राज्य
बिहार के कृषि अर्थव्यवस्था में बागवानी की भूमिका अहम् है।
त्रिलोकी नाथ प्रसाद /राज्य के प्रमुख फल आम, लीची एवं केला बागवानी के फल सेक्टर को मजबूती प्रदान करता है। आम फल का हमारे जीवनशैली एवं संस्कृति से गहरा संबंध रहा है। आम फल आम लोगों के पोषण सुरक्षा, पारिवारिक आमदनी के स्रोत के साथ व्यापार का एक प्रमुख उत्पाद है।
सचिव, कृषि विभाग, बिहार श्री संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि दिनांक 22-23, जून, 2024 को पटना के ज्ञान भवन में राज्यस्तरीय आम महोत्सव, 2024 का आयोजन किया जा रहा है। माननीय कृषि मंत्री श्री मंगल पाण्डे की उपस्थिति में माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार अपने कर-कमलों से आम महोत्सव का उद्घाटन करेंगे।
सचिव, कृषि ने बताया कि महोत्सव को आकर्षक, ज्ञानवर्द्धक एवं मनोरंजक बनाने का हरसंभव प्रयास किया गया है।
राज्य के आम की विविधता के प्रदर्शन के लिए आम महोत्सव सैंकड़ों रंग-बिरंगे आम के साथ सज चुकी है। सचिव, कृषि ने बताया कि प्रदर्शनी में राज्य के विभिन्न जिलों के आम उत्पादकों एवं उद्यमियों द्वारा आम एवं इसके प्रसंस्कृत उत्पाद के प्रदर्शाें का प्रदर्शन किया जा रहा है। प्रदर्शनी में आम के अगात किस्मों, मध्यकालीन किस्मों, पिछात किस्मों, संकर किस्मों, रंगीन किस्मों, बीजू आम आदि के 4578 प्रदर्शाें को प्रदर्शित की गयी है। प्रदर्शनी में राज्य के कृषकों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया है, जो एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को दर्शाता है।
अगात किस्मों में जर्दालू, मिठुआ, गुलाब खास, सुर्ख वर्मा, सुन्दर प्रसाद, जरदा, बम्बई, रानी पसंद, गोपालभोग आदि के 1357 प्रदर्श प्रदर्शित किया गया है।
मध्यकालीन किस्मों में लंगड़ा (मालदा), हेमसागर, अमन इब्राहिमपुर, कृष्णभोग, अलफांसो, दशहरी, हुस्न-ए-आरा, खासुलखास, बेनजीर, आबेहयात आदि के 1367 प्रदर्श प्रदर्शित किया गया है।पिछात किस्मों में फजली, सुकूल, सीपिया, समरबहिस्त, चौसा, तैमूरिया, की 667 प्रदर्शाें को प्रदर्शित किया गया है।संकर किस्म में महमूद बहार, प्रभाशंकर, मल्लिका, आम्रपाली आदि के 586 प्रदर्शाें को प्रदर्शित किया गया है।बिहार राज्य में आम की प्रमुख किस्मों के साथ कुछ खास क्षेत्रों में आम के कुछ खास किस्म का उत्पादन होता है, जहाँ की मिट्टी एवं जलवायु आम के फल को एक विशेष पहचान दिलाती है।
बिहार के खास क्षेत्रों में आम की खास किस्म
क्र॰ सं॰
आम के प्रजाति
उत्पादन करने वाले जिले
1
जर्दालू
भागलपुर
2
जर्दा
पश्चिमी चम्पारण
3
कृष्णा भोग
मधुबनी
4
कलकतिया
दरभंगा
5
बंबइया
सीतामढ़ी
6
गुलाब खास
सुपौल
7
मालदह
मधेपुरा, कटिहार
8
दूधिया मालदह
पटना
9
चौसा
बक्सर
10
बथुआ
समस्तीपुर
11
चूरम्बा मालदह
मुंगेर
2. भागलपुर के जर्दालू को जी॰आई॰ टैग प्राप्त है – बिहार में उत्पादित आम के विभिन्न प्रजातियों में भागलपुर के जर्दालू को भारत सरकार द्वारा वर्ष 2018 में जी॰ आई॰ टैग प्रदान किया गया है, जो इस प्रभेद के लिए हमारी भौगोलिक अनुकूल परिस्थितियों को दर्शाती है।3. ज्ञान के साथ स्वाद का मजा:- स्कूल एवं कॉलेज के बच्चे राज्य में उत्पादित आम के विभिन्न किस्मों से रूबरू हो सकेंगे। आम खाओ प्रतियोगिता में आम का स्वाद भी चखेंगे।
4. आम को खास बनाने की पहल:- सचिव, कृषि ने बताया कि राज्य में 1.63 लाख हेक्टेयर में आम की बागवानी है एवं 15.76 लाख टन का उत्पादन होता है। आम की तुड़ाई की अवधि 4-5 महीने होती है। कम अवधि में अधिक उत्पादन होने के कारण बड़ी मात्रा में उत्पाद सड़ जाते हैं। फलतः उत्पादकों को राजस्व की क्षति होती है।
राज्य सरकार के द्वारा महोत्सव में कई बड़े निर्यातकों, प्रसंस्करणकर्ता, उद्यमियों को बुलाया गया है, जो सीधे उत्पादक किसान/किसान समूह से संवाद करेंगे एवं बिहार के आम को दूरस्थ एवं अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में पहुँचाने एवं प्रसंस्करण व्यवस्था की जायेगी।5. आम के बेहतर गुणवत्तापूर्ण उत्पादन के लिए तकनीकी सत्र:- महोत्सव के दौरान तकनीकी सत्र का आयोजन किया गया है, जिसमें राज्य के कृषि विश्वविद्यालयों के वैज्ञानिक कृषकों को आम के बेहतर उत्पादन की तकनीकी का ज्ञान देंगे एवं कृषकों की समस्या का उपाय बतायेंगे।
6. बच्चों के लिए महोत्सव है खास:- बच्चों के मनोरंजन के लिए ।त्ध्टत् एवं अन्य खेल, आम फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता, आम खाओ इनाम पाओ प्रतियोगिता आदि का आयोजन किया गया है।7. प्रदर्शनी के साथ बिक्री के लिए उपलब्ध रहेंगे कच्चा/पका आम, आम के कलमी पौधे, आम का अँचार, आम की कुल्फी अन्य स्वादिष्ट एवं अनूठा आम के उत्पाद। 8. अच्छे प्रदर्शन करने वाले कृषकों को दी जायेगी पुरस्कार – प्रतियोगिता के नौ वर्गाें में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले कृषकों को प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार के रूप में क्रमशः 5,000 रूपये, 4,000 रूपये एवं 3,000 रूपये के साथ प्रशस्ति-पत्र प्रदान की जायेगी। इसके साथ ही, राज्य के एक किसान को सभी वर्गाें में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने पर 10,000 रूपये की विशिष्ट पुरस्कार एवं आम शिरोमणि की उपाधि प्रदान की जायेगी।
सचिव, कृषि, बिहार ने बताया कि राज्य में बागवानी फसलों के विकास हेतु राज्य सरकार के द्वारा कई योजनाएँ संचालित की जा रही है, जिसमें राष्ट्रीय बागवानी मिशन, फल विकास योजना, क्लस्टर में फलों की खेती आदि। योजना के चयन में राज्य के क्षेत्रों की विविधता का ध्यान रखा गया है। क्लस्टर में फलों की खेती हेतु राज्य सरकार के द्वारा 1-2 लाख रूपये प्रति एकड़ सहायतानुदान का प्रावधान किया गया है, ताकि राज्य में विभिन्न फलों के उत्पादन को बढ़ाया जा सके एवं इसके बाजार की समुचित व्यवस्था किया जा सके। राज्य सरकार के द्वारा प्रसंस्करण इकाई, कोल्ड चेन विकास आदि हेतु सहायतानुदान प्रदान की जा रही है, ताकि कृषकों के उत्पाद को बेहतर मूल्य प्राप्त हो सके। सचिव, कृषि ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2021 में जर्दालू आम को लंदन, दुबई, बहरीन भेजा गया। अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में बिहार के आमों की किस्मों को खास पसन्द किया जाता है।