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बिहार कैडर के भारतीय पुलिस सेवा के प्रशिक्षु पदाधिकारियों ने पुलिस महानिदेशक, बिहार से शिष्टाचार मुलाकात कर मार्गदर्शन प्राप्त किया।..

त्रिलोकी नाथ प्रसाद/ पटना स्थित सरदार पटेल भवन में बिहार कैडर के भारतीय पुलिस सेवा के 2021-22 बैच के प्रशिक्षु पदाधिकारियों ने पुलिस महानिदेशक, बिहार, श्री आलोक राज से शिष्टाचार मुलाकात की। इस अवसर पर अपर पुलिस महानिदेशक (मुख्यालय), बिहार, श्री जितेन्द्र सिंह गंगवार एवं पुलिस महानिरीक्षक (मुख्यालय), श्री विनय कुमार भी उपस्थित रहें। भारतीय पुलिस सेवा के ये प्रशिक्षु पदाधिकारी हैं- श्री मोहिबुल्लाह अंसारी, श्री कोटा किरण कुमार, श्री शैलेन्द्र सिंह, श्री अतुलेश झा, श्री अभिनव, सुश्री दिव्यांजली जयसवाल एवं श्री शिवम धाकड़। उल्लेखनीय है कि बिहार कैडर के प्रशिक्षु पुलिस पदाधिकारियों में श्री शैलेन्द्र सिंह एवं श्री अतुलेश झा मूल रूप से उत्तर प्रदेश के, श्री कोटा किरण कुमार तेलंगाना के, सुश्री दिव्यांजली जयसवाल छत्तीसगढ़ के, श्री शिवम धाकड़ मध्यप्रदेश के, सुश्री भावरे दिक्षा अरूण महाराष्ट्र के एवं श्री मोहिबुल्लाह अंसारी तथा श्री अभिनव बिहार के रहने वाले हैं।

सभी प्रशिक्षु पुलिस पदाधिकारियों ने राष्ट्रीय पुलिस अकादमी (NPA), हैदराबाद में 2nd

Phase की ट्रेनिंग पूरी करने के बाद आज सोमवार को बिहार पुलिस मुख्यालय में अपना योगदान दिया है। इसके पूर्व इन प्रशिक्षु पदाधिकारियों का 30 सप्ताह तक जिला व्यावहारिक प्रशिक्षण कराया गया था। इस दौरान वे 12 सप्ताह तक ग्रामीण थाने के स्वतंत्र प्रभार के रूप में भी रहें। अब उन्हें 6 दिवसीय प्रशिक्षण हेतु माननीय उच्च न्यायालय, पटना के साथ संबद्ध किया जा रहा है, जहां वे माननीय न्यायालय की कार्यप्रणाली से अवगत होंगे। साथ ही आपराधिक मामलों से जुड़े बेल एप्लीकेशन, अपील, रिट याचिका, काउंटर एफिडेविट सहित अन्य न्यायिक प्रक्रियाओं से रूबरू होंगे। अब ये सभी प्रशिक्षण के उपरांत शीघ्र ही स्वतंत्र रूप से अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी के रूप में कार्य करेंगे।

उक्त शिष्टाचार मुलाकात के क्रम में पुलिस महानिदेशक, बिहार ने इन प्रशिक्षु पदाधिकारियों को भविष्य की शुभकामनाएं देते हुए उन्हें effective, energetic रहने एवं integrity के साथ कार्य करने का सुझाव दिए। साथ ही बेहतर पुलिसिंग के लिए उन्होंने 6 ‘स’ के मूलमंत्र भी दिए। ये मूलमंत्र हैं- समय, सार्थक, संवेदनशील, शक्ति, सत्यनिष्ठा एवं स्पीडी ट्रायल। घटना के बाद रिस्पांस टाइम अर्थात समय जितना कम होगा, पुलिस की कार्रवाई उतनी अच्छी होगी। पुलिस की कार्रवाई सार्थक हो, जो नजर आए। पीड़ितों के प्रति पुलिस संवेदनशील हो। कानून की शक्ति से अपराधी डरे। पुलिस सत्यनिष्ठ हो तथा अपनी कार्रवाई के प्रति ईमानदार रहे। स्पीडी ट्रायल के माध्यम से अपराधियों को सजा दिलाएं।

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