किशनगंज : नौनिहालों को पोलियो की खुराक पिलाकर डीएम ने की पल्स पोलियो अभियान की शुरुआत।

19 जून से 23 जून तक चलेगा पल्स पोलियो टीकाकरण अभियान, 3.39 लाख लक्षित बच्चों को पिलायी जाएगी पोलियो की दवा।
- अभियान के दौरान कोविड टीकाकरण का सर्वे भी किया जायेगा।
किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, जिले में पांच दिन तक चलने वाले अंतरराज्जीय पल्स पोलियो उन्मूलन कार्यक्रम का शुभारंभ रविवार को जिलाधिकारी श्रीकांत शास्त्री के द्वारा शहर के खगड़ा स्थित बीआरसी भवन में शिशुओं को पोलियो ड्रॉप पिलाकर किया गया। यह अभियान 19 जून से 23 जून तक जिले के सभी प्रखंडों मे चलेगा। इस अवसर पर जिलाधिकारी ने कहा पोलियो की दो बूंद बच्चों को पोलियो जैसे गंभीर रोग से बचाएगी। नवजात शिशुओं में विकलांगता होने के प्रमुख लक्षणों में से एक हैं पोलियो, जिससे ग्रसित होने पर शिशु उम्र भर के लिए लाचार हो जाता है। अभियान के तहत शत-प्रतिशत बच्चों का टीकाकरण सफलतापूर्वक संपन्न करना पहली प्राथमिकता है। यह हम सबकी नैतिक जिम्मेदारी है कि अपने और समुदाय के पांच वर्ष से कम आयु के नौनिहालों को पोलियो की दवा जरूर पिलाएं तथा स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाये अभियान को सार्थक कर पोलियो को जड़ से खत्म करें। उन्होंने बताया कि दक्षिण-पूर्व एशिया समेत भारत को 2014 से ही पोलियो मुक्त घोषित किया गया है पर आस-पड़ोस के देश जैसे पाकिस्तान, अफगानिस्तान आदि देश अभी भी पोलियो से ग्रसित हैं। वहां से आने वाले लोगों द्वारा यह भारत में भी फैल सकता है। इसलिए हमें सावधान रहना जरूरी है जिसके लिए अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने जिले के निवासियों से अपील करते हुए कहा कि आपलोग अपने बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए उन्हें पोलियो की दवा पिलाकर अभियान को सफल बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाये।
उद्घाटन के दौरान सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ देवेन्द्र कुमार, जिला कार्यक्रम प्रबन्धक डॉ मुनाजिम, यूनिसेफ के एसएमसी एजाज अफजल, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ कश्यप, प्रखण्ड स्वास्थ्य प्रबंधक अजय कुमार एवं सीफार के जिला समन्वयक सहित कई अन्य पदाधिकारी मौजूद थे। सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने बताया कि पल्स पोलियो अभियान के दौरान जिले के करीब 3 लाख 39 हजार बच्चों को दवा पिलाने के लक्ष्य के आलोक में 22,125 बायो वालेंट वैक्सीन प्राप्त की गयी है। इसके लिए घर-घर जाकर दवा पिलाने के लिए जिले में 1052 टीम बनाई गई हैं। जिसके द्वारा कुल 3.64 लाख घरों में भ्रमण किया जाएगा। जिसके लिए कुल 927 हाउस टू हाउस टीम लगाई गई है। चौक-चौराहों पर भी दवा पिलाने के लिए जिले में 90 ट्रांजिट टीम बनाई गई है। इसके अलावा बासा, ईंट भट्ठों व घुमंतू आबादी वाले क्षेत्रों में भी दवा की पहुंच बनाने के लिए 25 मोबाइल टीम तैयार की गई है। सभी टीम की निगरानी के लिए 315 सुपरवाइजर भी तैयार किए गए हैं। एक सुपरवाइजर द्वारा 3 टीम का निरीक्षण किया जाएगा। पोलियो से जुड़ी सभी टीम और विशेष तौर पर आशा कार्यकताओं को यह निर्देश भी दिया गया है कि पोलियो पिलाने के दौरान क्षेत्र भ्रमण करते हुये वो उन सभी लाभार्थियों और घरों को चिह्नित करेंगी, जिन्होने अभी भी कोविड टीकाकरण की दूसरी डोज़ नहीं ली है। ताकि जल्द से जल्द उन्हें टीकाकरण के लिए प्रेरित कर पूरे जिले में कोविड टीकाकरण के लक्ष्य को शत प्रतिशत पूरा किया जा सके। इसके साथ ही सभी अधिकारियों एवं कर्मियों और को अभियान के दौरान कोविड-19 के गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए कार्य करने का निर्देश दिया है। पोलिया टीकाकरण अभियान में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा सहित अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को पूर्व की भांति लगाया गया है। जो अपने पोषक क्षेत्र में घर-घर जाकर बच्चों को दवा पिलाने के पश्चात घर के मुखिया का नाम, 12 वर्ष से ऊपर वाले कुल लाभार्थी की संख्या, प्रथम डोज एवं दूसरे डोज एवं प्रीकॉशन डोज लेने वाले सहित अन्य जानकारियां निर्धारित फार्मेट में भरकर विभाग को उपलब्ध कराएंगी। पूरे दिन पोलियो एवं कोविड टीकाकरण से संबंधित सर्वे रिपोर्ट शाम में संबंधित पीएचसी में जमा करायी जायेगी। जिला कार्यक्रम प्रबंधक डॉ मुनाज़िम ने बताया कि अभियान के दौरान पांच साल तक के सभी बच्चों को पोलियो की दवा पिलाने का लक्ष्य है। कोई बच्चा इससे वंचित नहीं रहे इसके लिये जरूरी तैयारियां की गयी हैं।अधिक से अधिक बच्चों को इस अभियान से जोड़ने के लिये शहर व गांव के व्यस्त चौक-चौराहे, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन सहित भीड़-भाड़ वाले अन्य जगहों पर टीकाकरण दल की प्रतिनियुक्ति की गयी है। जो बाहर से आने-जाने वाले बच्चों को दवा पिलाने का काम करेंगे। जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ देवेन्द्र कुमार ने बताया कि पल्स पोलियो टीकाकरण अभियान के दौरान कोविड संक्रमण से बचाव का पूरा ध्यान रखा जाएगा। कर्मियों द्वारा दवा पिलाने के समय सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाएगा। स्वास्थ्य कर्मियों को पूरी तरह से मास्क व ग्लब्स का उपयोग करने के लिए निर्देशित किया गया है।