रात के अंधेरे मे महिलाओ को सेकनी पडती है रोटियाँ
लापरवाह विद्युत कर्मियो को उपभोक्ताओ की परेशानी से नही है कोई मतलब
गुड्डु कुमार सिंह :-गडहनी ग्रामीण क्षेत्रों को बिजली की रौशनी से चकाचौंध करने को लेकर गाँव गाँव तक बिजली पहुंचाई गई, घर घर तक कनेक्शन किया गया लोगो मे रौशनी की उम्मीद जगी सबने राहत की सांस ली कुछ दिनों तक सब कुछ ठीक-ठाक चलता रहा और एकाएक बिजली की आंख मिचौली, बिजली कटौती, लो वोल्टेज, हाई वोल्टेज, जैसी बीमारियाँ शुरू होने लगी और यह बिमारी कैन्सर जैसी घातक बनती गई।बिजली की समस्याओं से हर कोई परेशान नजर आ रहा है खासकर गर्मी के दिनों मे बिजली कटौती और लो वोल्टेज से।ग्रामीणों का कहना है कि बाजार से कोटा से किरासन तेल गायब हो गया ऐसे मे मोमबत्ती के सहारे घरेलू काम काज करना मजबूरी सा बन गया है।सबसे बडी बात तो यह है कि बिजली की समस्याओ को लेकर फोन करने पर कोई कर्मी फोन नही उठाता।बिना बिजली के किसी का काम भी नहीं होने वाला ऑफिस, दुकान, घर
में बिजली, बिजली हर जगह महत्वपूर्ण हो गई है।ऑफिस दुकान कंपनी में तो दिन के समय बिजली की आवश्यकता पड़ती है लेकिन घरों में बिना बिजली के दिन तो कट जाती है लेकिन रात गुजारना मुश्किल हो जाती है। उपभोक्ताओं का कहना है कि आखिर कब मिलेगी बिजली कटौती, लो वोल्टेज से निजात, कब होगी बिजली मे सुधार, कब मिलेगी बिजली की आंख मिचौली से छुटकारा।