पटना जिले के गाँवों में महिलाओं द्वारा नेतृत्व संभालते हुए बदलाव की एक नई लहर तेज़ी से फैल रही है।

त्रिलोकी नाथ प्रसाद/: पटना जिले के गाँवों में महिलाओं द्वारा नेतृत्व संभालते हुए बदलाव की एक नई लहर तेज़ी से फैल रही है। “महिला संवाद” नामक यह अभिनव जन-जागरूकता अभियान, जो ग्रामीण विकास विभाग के सहयोग से जीविका द्वारा संचालित है, महिलाओं को उनके अधिकारों से अवगत कराते हुए उन्हें सामाजिक और राजनीतिक विमर्श में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित कर रहा है।
इस कार्यक्रम ने अब तक पटना के 21 प्रखंडों में 858 ग्राम संगठनों को जोड़ा है, जिसमें 1,72,000 से अधिक महिलाएं सक्रिय रूप से शामिल हैं। अभियान का लक्ष्य जिले के सभी 2,550 ग्राम संगठनों तक पहुँचना है। इसके लिए 22 विशेष संवाद रथ 44 स्थानों पर दिन-रात संवाद श्रृंखला चला रहे हैं। केवल 09 मई को ही 8,650 महिलाएं संवाद कार्यक्रमों में शामिल हुईं, जो इस पहल की व्यापक पहुँच और प्रभाव को दर्शाता है।
“महिला संवाद” न केवल महिलाओं को बोलने का मंच प्रदान करता है, बल्कि उन्हें गंभीरता से सुना भी जा रहा है। महिलाएं पेंशन राशि में वृद्धि, गाँवों में उच्च शिक्षा संस्थान, स्वरोजगार के अवसर, किशोरियों के लिए सुरक्षित खेल मैदान जैसी महत्वपूर्ण मांगें रख रही हैं। संवाद रथों में आधुनिक एलईडी स्क्रीन, ऑडियो-विज़ुअल प्रस्तुतियाँ और प्रत्यक्ष संवाद सत्रों के माध्यम से सरकारी योजनाओं की जानकारी सहज और प्रभावी ढंग से गाँव की महिलाओं तक पहुँच रही है। महिलाएं अब स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड, पोशाक योजना, छात्रवृत्ति, नल-जल योजना, और सरकारी ऋण योजनाओं की जानकारी प्राप्त कर रही हैं, जो उनके जीवन को सीधे प्रभावित करती हैं।
मोकामा प्रखंड के क्रांति ग्राम संगठन में आयोजित एक संवाद कार्यक्रम में बिहार मिलिट्री पुलिस की एक महिला ने अपने आरक्षण अनुभव साझा किए, जिससे कार्यक्रम को विशेष प्रेरणा मिली। जीविका से जुड़ी मीरा देवी ने बताया कि समूह से जुड़ने के बाद उन्होंने दो गायें खरीदीं और दूध व्यवसाय शुरू कर परिवार को आत्मनिर्भर बनाया। उन्होंने कहा, “पहले हम चुप रहते थे, अब बोलते हैं… और हमें सुना जा रहा है।”
कार्यक्रम में उठाई गई मांगों और सुझावों को एक विशेष टीम द्वारा व्यवस्थित रूप से दर्ज कर जिला प्रशासन और राज्य सरकार तक पहुँचाया जा रहा है ताकि योजनाएं जमीनी जरूरतों के अनुरूप हों।
यह अभियान बिहार सरकार की महिला सशक्तिकरण नीति के तहत चलाया जा रहा है, जिसका शुभारंभ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया था। इस पहल के तहत लगभग 2 करोड़ महिलाओं तक पहुंच बनाने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें 1.35 लाख जीविका दीदियां सक्रिय भूमिका निभा रही हैं। अभियान अगले दो महीनों तक चलेगा और इसके बाद फीडबैक भी लिया जाएगा।
महिला संवाद कार्यक्रम के माध्यम से महिलाओं को सरकारी योजनाओं जैसे महिला सशक्तिकरण नीति 2015, शराबबंदी, आरक्षण, दहेज उन्मूलन, बाल विवाह निषेध, मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना, छात्रा पोशाक योजना आदि की जानकारी दी जा रही है। इससे महिलाएं न केवल अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हो रही हैं, बल्कि वे अपने गांवों की समस्याओं को चिन्हित कर प्राथमिकता के आधार पर समाधान की मांग भी कर रही हैं।