कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर सोन नदी में उमड़ी भीड़ श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी किया स्नान।।..

त्रिलोकी नाथ प्रसाद:-कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर शुक्रवार को सोन नद में श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई, और स्नान कर मंदिरों में पूजन किया. शाम को सोन नद तट पर दीप जलाकर देव दीपावली भी मनाई गई। कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर श्रद्धालुओं ने एनीकट, शिवगंज, पाली, बालगोविंद बिगहा, पीपीसीएल कालोनी, कटार, इंद्रपुरी समेत अन्य स्थानों पर सुबह से ही स्नान करने के लिए श्रद्धालुओं का ताता लगा रहा।कार्तिक पूर्णिमा को हिंदू धर्म के पवित्र दिनों में से एक माना जाता है। जिस कारण इस दिन लोग गंगा स्नान करने को विशेष महत्व देते हैं।
इस दिन गंगा सहित अन्य नदियों में पूजा -अर्चना और दान का विशेष महत्व माना जाता है। इस कारण श्रद्धालुओं ने स्नान कर दान और पूजा अर्चना की। मान्यता के अनुसार आज के दिन हुई आराधना पूरे साल की गई पूजा पाठ के बराबर फल देती है। भगवान शिव ने आज ही के दिन त्रिपुरासुर का वध किया था। इस वजह से कार्तिक पूर्णिमा को तिरुपुर पूर्णिमा भी कहा जाता है।
कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर शाम के समय देव दीपावली मनाने की भी परंपरा है। आचार्य उपेंद्र शुक्ला ने कहा, कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन हीं शाम के वक्त भगवान विष्णु ने मत्स्य अवतार लिया था। इसी वजह से देव दीपावली मनाई जाती है। सोन नद तट पर शाम को श्रद्धालुओं ने दीप जलाकर सोन नद तट को जगमग किया। वैदिक मंत्र उच्चारण के साथ दीप जलाकर देव दीपावली मनाई। इस अवसर पर सोन नद के अलावा विभिन्न मंदिरों में भी भक्तों की भीड़ देखी गई। कार्तिक पूर्णिमा को लेकर सुबह से सोन नद व नहर तट पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ से सोन का नज़ारा मेलामय बना हुआ था। आस्था व भक्ति के आगे कोविड गाइडलाइन का अनुपालन दूर-दूर तक दिखाई नहीं दे रहा था। सोन में पानी कम होने के कारण हादसे का आशंका भी कम था। बावजूद भारी भीड़ के बीच पहली बार पुलिस प्रशासनिक व्यवस्था नहीं होने का मलाल आम लोगों में था। वहीं पूर्व विधायक इंजीनियर सत्यनारायण सिंह, भाजपा नगर अध्यक्ष संजय गुप्ता समेत दर्जनों भाजपा व विद्यार्थी परिषद कार्यकर्ता महिला श्रद्धालुओं की सेवा और सहायता में तत्पर दिखे.