किशनगंज : ठाकुरगंज में फर्जी आधार कार्ड रैकेट का भंडाफोड़, बांग्लादेशी घुसपैठियों को बनवाए जा रहे थे भारतीय दस्तावेज

किशनगंज,07जून(के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह/फरीद अहमद, भारत-नेपाल सीमा से सटे किशनगंज जिले के जियापोखर थाना क्षेत्र अंतर्गत गिलहा बाड़ी गांव में पुलिस ने शनिवार को एक बड़े फर्जी आधार कार्ड रैकेट का भंडाफोड़ किया। यह गिरोह अवैध रूप से भारत में घुसे बांग्लादेशी नागरिकों को भारतीय पहचान दस्तावेज मुहैया कराने का काम कर रहा था।पुलिस अधीक्षक सागर कुमार ने प्रेस वार्ता में बताया कि उन्हें गुप्त सूचना मिली थी कि गिलहा बाड़ी गांव में अशरफुल नामक व्यक्ति के घर पर फर्जी आधार कार्ड बनाने का काम चल रहा है। सूचना मिलते ही थाना अध्यक्ष विकास कुमार के नेतृत्व में छापेमारी की गई, जिसमें अशरफुल को मौके से गिरफ्तार कर लिया गया। इस दौरान दो अन्य आरोपी जमाल और पंकज फरार हो गए, जिनकी तलाश जारी है।
क्या-क्या बरामद हुआ:
छापेमारी के दौरान पुलिस ने भारी मात्रा में तकनीकी उपकरण और दस्तावेज बरामद किए हैं, जिनमें शामिल हैं:
- Canon PIXMA प्रिंटर, जिस पर “Rasigul-9955310756” लिखा हुआ कागज
- 3M कंपनी की Retina Scanner (Model: CIS-2021-504305)
- Finger Scanner (Model: CS500e13P3906)
- Apple लोगो लगे Dell लैपटॉप (Intel i3 प्रोसेसर)
- चार पहिया वाहन (पश्चिम बंगाल नंबर: WB16AE1725)
- OPPO मोबाइल फोन (IMEI: 862615245451617-09) नेपाली सिम व Airtel सिम के साथ
- Ncell कंपनी का नेपाल मूल का MRP 50 कूपन
- तीन नेपाली नोट (₹10) और एक भारतीय ₹20 नोट
- लाल रंग की टूटी हुई सरकारी मुहर
- 22 व्यक्तियों की रेटिना स्कैन की फोटोकॉपी
- फर्जी निवास प्रमाण-पत्र, जाति प्रमाण-पत्र और आधार नामांकन फॉर्म (बिहार व बंगाल के विभिन्न जिलों से)
बांग्लादेशी घुसपैठियों को वैध नागरिक दिखाने की साजिश:
पूछताछ में सामने आया है कि यह गिरोह बांग्लादेश से अवैध रूप से भारत में घुसने वाले लोगों को आधार कार्ड, निवास प्रमाण-पत्र और अन्य भारतीय दस्तावेज बनवाकर उन्हें वैध नागरिक घोषित करने का काम करता था। ये प्रमाण पत्र बिहार के मधुबनी, पूर्णिया और पश्चिम बंगाल के कूचबिहार से बनवाए जा रहे थे।
एसपी सागर कुमार ने कहा कि यह गिरोह लंबे समय से सीमावर्ती इलाकों में सक्रिय था और आधुनिक उपकरणों का उपयोग कर असली जैसे दिखने वाले आधार कार्ड तैयार करता था।
गांव वालों की सराहना और मांग:
गांव के स्थानीय लोगों ने पुलिस की कार्रवाई की सराहना की और मांग की कि भारत-नेपाल सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त किया जाए, ताकि इस तरह की राष्ट्रविरोधी गतिविधियों पर रोक लगाई जा सके।
अभी और गिरफ्तारियों की संभावना:
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच का दायरा बढ़ा दिया गया है। जब्त वाहन (WB नंबर) के मालिक समेत चार लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई है। इस रैकेट का पश्चिम बंगाल से भी कनेक्शन सामने आया है, जिसकी विस्तृत जांच की जा रही है।इस कार्रवाई में एसडीपीओ 2 मंगलेश कुमार सिंह, जियापोखर थानाध्यक्ष विकास कुमार, प्रीति कुमारी, रमेश राय सहित अन्य पुलिस बल के जवानों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।