अंधविश्वास ।…
पटना डेस्क:-प्रमाणित किया गया कि खुले में मलमूत्र त्यागने से गंदगी फैलती हैं लेकिन शौचालय में जो मलमूत्र त्यागा जाता हैं वह सीवेज के माध्यम से नदियों तालाबों को गंदा करता हैं, उसका क्या ?? मलमूत्र जब धरती में मिलता तो यूरिया व जैविक खाद के रूप में, उर्वरकता बढ़ाता था, यह हमारा विश्वास था, लेकिन आधुनिक विज्ञान व शिक्षा को सत्य मानकर, जब हमने शौचालय का उपयोग करके, जलस्त्रोतो को प्रदूषित किया, यह हमारा अंधविश्वास हैं। इतनी सी बात को समझना हैं कि सनातन जीवनशैली में अच्छा या बुरा, जो भी था, वह विज्ञान व विश्वास आधारित था और आधुनिक जीवनशैली में जो भी अच्छा या बुरा हैं, अधूरा विज्ञान व अंधविश्वास हैं। विश्वास के कोई दुष्परिणाम नहीं होते, लेकिन अंधविश्वास के दुष्परिणाम, प्रकृति प्रदूषण के रूप में हमारें सामने हैं। विजय सत्य की ही होगी।