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किशनगंज : मां चंद्रघंटा की पूजा और भक्ति करने से मिलती है आध्यात्मिक शक्ति।

पिण्डजप्रवरारूढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता। प्रसादं तनुते मह्यं चंद्रघण्टेति विश्रुता।।

किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, नवरात्रि का तीसरा दिन मां चंद्रघंटा को समर्पित होता है। इस दिन माता का यह स्वरूप हमें कोमलता के साथ-साथ आत्मविश्ववास भी देता है। घंटा ध्वनि मन में एक विश्वास जगाती है कि, आप में एक सकारात्मक शक्ति है। माता इसी सकारात्मक शक्ति का प्रतीक हैं और हम उपासना भी इसी सकारात्मकता के करते हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार दैत्यों और असुरों के साथ युद्ध में देवी ने घंटों की टंकार से असुरों का नाश कर दिया था। माता का तीसरा रूप मां चंद्रघंटा शेर पर सवार हैं। दस हाथों में कमल और कमडंल के अलावा अस्त-शस्त्र हैं। माथे पर बना आधा चांद इनकी पहचान है। इस अर्ध चांद की वजह के इन्हें चंद्रघंटा कहा जाता है। या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता..के जयकारे से शारदीय नवरात्र का माहौल भक्तिमय हो उठा है। शहर के प्रमुख दुर्गा मंदिरों में एवं कई पूजा पंडालों में कलश स्थापना एवं मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित कर पूजा-अर्चना शुरू हो गई है। बुधवार को मां दुर्गा के तृतीय स्वरूप मां चंद्रघंटा की पूजा विधि-विधान एवं वैदिक मंत्रोच्चार के साथ मां की पूजा-अर्चना की जा रही। नौ दिन का व्रत रखने वाले लोगों ने अपने घरों में शुभ मुहूर्त में कलश स्थापना की। नवरात्र में देवी मां के नौ रूपों की पूजा की जाएगी। तृतीय नवरात्र को मां चंद्रघंटा, चतुर्थ को कूष्माण्डा, पंचम को मां स्कन्दमाता, षष्ठ को मां कात्यायनी, सप्तम को मां कालरात्री, अष्टम को मां महागौरी, नवम को मां सिद्धिदात्री के पूजन का विधान है।ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि आदिशक्ति मां दुर्गा की उपासना का पवित्र मौका साल में चार बार आता है। दो गुप्त नवरात्रि के अलावा तीसरा चैत्र में वासंतिक नवरात्रि तथा चौथा कार्तिक माह में शारदीय नवरात्रि के नाम से जाना जाता है। इस बार शारदीय नवरात्र 26 सितंबर से शुरू हुआ है, जो 4 अक्टूबर तक चलेगा। हिन्दू धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व है। आदिशक्ति की उपासना करनेवाले साधकों के लिए मां दुर्गा उनका कष्ट दूर कर आत्मिक शांति का द्वार खोल देती हैं। गौरतलब हो कि किशनगंज शहर के प्रसिद्ध बड़ी कोठी दुर्गा मंदिर, शिव शक्तिधाम दुर्गा मंदिर लोहारपट्टी, मनोरंजन क्लब दुर्गा पूजा पंडाल, डे मार्केट दुर्गा स्थान, रेलवे कालोनी दुर्गा मंदिर, झूलन मंदिर दुर्गा स्थान, सुभाषपल्ली दुर्गा मंदिर, मिलनपल्ली दुर्गा मंदिर, पश्चिमपाली दुर्गा मंदिर, उत्तरपाली दुर्गा मंदिर, श्री विष्णु राधाकृष्ण हनुमान मंदिर, लक्ष्मीनारायण मंदिर, धर्मशाला रोड भगवती गोला शीतला मंदिर दुर्गा मंदिर, रुईधासा दुर्गा पूजा पंडाल, प्रेमपुल दुर्गा स्थान, हलीमचौक दुर्गा मंदिर, खगड़ा देव घाट दुर्गा मंदिर, माछमारा दुर्गा पूजा पंडाल, डुमरिया दुर्गा मंदिर, डुमरिया भट्टा दुर्गा स्थान, धरमगंज दुर्गा स्थान, दिलावरगंज दुर्गा मंदिर, फरिंगगोला दुर्गा मंदिर, टेउसा दुर्गा मंदिर, मोतिबाग काली मंदिर दुर्गा स्थान, ढेकसरा काली मंदिर दुर्गा स्थान, नेपालगढ़ दुर्गा मंदिर, तांती बस्ती दुर्गा मंदिर, तेघरिया शिव मंदिर दुर्गा स्थान, कसेरापट्टी दुर्गामंदिर, माधवनगर दुर्गा मंदिर, रमजान पुल शिव मंदिर दुर्गा पूजा पंडाल, अस्पताल रोड शीतला मंदिर दुर्गा पूजा स्थान आदि मंदिरों में मां दुर्गा की पूजा-अर्चना किया जा रहा है। वहीं शहर के रुईधाशा स्थित महाकाल मंदिर में भी मां की पूजा आराधना की जा रही है। इसे लेकर पूजा कमिटी के लोग सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। इस दौरान किशनगंज शहर के प्रसिद्ध बड़ी कोठी एवं अन्य दुर्गा मंदिरों में मां के दर्शन एवं पूजा-अर्चना के लिए भक्त मंदिर पहुंचने लगे हैं। इस दौरान बुधवार को शहर का माहौल भक्तिमय बना रहा। नव दिनों तक पूजा अर्चना से भक्ति की बयार बहेगी। मंदिरों एवं पूजा पंडालों के अलावे श्रद्धालु घरों में भी कलश स्थापित कर मां दुर्गा की पूजा आराधना कर रहे हैं। इधर पूजा अर्चना से जहाँ माहौल भक्तिमय बना हुआ है। वहीं शहर में चहल पहल शुरू हो गई है। पूजन सामग्री, मिठाई, फूल, फल आदि दुकानों पर लोगों की भीड़ जुट रही है। इसके अलावे कपड़ा दुकान पर भी लोग जुटने लगे हैं।

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