शहर अंतर्गत शहरी क्षेत्र में साफ सफाई, लाइट, पार्क, यातायात व्यवस्था, बस स्टैंड आदि की व्यवस्था पर कई निर्देश दिए गए। सफाई कार्य का गहन अनुश्रवण का निर्देश दिया गया ताकि सफाई का कार्य कागजों पर दिखने की बजाय धरातल पर भी दिखे। बुडको के पदाधिकारियों से प्रस्तावित एक विद्युत शवदाह गृह, दो लकड़ी शव दाह गृह के निर्माण की अद्यतन स्थिति पर पूछताछ किया गया। कार्य प्रक्रियाधीन है। नदी किनारे खनन और घाट पर वृक्षारोपण पर विमर्श किए गए। एकल प्लास्टिक उपयोग को रोकने हेतु कृत कार्रवाई पर असंतोष प्रकट करते हुए छापामारी करने तथा लोगो में जागरूकता लाने हेतु कार्रवाई का निर्देश सभी नगर कार्यपालक पदाधिकारी को दिया गया। शहरों में पार्क हस्तानांतरण की समीक्षा में बहादुरगंज नप को विधिवत सभी पार्क को वन विभाग को हस्तांतरित करने का निर्देश दिया गया। इस बैठक में जिला गंगा समिति के संयोजक वन प्रमंडल पदाधिकारी अररिया/किशनगंज, वरीय उप समाहर्त्ता (जिला सामान्य), अंचलाधिकारी किशनगंज एवम समिति के अन्य सदस्य तथा संबद्ध विभागो के कार्यपालक अभियंता व अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।