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पर्यटन मंत्रालय ने भारत को एक समग्र पर्यटन स्थल के रूप में बढ़ावा दिया: श्री जी. किशन रेड्डी

त्रिलोकी नाथ प्रसाद-पर्यटन मंत्रालय स्वदेश दर्शन और प्रशाद योजनाओं के तहत देश में पर्यटन की अवसंरचना और सुविधाओं के विकास के लिए राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों/केंद्रीय एजेंसियों को वित्तीय सहायता उपलब्‍ध कराता है।

प्रशाद स्‍कीम के तहत 2017-18 में त्र्यंबकेश्वर के विकास के लिए 37.81 करोड़ रुपये की सहायता मंजूर की गई।

पर्यटन का संवर्धन और विकास मुख्य रूप से राज्य सरकारों/केन्‍द्रशासित प्रदेश के प्रशासनों द्वारा किया जाता है। पर्यटन मंत्रालय स्वदेश दर्शन और प्रशाद की अपनी योजनाओं के तहत महाराष्ट्र सहित देश में पर्यटन के बुनियादी ढांचे और सुविधाओं के विकास के लिए राज्य सरकारों/केंद्रशासित प्रदेशों के प्रशासनों/केंद्रीय एजेंसियों को वित्तीय सहायता प्रदान करता है। राज्य सरकारों द्वारा परियोजना प्रस्तावों की प्रस्‍तुति और उसकी स्वीकृति एक सतत प्रक्रिया है। योजनाओं के तहत विकास के लिए परियोजनाओं की पहचान राज्य सरकारों/केन्‍द्रशासित प्रदेशों के प्रशासनों/केंद्रीय एजेंसियों के परामर्श से की जाती है और उनकी मंजूरी, प्रस्तावों की प्रस्तुति, संबंधित योजना दिशानिर्देशों के उनके अनुपालन, उपयुक्त विस्तृत परियोजना रिपोर्ट की प्रस्तुति, फंड की उपलब्धता और पूर्व में जारी की गई धनराशि के उपयोग के अधीन दी जाती है।

पर्यटन मंत्रालय ने 2015-16 में सिंधुदुर्ग तटीय सर्किट (शिरोदा बीच), सागरेश्वर, तारकरली, विजयदुर्ग (समुद्र तट और क्रीक), देवगढ़ (किला और समुद्र तट), मितभाव, टोंडावली, मोसेहमद तथा निवती किला के महाराष्ट्र तटीय सर्किट विकास को 19.06 करोड़ रुपये की तथा 2018-19 में वाकी-अदासा-धापेवाड़ा-परदसिंह-छोटा ताज बाग-तेलखंडी-गिराड के आध्यात्मिक सर्किट के विकास के लिए 54.01 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की है।

पर्यटन मंत्रालय की प्रशाद स्‍कीम के तहत वर्ष 2017-18 में त्र्यंबकेश्वर के विकास के लिए 37.81 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए थे।

भारत सरकार का पर्यटन मंत्रालय, टाइगर रिजर्व, राष्ट्रीय उद्यानों, हिल स्टेशनों, समुद्र तटों, वन्य जीवन, विरासत स्थलों, ऐतिहासिक स्थानों और मंदिरों सहित एक समग्र पर्यटन स्थल के रूप में भारत को बढ़ावा देता है। अपनी जारी गतिविधियों के एक हिस्‍से के रूप में देश में पर्यटन उत्पादों और गंतव्यों को बढ़ावा देने के लिए अतुल्य भारत ब्रांड-लाइन के तहत घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक, ऑनलाइन और आउटडोर मीडिया अभियान चलाता है। मंत्रालय अपनी वेबसाइटों और समय-समय पर तैयार की गई प्रचार-प्रसार सामग्री के माध्यम से पर्यटन स्थलों और उत्पादों को भी बढ़ावा देता है।

 

यह जानकारी पर्यटन मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी ने आज लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

 

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