आम नागरिकों को उत्कृष्ट स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराना प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता; पदाधिकारीगण इसके प्रति सजग, तत्पर एवं प्रतिबद्ध रहेंः डीडीसी
त्रिलोकी नाथ प्रसाद –उप विकास आयुक्त, पटना श्री तनय सुल्तानिया ने कहा है कि आम नागरिकों को उत्कृष्ट स्वास्थ्य सुविधा उपलबध कराना प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। पदाधिकारीगण इसके प्रति सजग, तत्पर एवं प्रतिबद्ध रहें। वे आज समाहरणालय स्थित सभागार में स्वास्थ्य विभाग की जिला-स्तरीय समीक्षात्मक बैठक में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों, अस्पताल उपाधीक्षकों, स्वास्थ्य प्रबंधकों एवं अन्य को संबोधित कर रहे थे। उप विकास आयुक्त ने कहा कि हर एक स्वास्थ्य संस्थान में सभी प्रकार की आवश्यक दवाइयाँ उपलब्ध रहनी चाहिए। चिकित्सकों, पारामेडिक्स एवं अन्य कर्मियों की रोस्टर के अनुसार उपस्थिति हर हाल में सुनिश्चित की जाए। स्वास्थ्य संस्थानों में मरीजों के लिए एक्स-रे, पैथोलोजी एवं अन्य चिन्हित सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करें। इन मानकों पर कोताही बरतने वालों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
उप विकास आयुक्त ने कहा कि सुदृढ़, विश्वसनीय एवं गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा सुलभ कराने के लिए सभी स्वास्थ्य संस्थानों का सुचारू रूप से संचालन सुनिश्चित करें। इसमें किसी भी प्रकार की शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
आज के इस बैठक में उप विकास आयुक्त द्वारा मुख्य मानकों पर जिला की प्रगति का जायजा लिया गया। समीक्षा में पाया गया कि इंडिकेटर्स में प्रगति है। मई, 2024 तक ओपीडी 76.7 प्रतिशत, टोटल एएनसी 117.7 प्रतिशत, फर्स्ट एएनसी 70 प्रतिशत, फोर्थ एएनसी 62 प्रतिशत, 180 आईएफए वितरण 102 प्रतिशत, 360 कैल्सियम वितरण 101 प्रतिशत तथा एचबीएनसी आच्छादन 53.37 प्रतिशत है। उप विकास आयुक्त ने सभी चिकित्सा पदाधिकारियों को लक्ष्य के विरूद्ध उपलब्धि के लिए तत्पर रहने का निदेश दिया। उन्होंने कहा कि विभिन्न मानकों पर बॉटम-5 वाले प्रखंड/स्वास्थ्य संस्थान 10 दिनों में सुधार ले आएँ अन्यथा उनके विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि संस्थागत प्रसव में सुधार के लिए विशेष प्रयास करें। चार एएनसी बनाम प्रसव के आँकडों में कोई मिसमैच (विसंगति) नहीं रहनी चाहिए। दिशा-निदेशों के अनुसार ओपीडी परामर्श (ऑनलाईन) हेतु तत्पर रहने का निदेश दिया गया।
उप विकास आयुक्त ने सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को अपने-अपने प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों का मानकों के अनुसार संचालन सुनिश्चित करने का निदेश दिया। उन्होंने कहा कि जिला स्तर से भी नियमित अंतराल पर जाँच दलों के द्वारा सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों की जाँच करायी जाएगी। किसी भी तरह की अनियमितता पाये जाने पर दोषियों के विरूद्ध जिम्मेदारी निर्धारित करते हुए विधि-सम्मत कार्रवाई की जाएगी।
उप विकास आयुक्त ने सिविल सर्जन को कहा कि जिन प्रखंडों में प्रगति अच्छी नहीं हैं वहाँ प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में स्वयं जाकर समीक्षा करें तथा निर्धारित मानकों के अनुसार प्रगति लाना सुनिश्चित करें।
उप विकास आयुक्त ने कहा कि प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर सभी स्वास्थ्य संस्थानों (मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल सहित) में 27 जून से 31 जुलाई तक जनसंख्या स्थिरता माह आयोजित किया जाएगा। दिनांक 27 जून से 10 जुलाई तक “सामुदायिक उत्प्रेरण पखवाड़ा एवं दिनांक 11 जुलाई से 31 जुलाई तक “परिवार नियोजन सेवा पखवाड़ा” का आयोजन होगा। इसके अन्तर्गत पूरे ज़िला में जनसंख्या स्थिरीकरण के प्रति जागरूकता उत्पन्न करना, परिवार नियोजन कार्यक्रम अंतर्गत उपलब्ध सेवाओं की जानकारी आमजन तक पहुंचाना तथा योग्य दम्पतियों को इच्छित सेवा प्रदान कराना है। उप विकास आयुक्त द्वारा पदाधिकारियों को अंतर्विभागीय समन्वय स्थापित कर परिवार नियोजन सेवा पखवाड़ा का सफल आयोजन सुनिश्चित करने का निदेश दिया गया। गाँव-गाँव तक जागरूकता अभियान चलाने का निदेश दिया गया ।परिवार नियोजन के महत्व से जनता को अवगत कराने के लिए सारथी रथ और सास-बेटा-बहू सम्मेलन जैसी विभिन्न गतिविधियां आयोजित करने का निदेश दिया गया।
उप विकास आयुक्त ने डेंगू एवं चिकनगूनिया पर नियंत्रण के लिए गाँव-गाँव में जागरूकता अभियान चलाने तथा संवेदीकरण कार्यशाला आयोजित करने का निदेश दिया।