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जाति आधारित गणना की राह नीतीश ने दिखाया, अब देश ने अपनाया – उमेश सिंह कुशवाहा।.

जातीय जनगणना पर जबरन श्रेय लेने का पाखंड कर रहा है विपक्ष – विजय कुमार चैधरी

मुकेश कुमार/गुरुवार को जनता दल (यू0) प्रदेश कार्यालय, पटना में आयोजित संवाददाता सम्मेलन को पार्टी के माननीय प्रदेश अध्यक्ष श्री उमेश सिंह कुशवाहा एवं बिहार सरकार के माननीय मंत्री श्री विजय कुमार चैधरी ने संबोधित किया। इस अवसर पर विधान परिषद में सत्तारूढ़ दल के उपनेता सह पार्टी कोषाध्यक्ष श्री ललन कुमार सर्राफ, विधान परिषद में सत्तारूढ़ दल के मुख्य सचेतक श्री संजय कुमार सिंह उर्फ गांधी जी, पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री राजीव रंजन प्रसाद, मुख्य प्रवक्ता सह माननीय विधानपार्षद श्री नीरज कुमार एवं प्रकोष्ठों के संयोजक प्रो नवीन आर्य चंद्रवंशी भी उपस्थित थे।

इस दौरान माननीय प्रदेश अध्यक्ष श्री उमेश सिंह कुशवाहा ने पत्रकारों को संबोधित कर राष्ट्रीय स्तर पर जातीय जनगणना का निर्णय के लिए माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के प्रति आभार प्रकट किया तथा बिहार से इसकी नींव रखने के लिए माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार को विशेष धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि यह समस्त बिहारवासियों के लिए गर्व का विषय है कि जातीय गणना जैसे ऐतिहासिक कदम की शुरुआत माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के दूरदर्शी नेतृत्व में बिहार से हुई। आज वही सोच और संकल्प राष्ट्रीय स्तर पर अपनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने जो रास्ता दिखाया, अब देश ने अपनाया है।

इस अवसर पर बिहार सरकार के माननीय मंत्री श्री विजय कुमार चैधरी ने कहा कि जातीय जनगणना के मुद्दे पर विपक्ष जबरन श्रेय लेने का पाखंड कर रहा है, जबकि सच्चाई यह है कि इसकी पहल और बिहार में इसका संपूर्ण नेतृत्व माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार द्वारा किया गया। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि विपक्ष की भूमिका मात्र समर्थन देने तक सीमित रही है,

जबकि इस ऐतिहासिक निर्णय की शुरुआत और क्रियान्वयन दोनों नीतीश सरकार द्वारा किए गए। उन्होंने यह भी कहा कि समर्थन देने और किसी पहल की शुरुआत करने में गहरा अंतर होता है।

उन्होंने बताया कि वर्ष 2019-20 में सबसे पहले श्री नीतीश कुमार ने यह मांग उठाई थी कि वर्ष 2021 की जनगणना जातीय आधार पर हो। इस विषय पर बिहार विधानसभा से सर्वसम्मति से प्रस्ताव भी पारित किया गया था, और उस समय राज्य में श्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए की सरकार थी। वर्ष 2022 में जब बिहार में पहली बार जातीय गणना का निर्णय लिया गया, तब भी एनडीए गठबंधन की सरकार थी।

श्री चैधरी ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में यह चुनौतीपूर्ण कार्य न केवल सुचारु रूप से संपन्न हुआ, बल्कि समयसीमा के भीतर इसके आँकड़े भी सार्वजनिक कर दिए गए, जो एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। उन्होंने यह भी उजागर किया कि इंडी गठबंधन की बैठक में जब श्री नीतीश कुमार ने जातीय जनगणना को पहली प्राथमिकता देने का प्रस्ताव रखा, तब कांग्रेस नेता श्री राहुल गांधी और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री श्रीमती ममता बनर्जी ने इसे नकार दिया।

अंत में उन्होंने दोहराया कि देश में जातीय जनगणना का श्रेय माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को जाता है, जबकि इसकी आधारशिला रखने और बिहार में इसे जमीन पर उतारने का श्रेय सिर्फ और सिर्फ मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार को। उन्होंने कहा कि जातीय गणना का मुद्दा प्रारंभ से ही हमारे नेता की प्राथमिकताओं में शामिल रहा है।

 

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