सहरसा के चिरैया और सलखुआ पुलिस का गुंडाराज, चिरैया थानाध्यक्ष ने दलित बस्तियों पर किया क्रूर हमला, भाकपा ने राज्य सरकार को दी कड़ी चेतावनी।
कुणाल कुमार/भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव रामनरेश पांडेय ने कल शाम सहरसा जिला के सलखुआ प्रखंड अंतर्गत दलित गांव भिड़खी पछियारी टोला में दारू खोजने के नाम पर चिरैया थानाध्यक्ष कर्मवीर सिंह द्वारा राक्षसी तांडव करने के खिलाफ गहरा आक्रोश व्यक्त किया है तथा ऐसे अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
राज्य सचिव ने कहा कि थानाध्यक्ष सिंह कल शाम करीब सात बजे दलित बस्ती भिड़खी पश्चिम टोला,थाना क्षेत्र चिरैया में देशी दारू खोजते गए। कुछ नहीं मिला तो गांव के एक महादलित जीतो सदा (उम्र 18 वर्ष,पे० राजकुमार सदा) से थानाध्यक्ष ने कहा कि तुम दारू पिए हो, और थप्पड़ तथा लाठी से मारने लगे। घर की महिलाएं चीत्कार कर कहने लगी कि अगर पिए है, तो थाना ले जाए। इस पर दरोगा को ताव चढ़ गया और पटक कर बुडी तरह से उस युवक की पिटाई करने लगा। इतने से भी जब थानाध्यक्ष धर्मवीर सिंह का मन नहीं भरा तो जीतो सदा को जमीन पर पटक कर बूट पहने उसकी छाती पर चढ़ कर दोमने लगा, इस से जीतो सदा के मुंह से तेज खून का फब्बारा फूट पड़ा।
तब तक सैकड़ों लोग जमा हो गए, जिनमें बड़ी संख्या में महिलाएं थीं। पुलिस की इस भयानक तांडव देख ग्रामीण अक्रोशित हो गए और पुलिस को सैकड़ों की भीड़ ने घेर लिया। क्रोधित लोगों ने मुक्का- लाठी से पुलिस पर हमला दिया तथा पुलिस गाड़ी के शीशे को तोड़ डाले। भाकपा नेता टुनटुन चौधरी भी एक किलोमीटर दूर अपने गांव (पूर्वी टोला) से घटना स्थल पर पंहुंचे और पुलिस को बचाने लगे। इस क्रम में उन्हें भी चोटें आईं। का० चौधरी ने करीब साढ़े आठ बजे रात राज्य पार्टी नेता का० ओमप्रकाश नारायण को इसकी सूचना दी, जिस पर इन्होंने चौधरी से पुलिस के लोगों को हरहाल में बचाने के लिए कहा और तुरंत अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी को रिंग किया। आरक्षी उपाआधीक्षक बात न होने पर पुलिस अधीक्षक को घटना की सूचना इन्होंने दी। एस० पी० ने का० ओमप्रकाश से पुलिस को बचाने का आग्रह किया, जिस पर इन्होंने कहा कि हमारे साथी पूरी क्षमता से खुद मार खा कर लोगों को शांत कर रहे हैं।
भाकपा सचिव का० पांडेय ने कहा कि घायल जीतो सदा को परिजन और पुलिस स्थानीय डॉक्टर ले यहां ले गए। लेकिन यहां के स्थानीय चिकित्सक ने स्थिति को देख मरीज को बाहर ले जाने कहा और प्राप्त सूचनानुसार जीतो सदा का खगड़िया में इलाज शुरू हुआ। लेकिन यहां से भी उसे मुजफ्फरपुर भेज दिया गया है इलाज के लिए।
ज्ञातव्य है की चिरैया थानाध्यक्ष धर्मवीर सिंह और सलखुआ थानाध्यक्ष विशाल कुमार पर पहले भी निरपराध लोगों से दारू के नाम पर घरों में घुस कर परिवार के सामने ही पिटाई करने और पैसा ले कर छोड़ने का आरोप लगता रहा है और अपने दलालों द्वारा लोगों को झूठे मुकदमे में फंसाने, पैसा उगाही कराने का भी आरोप है।
का० पांडेय ने कहा कि दोनों अधिकारियों के खिलाफ पार्टी नेता ओमप्रकाश, जिला मंत्री परमानंद ठाकुर आदि ने एस डी ओ, डी एम, डी एस पी, एस पी, डी आई जी को भी सप्रमाण लिखित शिकायत कर इन दोनों अधिकारियों के खिलाफ जांच कर उचित कार्रवाई की मांग करते रहे हैं। लेकिन कोई कार्रवाई न होने पर पार्टी ने आंदोलन की घोषणा की और 9 अगस्त को सलखुआ प्रखंड पर हजारों लोगों ने प्रदर्शन किया था। कोई कार्रवाई नहीं हुई, तो 17 सितंबर को सलखुआ एवं 28 सितंबर को जिला समाहरणालय पर लोग भूख हड़ताल पर बैठ गए।
का० पांडेय ने कहा कि सब को पता है कि बिहार में शराब पूर्ण प्रभावी नहीं हो रहा है। नेता, अधिकारी और रसूख तथा पैसे बालों के यहां छापामारी नहीं होती। सचिव ने कहा कि पुलिस और आवकारी वालों के लिए शराबबंदी बिहार में सोने का अंडा देने वाली मुर्गी बन गई है।
राज्य सचिव ने राज्य सरकार से इन दोनों अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए कहा है कि अगर यही अंधेरगर्दी इसी तरह जारी रही तो पार्टी इसे राज्यव्यारी आंदोलन का रूप देगी।