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भूमि सर्वेक्षण के नाम पर गरीबों को नहीं उजाड़े सरकार: भाकपा

कुणाल कुमार/भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मंडल ने राज्य में शुरू किए गए विशेष भूमि सर्वेक्षण पर कई सवाल खड़े किए हैं। राज्य सरकार भूमि सर्वेक्षण के नाम पर भूमिहीनों को उजाड़ने के बजाए उसे मालिकाना हक दिलाने की गारंटी करे। भाकपा ने भूमि सर्वेक्षण कार्य को सरल बनाने, ऑन लाइन रजिस्टर टू व जमाबंदी को दुरुस्त करने, सभी पर्चाधारियों के नाम पर खाता व जमाबंदी खोलने और बटाईदारों को मालिकाना हक देने की मांग की है।
भाकपा राज्य सचिव ने कहा कि बिहार में भूमि सर्वेक्षण शुरू होने से पहले रजिस्टर टू और जमाबंदी का कम्प्यूटरीकृत किया गया है। ऑन लाइन रजिस्टर टू और जमाबन्दी में कई विसंगतियां है। रजिस्टर टू में रैयत के नाम और पिता के नाम में भी त्रुटि है। इसे दुरुस्त किया जाय। जमाबन्दी में खेसरा नम्बर नहीं चढ़ा है। भूमि सर्वेक्षण से पहले रजिस्टर टू और जमाबंदी को दुरुस्त किया जाय।
हदबंदी से फाजिल जमीन रखने वाले भू स्वामी, गैर मजरुआ आम, गैर मजरुआ खास और गैर मजरुआ मालिक जमीन पर जो सुयोग्य श्रेणी के भूमिहीन जो वर्षों से जोत रहे हैं या बसे हुए हैं, उन्हें मालिकाना हक दिया जाए।

भाकपा राज्य सचिव ने कहा कि विभिन्न प्रकार की जमीन पर गरीब 50 वर्षों से बस हुआ हैं। वैसे भूमिहीन जो जिस किस्म की जमीन पर वर्षों से बसा हुआ है, उन्हें उस जमीन का मालिकाना हक दिया जाय और उसके नाम से खाता खोला जाय। भू-हदबंदी से फाजिल जमीन पर जिन बटाईदारों को बटाई का पर्चा मिला हुआ है, उसके नाम पर उक्त भूमि का खाता खोला जाय।

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