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किशनगंज : DM की अध्यक्षता में जिला स्तरीय परामर्शदात्री समिति, समीक्षा समिति व आरसेटी सलाहकार समिति की बैठक समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में की गई आहूत।

किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, जिला पदाधिकारी, डॉ आदित्य प्रकाश की अध्यक्षता में जिला स्तरीय परामर्शदात्री समिति, जिला स्तरीय समीक्षा समिति व जिला स्तरीय, आरसेटी सलाहकार समिति की बैठक समाहरणालय स्थित सभा कक्ष में आहूत की गई है। इस बैठक में पिछले बैठक की कार्यवाही की संपुष्टि, वित्तीय वर्ष 2020-21 की चतुर्थ तिमाही, मार्च 2021 तक वार्षिक साख योजना की उपलब्धियों की समीक्षा, साख जमा अनुपात (सीडी रेशिओ) समग्र गव्य विकास योजना के अंतर्गत वित्त पोषण की समीक्षा, स्वयं सहायता समूह (जीविका), मत्स्य पालन योजना, सामाजिक सुरक्षा योजना, मुद्रा योजना की उपलब्धि, किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसान क्रेडिट कार्ड, अन्य किसान क्रेडिट कार्ड, सरकार प्रायोजित योजनाओं (जीविका) प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना, मुद्रा योजना, स्टैंड अप इंडिया, आत्म निर्भर योजना, स्टार्ट अप इंडिया तथा बैंक सुरक्षा समेत अन्य कार्यों की प्रगति और उपलब्धि की समीक्षा की गई।ऋण वसूली से संबंधित समस्याओं और बैंको के स्तर पर लंबित कार्यों पर भी विस्तृत चर्चा हुई। समीक्षा के क्रम में सीडी अनुपात में पाया गया कि राज्य की प्रतिशतता की अपेक्षा जिला की उपलब्धि उच्च है तथा दूसरे रैंक पर है, एसीपी में भी राज्य में चौथा पायदान किशनगंज जिला का है, पूर्व के अपेक्षाकृत कार्य में संतोषजनक प्रगति परिलक्षित हुई। जिलाधिकारी ने निर्धारित अनुपात से कम सीडी अनुपात और एसीपी वाले बैंको को कार्य में सुधार लाने का निर्देश दिया।लगातार यूको बैंक का प्रदर्शन में सुधार नहीं होने पर सख़्त चेतावनी दी गई तथा लीड बैंक होने के नाते स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को वार्षिक साख योजना के लक्ष्य प्राप्ति हेतु कार्य में सुधार लाने का निर्देश दिया गया।डीएम ने अग्रणी जिला बैंक प्रबंधक समेत सभी बैंक समन्वयक को जन कल्याणकारी योजनाओं पर स्वयं गंभीर होकर लाभ दिलाने का निर्देश दिया गया। बैंको के प्रदर्शन में सुधार के निमित एलडीएम मनोज कुमार तिवारी को निर्देशित किया गया कि प्रखंड स्तर पर भी इस तरह की बैठक अर्थात् बीएलबीसी नियमित रूप से कराए और नियमित रूप से सभी बैंक क्रेडिट कैंप का आयोजन कराना सुनिश्चित करें। पिछले बैठक में दिए गए निर्देश के अनुपालन प्रतिवेदन की समीक्षा में ज्ञात हुआ कि लगभग सभी बैंक ने अपने कार्यों में सुधार लाया है,तथापि इसमें और भी प्रगति लाना अपेक्षित है। बैंको के द्वारा कार्यों में प्रगति लाने हेतु लगातार अनुश्रवण का निर्देश वरीय उप समाहर्ता (बैंकिंग) रंजीत कुमार को दिया गया। जीविका के अन्तर्गत स्वयं सहायता समूहों से प्राप्त आवेदन पर कार्रवाई की समीक्षोपरांत आवेदन पर नियमानुसार निर्णय लेकर त्वरित निष्पादन का निर्देश दिया गया। बैठक में जिलाधिकारी ने सभी बैंक को स्थानीय थाना,वरीय पुलिस पदाधिकारी का संपर्क संख्या प्रदर्शित करने, मुख्य द्वार पर सीसीटीवी कैमरा चालू रखने, समय समय पर बैंक मैनेजर द्वारा बैंक का मुआयना करने तथा बड़ी राशि के विथड्रावल करने पर थाना से निशुल्क सुरक्षा दिलवाने पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया। तत्पश्चात विभिन्न विभागों के द्वारा संचालित योजनाओ, रोजगार सृजन योजना, अनुदान, ऋण वितरण कार्य की समीक्षा की गई। इस बैठक में जिला मत्स्य पदाधिकारी अनुपस्थित पाए गए तथा जिला गव्य विकास पदाधिकारी स्वयं उपस्थित ना होकर ग़ैर जिम्मेदार कर्मी को बैठक में भेजे थे, जिसे डीएम ने गंभीरता से लेकर कारण-पृच्छा का निर्देश दिया और जिला मत्स्य पदाधिकारी से संतोषजनक जवाब प्राप्त होने तक एक दिन का वेतन स्थगित रखने का निर्देश दिया गया। डीएम ने गव्य विकास विभाग द्वारा पेंडिंग योजनाओं की समीक्षा के क्रम में बैंक के प्रतिनिधियों से कहा कि केसीसी ऋण देने में आपत्तियों का निराकरण सुगमता पूर्वक किया जाए। साथ ही, गव्य विकास पदाधिकारी के द्वारा लंबित केसीसी मामलो की ससमय सूचना नहीं देने पर नाराजगी व्यक्त किया। इस संबध में शिथिलता बरतने के विरुद्ध स्पष्टीकरण किया गया है। इसी प्रकार मत्स्य विभाग की समीक्षा में पाया गया कि कई मामले अकारण ही पेंडिंग है, जिसमे जिला मत्स्य पदाधिकारी के द्वारा गंभीरता से अनुश्रवण की आवश्यकता है।लापरवाही और शिथिलता हेतु स्पष्टीकरण किया गया है। डीएम ने बैंक प्रतिनिधि से कहा कि मत्स्य पालकों को ऋण देने पर विशेष ध्यान दिया जाए। छोटे-छोटे स्कीम के लिए लोन को अवश्य प्रोवाइड किया जाए। प्राथमिकता के आधार पर मत्स्य पालक को केसीसी का ऋण दिया जाए। जिला पदाधिकारी ने कहा कि जिला के विकास में बैंक की भूमिका महत्वपूर्ण है अतः अपनी भूमिका से विकासात्मक और कल्याण कार्यों को आगे बढ़ाया जा सकता है। डीएम ने कहा कि मुद्रा लोन एवं उद्योग विभाग से संचालित योजनाओं पर विशेष ध्यान दिया जाए। पीएमइजीपी योजना पर समीक्षा के क्रम में डीएम के द्वारा बेतिया मॉडल के अनुरूप रोजगार सृजन की संभावनाओं पर कार्य करने हेतु एलडीएम व महाप्रबंधक, उद्योग केंद्र को निर्देश दिया गया। उन्होंने कहा कि सरकार की अनेक कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही है, बैंक इन कल्याणकारी योजनाओं में सरकार द्वारा जो सब्सिडी दी जाती है उसको समय से निष्पादित करे। साथ ही, आरसेटी सलाहकार समिति के अन्तर्गत प्रशिक्षण कार्य की समीक्षा की गई। लक्ष्य अनुरूप प्रशिक्षण में संतोषजनक प्रगति पाई गयी।प्रशिक्षण उपरांत प्रशिक्षणार्थियों के नियोजन/सेटलमेंट पर विस्तृत चर्चा हुए और कार्य संतोषप्रद रहा।प्रभारी निदेशक, आरसेटी को निर्देशित किया गया कि प्रशिक्षुओं के लोन दिलवाने हेतु बैंक से समन्वय कर लंबित आवेदनों का निष्पादन कराए। उक्त बैठक में डीएम के अतिरिक्त डीडीसी, मनन राम, लाइन डिपार्टमेंट के संबंधित अधिकारी, एलडीएम, डीडीएम नाबार्ड, सभी बैंक समन्वयक व अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।

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