:पटना डेस्क:-, कूटनीतिक षडयंत्र रचना, सामाजिक सद्भाव बिगाड़ना, देशद्रोह, अंधभक्ति, तनाव बढ़ाना, अभिव्यक्ति की स्वतत्रंता का दुरुपयोग, दंगा फैलाना, अवमानना,
SC-ST एक्ट, संविधान ख़तरे में हैं, मौलिकअधिकारों का हनन, आदि जैसे अनेकों शब्द हैं, जिनका उपयोग सत्य को दबाने के लिए किया जाता
हैं। धर्म के बढ़ने से, धर्मनिरपेक्षता यानि अधर्म, समाप्त होने लगता हैं, जिसके कारण धार्मिक क्रांतियां होने लगती हैं। जब तक अग्र लिखित सारी
बातें, धर्मनिपेक्षता का समर्थन करें, तब तक तो सबकुछ सही चलेगा, लेकिन जैसे ही सारी बातें, धर्म के पक्ष में होने लगें, तो वह सारी नौंटकी होने लगती
हैं, जो वर्तमान में हो रही हैं। विजय सत्य की ही होगी।
बदला नहीं बदलाव, केवल प्रेम वाला भाव।