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किशनगंज : प्रधानमंत्री मातृत्व योजना के तहत स्वास्थ्य संस्थानों में विशेष शिविर आयोजित

सुरक्षित मातृत्व व मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाना अभियान का उद्देश्य, गर्भवती माताओं की जरूरी स्वास्थ्य जांच के लिये चला अभियान

किशनगंज, 09 अक्टूबर (के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत सोमवार को जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में विशेष शिविर आयोजित किया गया। इसमें गर्भवती महिलाओं की जरूरी चिकित्सकीय जांच के साथ उन्हें जरूरी दवा व परामर्श नि:शुल्क उपलब्ध कराया गया। अभियान के तहत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, हेल्थ सब सेंटर सहित अन्य संस्थानों में विशेष इंतजाम किये गये थे। आशा, एएनएम व आंगनबाड़ी सेविका के माध्यम से संबंधित पोषक क्षेत्र में अभियान से पूर्व ही गर्भवती महिलाओं को चिह्नित किया गया था। ताकि शत प्रतिशत गर्भवती महिलाओं की जांच संभव हो सके। इसमें गर्भवती महिलाओं की जरूरी चिकित्सकीय जांच के साथ उन्हें जरूरी दवा व परामर्श नि:शुल्क उपलब्ध कराया गया। ताकि शत प्रतिशत गर्भवती महिलाओं की जांच संभव हो सके। सिविल सर्जन डा० कौशल किशोर ने बताया कि यह अभियान माह में दो दिन प्रत्येक 09 एवं 21 तारीख को किया जाता है। लेकिन इस माह 21 अक्टूबर को दुर्गा पूजा की छुट्टी होने के कारण 26 अक्टूबर को किये जाने का निर्देश राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डा० सरिता ने दिया है। सिविल सर्जन ने बताया कि सुरक्षित मातृत्व व जच्चा बच्चा की सुरक्षा के लिए प्रसव पूर्व चार जांच जरूरी है। जांच गर्भवती महिला व उनके गर्भस्थ शिशु के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए जरूरी है। इससे गर्भावस्था के दौरान होने वाले जोखिमों का आसानी से पता लगा कर इसे प्रबंधित किया जा सकता है। विभिन्न संक्रामक व जेनेटिक रोग से बच्चों की सुरक्षा के लिहाज से भी ये जरूरी है। इससे हाई रिस्क प्रेग्नेंसी को चिह्नित कर सुरक्षित व संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देना अभियान का मुख्य उद्देश्य है। बहादुरगंज प्रखंड के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा० रजिया सुल्ताना ने प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान कार्यक्रम के निरीक्षण के क्रम में बताया कि गर्भावस्था के दौरान मुख्य रूप से खून, रक्तचाप, एचआईवी संबंधी जांच जरूरी है। गर्भस्थ बच्चे की सही स्थिति, एनीमिया, एचआईवी सहित अन्य रोगों से बचाव ही नहीं, प्रसव संबंधी जटिल मामलों को चिह्नित करने के लिहाज से ये महत्वपूर्ण है। इसलिये सभी गर्भवती माताओं को गर्भधारण के तुरंत बाद, प्रथम तिमाही के दौरन प्रथम जांच की सलाह दी जाती है। इसके बाद गर्भावस्था के चौथे या छठे महीने में दूसरी, छठे या आठवें महीने में तीसरी व नौवें महीने में चौथी जांच करानी चाहिये। सदर अस्पताल में कार्यरत महिला चिकित्सा पदाधिकारी डा. शबनम यास्मिन ने बताया कि प्रसव अवधि के दौरान किसी भी प्रकार की परेशानी होने पर तुरंत जांच करानी चाहिए। दरअसल, समय पर जांच कराने से किसी भी प्रकार की परेशानी का शुरुआती दौर में ही पता चल जाता और पता लगने पर ही उसे आसानी से दूर किया जा सकता है। इससे प्रसव के दौरान गर्भवती महिलाओं को किसी प्रकार की अनावश्यक शारीरिक परेशानी का सामना नहीं करना पड़े। साथ ही सुरक्षित और सामान्य प्रसव को बढ़ावा देने के लिए  गर्भवती महिलाओं को प्रसव पूर्व 04 जांच कराना जरूरी है। महिलाओं की स्वास्थ्य जांच के लिए की गई यह व्यवस्था शिशु-मृत्यु दर में कमी लाने की बेहतर व्यवस्था है। सरकार की यह व्यवस्था मातृ और शिशु मृत्यु दर को कम करने की दिशा में अच्छी पहल है। इससे ना सिर्फ सुरक्षित प्रसव होगा, बल्कि शिशु-मृत्यु दर पर विराम लगेगा। इसके साथ ही जच्चा-बच्चा दोनों को अनावश्यक परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा। सभी गर्भवती महिलाओं को आयरन एवं कैल्सियम की गोली का उचित मात्रा में सेवन करना जरूरी है। तभी गर्भावस्था के दौरान महिलाओं व उनके गर्भस्थ बच्चे का उचित शारीरिक व मानसिक विकास होता है। सदर अस्पताल उपाधीक्षक डा० अनवर आलम ने बताया कि पीएमएसएमए अभियान के तहत हाई रिस्क प्रेग्नेंसी के मामले चिह्नित किये गये हैं। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिये विभिन्न स्तरों पर जरूरी प्रयास कर रहा है। इसमें जननी सुरक्षा योजना बेहद महत्वपूर्ण है। योजना के तहत सरकारी अस्पताल में प्रसव कराने पर ग्रामीण महिलाओं को 1400 रुपये व शहरी क्षेत्र की महिलाओं को 1000 रुपये प्रोत्साहन राशि के रूप में भुगतान किया जाता है। सुरक्षित प्रसव के लिये समय पर घर से अस्पताल व प्रसव के उपरांत घर पहुंचाने के लिये एंबुलेंस की सुविधा नि:शुल्क उपलब्ध करायी जाती  है।

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