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भारत में खाद्य प्रसंस्करण की यात्रा, देश की सदियों पुरानी बुद्धिमत्ता और प्रगति को अपनाने की क्षमता को दर्शाती है। अचार बनाने और खाद्य पदार्थ सुखाने की प्राचीन परंपराओं से लेकर आज की परिष्कृत तकनीकों तक, भारत ने अपनी समृद्ध पाक-कला विरासत को आधुनिक प्रगति के साथ सहजता से मिश्रित किया है।

त्रिलोकी नाथ प्रसाद /यह यात्रासिर्फ लोगों को खाना खिलाने के बारे में नहीं है, बल्कि भारत की पाक-कला पहचान को परिभाषित करने वाले विविध और जटिल स्वादों का उत्सव मनाने से भी गहराई से जुड़ी हुई है।भारत का खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र, जिस परदेश की कृषि-अर्थव्यवस्था केंद्रित है, परंपरा और आधुनिकता के संगम-बिंदु पर स्थित परिवर्तनकारी क्षमता का प्रतीक है। कटाई, छंटाई और श्रेणी-निर्धारण से लेकर पैकेजिंग, संरक्षण एवं मूल्य संवर्धन तक की गतिविधियों की एक विस्तृत श्रृंखला को शामिल करते हुए, खाद्य प्रसंस्करण कृषि और वैश्विक बाजार के बीच की खाई को पाटने में उत्प्रेरक का काम करता है। खाद्य प्रसंस्करण की प्रक्रिया में हमारे खेतों की कच्ची उपज को अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त उत्पादों में बदला जाता है, जिससे भारत आत्मविश्वास के साथ वैश्विक मंच पर आगे बढ़ता है।

हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में, भारत सरकार ने इस क्षेत्र की क्षमता को पहचाना है, जिससे देश आर्थिक आत्मनिर्भरता और वैश्विक नेतृत्व की दिशा में तेजी से आगे बढ़ सकता है। उन्होंने समय-समय पर कृषि और खाद्य प्रसंस्करण के बीच सहजीवी संबंध को स्पष्ट रूप से व्यक्त किया है तथा मूल्य संवर्धन और तकनीकी नवाचार की आवश्यकता पर बल दिया है। उद्यमियों को आधुनिक तकनीकों को अपनाने और वैश्विक बाजारों की खोज करने के उनके आह्वान की प्रतिध्वनि मंत्रालय द्वारा की गई पहलों में परिलक्षित होती है। किसानों की आय दोगुनी करने और कृषि-खाद्य निर्यात को बढ़ावा देने का मिशन, खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र की सफलता से आंतरिक रूप से जुड़ा हुआ है, जो भारत की कृषि संपदा को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला के साथ जोड़ने का माध्यम है।2047 तक विकसित भारत के आह्वान में, एक ऐसे भारत की परिकल्पना की गई है, जो समृद्धि, नवाचार और सतत विकास के प्रकाश-पुंज के रूप में उभरने के लिए अपनी चुनौतियों से पार पा चुका है। इस विजन के केंद्र में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र है, जो खाद्य सुरक्षा बढ़ाने, रोजगार सृजन करने और निर्यात को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार है।

चूंकि हम एक नए युग की दहलीज पर खड़े हैं, जो 2047 तक विकसित भारत के कालखंड में प्रवेश करेगा, इसलिए भारत के कृषि कौशल को वैश्विक महाशक्ति बनाने से संबंधित हमारे प्रधानमंत्री का विजन, आगामी वर्ल्ड फ़ूड इंडिया 2024 में स्पष्ट रूप से व्यक्त होगा, जिसे मेरा मंत्रालय 19 से 22 सितंबर 2024 तक भारत मंडपम, नई दिल्ली में आयोजित कर रहा है। यह प्रतिष्ठित आयोजन, नवाचार, उद्यमिता और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग का एक वास्तविक संगम है, जो एक पुनरुत्थानशील और समृद्ध भारत की दिशा में आगे बढ़ने के मार्ग को रोशन करने वाले एक प्रकाश-पुंज के रूप में कार्य करता है और अपने लोगों की आकांक्षाओं को पूरी तरह से साकार करता है।
वर्ल्ड फ़ूड इंडिया 2023 की शानदार सफलता वैश्विक खाद्य परिदृश्य में भारत के बढ़ते महत्व का प्रमाण है। यह एक ऐसा आयोजन था, जिसमें वैश्विक विचारक, उद्योग जगत के दिग्गज और नीति निर्माता एक मंच पर आये। यह आयोजन नवाचार का वास्तविक भंडार था, जिसमें खाद्य प्रसंस्करण प्रौद्योगिकी, पैकेजिंग समाधान और सतत विकास से जुड़े तौर-तरीकों की नवीनतम प्रगति को प्रदर्शित किया गया। इस कार्यक्रम में खाद्य उत्पादन और प्रसंस्करण के क्षेत्र में भारत की पूरी क्षमता का प्रदर्शन किया गया, जिसने निवेश आकर्षित किया और साझेदारी बनाई। इसने 2024 में और भी भव्य आयोजन के लिए मंच तैयार किया।

वर्ल्ड फ़ूड इंडिया 2024 खाद्य प्रसंस्करण इकोसिस्टम के सभी घटकों को शामिल करने के लिए अपने दायरे का विस्तार करने के साथ, इस विरासत को आगे बढ़ाने का वादा करता है। बीज से लेकर दुकानों तक, उद्योग के हर पहलू को सावधानीपूर्वक तैयार और प्रस्तुत किया जाएगा, जिसमें प्रतिभागियों को अंतर्दृष्टि प्राप्त करने, सहयोग बनाने और नए बाजारों को तलाशने का एक अनूठा अवसर मिलेगा। यह आयोजन भारत के लिए गुणवत्ता, नवाचार और सतत विकास के लिए अपनी प्रतिबद्धता प्रदर्शित करने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करता है, जिससे खाद्य प्रसंस्करण के वैश्विक केंद्र के रूप में इसकी स्थिति मजबूत होती है।खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में व्यवसायों, उद्यमियों और हितधारकों के लिए, वर्ल्ड फूड इंडिया 2024 में भागीदारी केवल एक विकल्प नहीं, बल्कि रणनीतिक आवश्यकता है। यह आयोजन उद्योग जगत के अग्रणी व्यक्तियों से जुड़ने, नवीनतम तकनीकी प्रगति का पता लगाने और खाद्य उद्योग के भविष्य को आकार देने वाली उपभोक्ता की उभरती प्राथमिकताओं के बारे में जानकारी प्राप्त करने के अवसरों का एक अनूठा संगम प्रदान करता है।
इसके अलावा, वर्ल्डफूड इंडिया 2024 नेटवर्किंग और साझेदारी-निर्माण का अवसर प्रदान करेगा, जो अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक संगम-स्थल के रूप में काम करेगा, जिससे कारोबार को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में मदद मिलेगी। इस कार्यक्रम का विस्तृत प्रदर्शनी स्थल, विषयगत सत्र और आपसी-संवाद मंच प्रतिभागियों को जटिल वैश्विक खाद्य परिदृश्य को समझने के लिए आवश्यक उपकरण एवं ज्ञान प्रदान करता है, साथ ही प्रतिभागियों को अपने उत्पादों और सेवाओं को सम्मानित वैश्विक दर्शकों के सामने प्रदर्शित करने का अवसर भी प्रदान करता है।

स्टार्ट-अप्स के उत्साह और सरलता से प्रेरित होकर, मेरे मंत्रालय ने स्टार्टअप ग्रैंड चैलेंज के बहुप्रतीक्षित दूसरे संस्करण का अनावरण किया है। यह शानदार पहल भारत के कृषि-खाद्य और संबद्ध क्षेत्रों में आमूल-चूल बदलाव को उत्प्रेरित करने के लिए प्रतिबद्ध है। कचरे के मूल्य निर्धारण, पौष्टिक और अमृतमय खाद्य उत्पादों के निर्माण एवं जल उपयोग दक्षता जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों को लक्षित करके, यह चैलेंज नवाचार की क्रांति को शुरू करने का लक्ष्य रखता है, जिससे इस क्षेत्र को परिवर्तनकारी क्षमता से भरे भविष्य की ओर आगे बढ़ने में गति मिलेगी।भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) द्वारा वैश्विक खाद्य नियामक शिखर सम्मेलन, वर्ल्ड फ़ूड इंडिया 2024 के साथ मिलकर आयोजित किया जा रहा है। दूरदर्शी दिग्गजों का यह समागम एक सुरक्षित, सुदृढ़ खाद्य प्रणाली बनाने के हमारे सामूहिक संकल्प के लिए एक अदम्य प्रमाण के रूप में कार्य करेगा, जहां प्रत्येक हिस्सा सतर्कता से अटूट समर्पण के साथ संरक्षित होगा। इस शिखर सम्मेलन के माध्यम से, हम खाद्य सुरक्षा की चुनौतियों पर विजय पाने और एक ऐसी दुनिया बनाने के लिए अपनी साझी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं, जहां भोजन न केवल सुरक्षित हो, बल्कि सभी के लिए विश्वास और पोषण का आदर्श हो। यह वैश्विक सहयोग और प्रगति के सार को दर्शाता है, जो हमारे सबसे गहन मूल्यों और आकांक्षाओं को प्रतिबिंबित करता है।

वर्ल्ड फ़ूड इंडिया 2024 के भव्य ताने-बाने में, विशेष ध्यान के केंद्र-बिंदु परिवर्तनकारी बदलाव के वास्तविक प्रकाश-पुंज के रूप में खड़े हैं, जो देश के खाद्य क्षेत्र को एक शानदार भविष्य की ओर ले जा रहे हैं। खाद्य विकिरण;खाद्य-उत्पादों की सुरक्षा और शेल्फ लाइफ की दोहरी पवित्रता सुनिश्चित करता है और हमारे भोजन को दूषित होने से बचाता है। पादप-आधारित प्रोटीन नवाचार के अगुआ हैं, जो गहन प्रभाव के साथ सतत पोषण प्रदान करते हैं। न्यूनतम अपशिष्ट, अधिकतम मूल्य का दर्शन, दक्षता का प्रतीक है, जो उत्पादन के प्रत्येक अंश को अमूल्य संसाधनों में बदल देता है। टिकाऊ पैकेजिंग, पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देती है और हमारे पर्यावरणीय दुष्प्रभाव को कम करती है। अंत में, खेत से लेकर खाने तक खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना तथा हर थाली तक शुद्ध, सुरक्षित पोषण पहुंचाना; हमारी अटूट प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।भारत 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है, खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र इस महत्वाकांक्षी प्रयास का समर्थन करने वाले प्रमुख स्तंभों में से एक है। इस ऐतिहासिक आयोजन में भाग लेकर, व्यवसाय जगत भारत को खाद्य उत्पादन और प्रसंस्करण में वैश्विक स्तर पर अग्रणी देश बनाने के सरकार के मिशन के साथ खुद को जोड़ सकता है एवं तेजी से बढ़ते बाजार और सहायक नीतिगत माहौल का लाभ उठा सकता है।

हम एक नए युग की दहलीज पर खड़े हैं, वर्ल्ड फूड इंडिया 2024 बदलाव का अग्रदूत, वैश्विक मंच पर भारत के उत्थान का प्रतीक और इस क्षेत्र की परिवर्तनकारी शक्ति का प्रमाण बनकर उभर रहा है। आइए हम सब मिलकर, उद्देश्य और दृष्टि में एकजुट होकर, वर्ल्ड फूड इंडिया 2024 को शानदार तरीके से सफल बनाएं और एक नए भारत की सुबह की शुरुआत करें- एक ऐसा राष्ट्र, जो न केवल आत्मनिर्भर हो, बल्कि दुनिया के लिए समृद्धि, नवाचार और सतत विकास का प्रतीक भी हो।

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