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अफ्रीकी देशों में शिक्षा उन्नयन में टीसीआईएल की भूमिका अहम..

पटना/श्रीधर पांडे अपनी योग्यता, कर्मठता, दक्षता, अनुभव एवं ईमानदारी के दम पर समाज मे एक विशिष्ट पहचान स्थापित करने वाले श्री कामेंद्र कुमार ने बताया कि वर्ष 1982 में आईआईटी रूड़की से अपनी इंजिनियरिंग की डिग्री प्राप्त की और भारतीय प्रबंधनसंस्थान लखनऊ से कार्यकारी प्रबंधन पाठ्यक्रम पूरा किया।इन्होंने अपने कैरिअर की शुरुआत रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (डीआरडीओ) में वैज्ञानिक के पद पर की थी और उसके बाद इन्होंने सार्वजनिक उपक्रमों, संयुक्त उपक्रमों और एल्सटॉम सेजेलेक (फ्रेंच) और एलजी(कोरियाई) जैसी प्रमुख बहराष्ट्रीय कंपनियों में काम किया।अपने विद्यार्थी जीवन के दौरान, इन्हें हाई स्कूल छात्रवृत्ति, इंटरमीडिएट छात्रवृत्ति और राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हए।पढ़ाई के अलावा अन्य गतिविधियों में भी सक्रिय रहते हए वे रूड़की विश्वविद्यालय विद्यार्थी संघ के अध्यक्ष, अखिल भारतीय युवा महोत्सव के संयोजक, पैन-आईआईटी संघ की गठित समिति के सदस्य और टीईएमए की कार्यकारी परिषद के भी सदस्य रहे।इन्हें दुनिया भर के देशों में भ्रमण करने का भी व्यापक अनुभव प्राप्त है।इससे पहले श्री कामेंद्र कुमार टीसीआईएल में महाप्रबंधक, समूह महाप्रबंधक और कार्यपालक निदेशक के पद पर, आईसीएसआईएल में प्रतिनियुक्ति पर प्रबंध निदेशक के पद पर और एलजी सिस्टम्स इंडिया में महाप्रबंधक के पद पर रह चुके हैं।वे टीसीआईएल में मुख्य लोक सूचना अधिकारी के पद पर भी कार्यरत रह चुके हैं।लगभग 35 वर्ष के अपने सिद्ध तकनीकी-व्यावसायिक अनुभव और सरकारी एवं निजी बहराष्ट्रीय कंपनियों के कार्यानुभव के साथ वे टीसीआईएल के विकास में निश्चित रूप से नए आयाम जोडेंगे इसका उन्होंने भरोसा दिलाया।आगे उन्होंने बताया कि टीसीआईएल (संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत भारत सरकार का उद्यम) ने ई-वीबीएबी नेटवर्क परियोजना के लिए बेनिन और गिनी गणराज्य के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।भारत की बेनिन, गांबिया और गिनी राष्ट्रों की पहली यात्रा के दौरान महामहिम राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद की गरिमामयी उपस्थिति के बीच टेलीकम्युनिकेशन्स कंसलटेंट्स इंडिया लिमिटेड (टीसीआईएल) और बेनिन एवं गिनी के बीच ई-वीबीएबी नेटवर्क परियोजना में भागीदारी हेतु समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।टीसीआईएल की ओर से निदेशक (तकनीकी) श्री कामेंद्र कुमार ने इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए जिसके तहत बेनिन और गिनी गणराज्य में भारत की ओर से दूर-शिक्षा कार्यक्रम ई-विद्याभारती और दूर-शिक्षा कार्यक्रम ई-आरोग्यभारती प्रदान किए जाएंगे।प्रारंभिक रूप से टीसीआईएल अफ्रीका में लगभग 15000 अफ्रीकी विद्यार्थियों को दूर-शिक्षा पाठ्यक्रम और 5000 चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफ को दूर-चिकित्सा पाठ्यक्रम उपलब्ध कराएगा।इसकी सफलता के आधार पर बाद में स्व-चिरस्थायी मॉडल पर इसे आगे भी विस्तारित किया जाएगा।
चरण -1-पैन अफ्रीकी ई-नेटवर्क परियोजना
दूर-शिक्षा और दूर-चिकित्सा के लिए पैन-अफ्रीकी ई-नेटवर्क परियोजना (पीएईएनपी) चरण-1 की संकल्पना भारत के दिवंगत पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे अब्दुल कलाम ने दी थी जिसके तहत इसे सर्वप्रथम 26 फरवरी, 2009 में औपचारिक रूप से प्रारंभ किया गया था।विदेश मंत्रालय द्वारा 130 मिलियन अमेरिकी डॉलर की प्राक्कलित लागत का निधियन किया गया जिसके चलते टीसीआईएल द्वारा पीएईएनपी का सफलतापूर्वक कार्यान्वयन किया गया। यह नेटवर्क वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और वीओआईपी के माध्यम से अफ्रीकी राष्ट्राध्यक्षों के बीच दूर-शिक्षा और दूर-चिकित्सा सेवाएं प्रदान करता है।भारत के 5 शैक्षिक संस्थानों और 12 अति विशिष्टताप्राप्त अस्पतालों की भागीदारी के साथ 21000 से भी अधिक अफ्रीकी विद्यार्थियों के लिए 20000 से भी अधिक शैक्षिक सत्रों का संचालन किया गया जिसे जबरदस्त सफलता प्राप्त हुई।इसके अलावा अफ्रीकी चिकित्सकों, नर्सों और पैरा मेडिकल स्टाफ के लिए 6700 अनवरत चिकित्सा शिक्षा सत्रों (सीएमई) और 800 दूर-चिकित्सा परामर्शी सत्रों का आयोजन किया गया।
चरण 2-ई-विद्याभारती एवं ई-आरोग्यभारती परियोजना
पैन अफ्रीकी ई-नेटवर्क परियोजना को अब ई-विद्याभारती और ई-आरोग्यभारती (ई-वीबीएबी) नेटवर्क परियोजना का नया नाम दिया गया है।ई-विद्याभारती (दूर-शिक्षा) और ई-आरोग्यभारती (दूर-चिकित्सा) परियोजना वेब-आधारित पोर्टलों पर चलाई जाएगी जिसके तहत भारत के शैक्षिक संस्थानों और अस्पतालों को 54 अफ्रीकी देशों के प्रतिभागी विश्वविद्यालयों और अस्पतालों से जोड़ा जाएगा।ई-वीबीएबी पूर्व चरण का एक प्रकार से व्यापक स्तर का प्रौद्योगिकीय अद्यतन रूप है।अगले 5 वर्षों में ई-वीबीएबी नेटवर्क परियोजना के माध्यम से अफ्रीकी विद्यार्थियों को दूर-शिक्षा के उपयोग से भारतीय विश्वविद्यालयों/शैक्षिक संस्थानों से विभिन्न प्रकार के शैक्षिक सत्र प्रदान किए जाएंगे।इसी प्रकार इस परियोजना में अफ्रीकी विद्यार्थियों, चिकित्सकों, नर्सों और पैरामेडिकल स्टाफ को शैक्षिक और चिकित्सा विशेषज्ञता उपलब्ध कराई जाएगी।विदेश मंत्रालय ने प्रारंभ में 14 अफ्रीकी देशों यानि कि घाना, तंजानिया, इथियोपिया, डेमेक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो, मलावी, जांबिया, युगांडा, दक्षिणी सुडान, लाइबेरिया, बेनिन, गिनी गणराज्य, आइवरी कॉस्ट, मोजांबिक और सुडान में एक पायलट परियोजना प्रारंभ करने का प्रस्ताव रखा है। अगस्त 2019 में इन 14 देशों में से दो देशों यानि कि बेनिन और गिनी गणराज्य के साथ टीसीआईएल ने महामहिम राष्ट्रपति के पश्चिमी अफ्रीकी दौरे के दौरान उनकी गरिमामयी उपस्थिति के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।

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