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सीएम का ओएसडी बताकर एग्जक्युटिव इंजीनियर्स को फोन कर ब्लैकमेल करने वाले नटवरलाल को विधायक मुजाहिद आलम की शिकायत पर आर्थिक अपराध ईकाई तथा किशनगंज पुलिस ने मुजफ्फरपुर से दबोच लिया..

किशनगंज/धर्मेंद्र सिंह खुद को सीएम का ओएसडी रत्नेश बताकर ऑफिसर्स एवं एग्जक्युटिव इंजीनियर्स को फोन कर ब्लैकमेल करने वाले नटवरलाल को विधायक मुजाहिद आलम की शिकायत पर आर्थिक अपराध ईकाई तथा किशनगंज पुलिस ने मुजफ्फरपुर से दबोच लिया है।प्राप्त जानकारी के अनुसार कोचाधामन के जदयू विधायक मुजाहिद आलम को दिनांक 1 अगस्त 2019 को दिन में 3 बजे मोबाइल नंबर 9471299753 से एक फोन काॅल आता है जिसमें फोन करने वाले ने विधायक मुजाहिद आलम से कहा कि मैं सीएम नीतीश कुमार का ओएसडी रत्नेश बोल रहा हूँ तथा आप मुझे जानते हैं एवं सचिवालय में आपसे भेंट भी है।बात चीत में विधायक से पूछा गया कि आपने ग्रामीण कार्य विभाग किशनगंज के कार्यपालक अभियंता अमल प्रकाश के विरुद्ध सीएम के यहां कोई शिकायत की है।इसपर विधायक ने कहा कि उनके द्वारा कोई भी शिकायत नहीं की गई है।थोड़ी देर बाद तुरंत उसी नम्बर से काॅल आता है पुनः वही बात पूछी जाती है।इसपर विधायक को काॅल करने वाले पर शक हो जाता है क्योंकि विधायक मुजाहिद आलम न तो किसी रत्नेश नाम के व्यक्ति को जानता है न ही किसी इंजीनियर के विरुद्ध कोई शिकायत किए हैं।दूसरे दिन दिनांक 2 अगस्त 2019 को विधायक ने इस रत्नेश नाम के व्यक्ति की फोन काॅल की जानकारी के लिए ग्रामीण कार्य विभाग किशनगंज के कार्यपालक अभियंता अमल प्रकाश को फोन किये तो उन्होंने विधायक को बताया कि बीते 1 अगस्त को डीएम ऑफिस किशनगंज के कार्यालय स्टाॅफ अमृत लाल ने फोन पर बोला कि कि मुख्यमंत्री सचिवालय से आपको खोजा जा रहा है तथा आप ओएसडी रत्नेश से उनके मोबाइल नंबर पर बात कर लें। तब कार्यपालक अभियंता अमल प्रकाश ने अपने सरकारी नम्बर से कथित ओएसडी रत्नेश के मोबाइल नंबर पर बात किये तो रत्नेश ने बताया कि आप अपने निजी नंबर से बात करें।तब इन्होंने अपने निजी मोबाइल नंबर से रत्नेश से बात किया तो उसने फोन पर अपने आप को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ओएसडी रत्नेश बताकर बोला कि आपके विरुद्ध आर्थिक अपराध का मामला मुख्यमंत्री सचिवालय में चल रहा है तथा फोन पर ही अमल प्रकाश का फाइल लाने की बात सुनाए।साथ ही बोला कि हमदोनों एक ही जाति यादव जाति के हैं। रत्नेश के द्वारा बोला गया कि रुपया खर्च करें तो मैनेज कर फाइल गायब करा दूंगा।फिर विधायक मुजाहिद आलम ने पता किया तो पता चला कि रत्नेश नाम का कोई भी ओएसडी है ही नहीं।विधायक मुजाहिद आलम को ऐसा प्रतीत हुआ कि मोबाइल नंबर 9471299753 का धारक जो अपने आप को छल द्वारा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ओएसडी रत्नेश बताकर विधायक का नाम बेचकर ग्रामीण कार्य विभाग किशनगंज के कार्यपालक अभियंता अमल प्रकाश से रुपया ठगी करने का प्रयास किया है, जो कि गम्भीर अपराध है।इतना होने के बाद विधायक मुजाहिद आलम ने अपने लेटर पेड में मामले को लिखित रूप में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को 2 अगस्त को फैक्स के माध्यम से सूचित किया।इस तत्काल संज्ञान में लेते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधायक मुजाहिद आलम को पुख्ता सबूत के साथ 2 अगस्त को ही पटना तलब किया। 5 अगस्त को दोपहर 12 बजे सभी डिटैल्स के साथ सीएम हाउस में विधायक मुजाहिद आलम ने आवश्यक जानकारी दी, जहाँ डीजीपी गुप्तेश्वर पाण्डेय, मुख्य सचिव दीपक कुमार, ग्रामीण कार्य विभाग के सचिव विनय कुमार को सीएम हाउस तलब कर घटना की जानकारी देते हुए 24 घंटे के के भीतर आरोपी को चिन्हित कर गिरफ्तार करने का निर्देश दिया।मौके पर ही सीएम के आदेश पर विधायक मुजाहिद आलम ने डीजीपी के नाम घटना से संबंधित आवेदन पत्र सौंपा।त्वरित कार्रवाई करते हुए डीजीपी गुप्तेश्वर पाण्डेय के निर्देश पर किशनगंज एसपी कुमार आशीष ने घटना का उद्भेदन के लिए विशेष टीम का गठन कर आरोपी के काॅल लोकेशन के आधार पर मुजफ्फरपुर के लिए टीम रवाना किया परन्तु वहां कामयाबी नहीं मिली।फिर 9471299753 नंबर का सिम जो मोहम्मद असलम, जहानाबाद के नाम से इश्यू किया हुआ था। 6 अगस्त को किशनगंज पुलिस की टीम ने मोहम्मद असलम को जहानाबाद से पकड़ लिया।उस से पूछताछ करने पर पता चला कि मोहम्मद असलम ने 9471299753 नंबर का सिम अपने नाम से लेकर उस वक्त के भवन निर्माण विभाग जहानाबाद के इंजीनियर परमेश्वर सिंह को दिया था।जो वर्तमान में अरवल के कार्यपालक अभियंता हैं।मोहम्मद असलम की निशान्देही पर पुलिस ने परमेश्वर सिंह को पटना से पकड़ा।पूछताछ में परमेश्वर सिंह ने पुलिस को बताया कि मैने असलम से बीएसएनएल का सिम लिया था, जिसे मैने सीएम का ओएसडी रत्नेश को दिया है।जो पिछले दो सालों से अपने आपको सीएम का ओएसडी रत्नेश बताकर मेरा भयादोहन कर रहा है।इस बीच विधायक कोचाधामन के आवेदन पर 6 अगस्त को आर्थिक अपराध ईकाई में केस नंबर 06/2019 दर्ज किया गया जिसके आईओ इंस्पेक्टर विजय कृष्ण बनाए गए।किशनगंज पुलिस के द्वारा जुटाये गये साक्ष्य के सहारे इंस्पेक्टर विजय कृष्ण ने अपनी टीम के साथ 6 अगस्त से ही अपनी आगे की कार्रवाई शुरू की।तब से उनकी टीम मुजफ्फरपुर में कैंप की हुई थी।आखिरकार 10 अगस्त की रात को खुद को सीएम का ओएसडी रत्नेश बताकर ऑफिसर्स एवं एग्जक्युटिव इंजीनियर्स को फोन कर ब्लैकमेल कर रुपये उगाही करने वाले नटवरलाल को बीआर 06पीडी 0003 नंबर की स्काॅरपियो गाड़ी के साथ गिरफ्तार कर लिया गया।जो अपना नाम शशि भूषण बता रहा है।जो मुजफ्फरपुर में रहता था असल घर भगवानपुर वैशाली बताया।उसकी निशान्देही पर भगवानपुर वैशाली से वो जिस मोबाइल नंबर से रत्नेश बनकर ठगी करता था वो सिम भी बरामद कर लिया गया है।मुजफ्फरपुर एसएसपी मनोज कुमार के आवास पर पूछताछ के बाद उसे आर्थिक अपराध शाखा पटना ले जाया गया जहाँ से आवश्यक पूछताछ के बाद जेल भेजने की तैयारी की जा रही है।इस रैकेट में शामिल अन्य अपराधियों का भी आर्थिक अपराध ईकाई की टीम कुंडली खंगालने में लगी है।पिछले कई सालों से ये खुद को सीएम का ओएसडी रत्नेश बताकर दर्जनों आफिसर्स एवं एग्जक्युटिव इंजीनियर्स को फोन कर ब्लैकमेल कर चुना लगा चुका है।उक्त रैकेट के उद्भेदन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, डीजीपी गुप्तेश्वर पाण्डेय, एडीजी आर्थिक अपराध शाखा गंगवार, किशनगंज एसपी कुमार आशीष, मुजफ्फरपुर एसएसपी मनोज कुमार, आर्थिक अपराध शाखा इंस्पेक्टर विजय कृष्ण, सब इंस्पेक्टर नीरज कुमार निराला एवं किशनगंज पुलिस टीम के प्रति तत्काल कार्रवाई करने के लिए विधायक मुजाहिद आलम ने आभार प्रकट किया है।

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