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किशनगंज : संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए जननी सुरक्षा योजना लागू

जिले में संस्थागत प्रसव के लिए सदर अस्पताल पर लोगों ने जताया भरोसा, मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम करना है लक्ष्य।

  • निःशुल्क दवा की व्यवस्था।
  • गर्भवती को उनके घर से लाने एवं प्रसव के बाद अस्पताल से एम्बुलेंस द्वारा घर पहुँचाने की निःशुल्क व्यवस्था।
  • प्रशिक्षित चिकित्सक एवं नर्स के द्वारा निःशुल्क प्रसव प्रबंधन।
  • सामान्य एवं सिजेरियन प्रसव की निःशुल्क व्यवस्था।

किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, सुरक्षित प्रसव के लिए संस्थागत प्रसव जरूरी है। इसके लिए जिले में राज्य स्तर पर लक्ष्य प्रमाणिक सदर अस्पताल में संस्थागत प्रसव प्रशिक्षित और सक्षम स्वास्थ्यकर्मी की देख-रेख में कराई जाती है। अस्पतालों में मातृ एवं शिशु सुरक्षा के लिए भी सारी सुविधाएं उपलब्ध रहती हैं। साथ ही किसी भी आपात स्थिति यथा रक्त की अल्पता या एस्पेक्सिया जैसी समस्याओं से निपटने को तमाम सुविधाएं उपलब्ध होती हैं। अस्पताल में मातृ एवं शिशु सुरक्षा के लिए भी सारी सुविधाएं उपलब्ध रहती हैं। सरकारी चिकित्सा संस्थानों में आधारभूत सुविधाओं का सतत विकास भी इस दिशा में मददगार साबित हो रहा है। संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए जननी सुरक्षा योजना का भी लाभ गर्भवती महिलाओं को दिया जाता है। उन्हें संस्थागत एवं सुरक्षित प्रसव को बढ़ावा देने के लिए आर्थिक मदद की जाती है। जननी सुरक्षा योजना राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत एक सुरक्षित मातृत्व कार्यक्रम है। जिलेवासियों ने संस्थागत प्रसव के लिये सदर अस्पताल किशनगंज पर अपना भरोसा जताया है। सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ अनवर ने बताया एचएमआईएस डाटा के अनुसार 01 अप्रैल 2022 से 18 जून तक सदर अस्पताल में कुल 987 संस्थागत प्रसव किए गए। इसमें सामान्य प्रसव से लेकर प्रसव संबंधी जटिल मामले भी शामिल हैं एवं 38 सिजेरियन मामलों का सफल निष्पादन किया गया। इसमें सिजेरियन प्रसव के कुल 26 मामले रात 8 बजे से सुबह 8 बजे के बीच किए गए हैं। जो रात्रिकालीन बेहतर प्रसव सेवाओं को दर्शाता है। प्रसव संबंधी सेवाओं के विस्तार के लिये नियमित मॉनिटरिंग व कर्मियों की क्षमता संवर्द्धन पर जोर दिया जा रहा है। सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने सोमवार को जानकारी देते हुए बताया कि जिले में संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए सरकार और स्वास्थ्य विभाग की ओर से जननी सुरक्षा योजना चलायी जा रही है। जननी सुरक्षा योजना के तहत ग्रामीण एवं शहरी दोनों प्रकार की गर्भवती महिलाओं को सरकारी अस्पताल में प्रसव कराने पर ग्रामीण इलाके की गर्भवती महिलाओं को 1400 रुपये एवं शहरी क्षेत्र की महिलाओं को 1000 रुपये दिए जाते हैं। जिले में संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए सदर अस्पताल में नए लेबर रूम का निर्माण कराया गया है। जहां 6 लेबर टेबल, ड्यूटी स्टेशन, टॉयज रूम, हाई रिस्क रूम, एएनसी रूम, चेंज रूम की व्यवस्था की गयी है। जिससे बेहतर प्रसव प्रबंधन की सुविधा मिलेगी एवं जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में भीं बेहतर प्रसव प्रबंधन की सुविधा इस योजना के अंतर्गत गर्भवती महिलाओं को प्रोत्साहन राशि के साथ उनके बेहतर प्रसव प्रबंधन का भी ख्याल रखा जाता है। राज्य स्तरीय लक्ष्य प्रमाणीकृत सदर अस्पताल में प्रसव के दौरान कई मानकों का ध्यान रखा जाता है। इसमें मुख्यत: सर्विस प्रोविजन, रोगी का अधिकार, सपोर्ट सर्विसेज, क्लिनिकल सर्विसेज, इंफेक्शन कंट्रोल, क्वालिटी मैनेजमेंट शामिल हैं। साथ ही कर्मियों को प्रसव कक्ष से जुड़ी पंजियों के संधारण व इसे अद्यतन बनाये रखने के लिये खास तौर पर दक्ष किया गया है मानक स्तर पर प्रसव संबंधी तमाम तरह की सुविधा उपलब्ध है। नवजात शिशुओं में बेहतर प्रतिरक्षण के लिए शिशु जन्म के एक घंटे के भीतर स्तनपान सुनिश्चित कराने की व्यवस्था एवं साथ ही साथ जन्म प्रमाण पत्र भी दिया जाता है।

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