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किशनगंज : ग्रामीणों को हर तरह की स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना जनप्रतिनिधियों की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी: सिविल सर्जन

वार्ड सदस्यों के साथ स्वास्थ्य कार्यक्रमों की जागरूकता के लिए बैठक का आयोजन।किशनगंज, 08 मई (के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत के मुखिया किसी भी तरह के कार्यक्रम या आयोजनों में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। क्योंकि स्थानीय स्तर के ग्रामीणों की उम्मीदें एवं अपेक्षा उनसे जुड़ी हुई होती हैं। स्थानीय लोगों को स्वस्थ व सेहतमंद जिंदगी उपलब्ध कराना जनप्रतिनिधियों के महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों में से एक है। स्वास्थ्य के साथ-साथ सामाजिक क्षेत्रों में लोगों को जागरूक करने में जनप्रतिनिधियों की भी अहम भूमिका होती है, क्योंकि जनप्रतिनिधि समाज के अंतिम लोगों तक जुड़े होते हैं। इसलिए स्वास्थ्य सुविधाओं को लोगों तक पहुँचाने में सहूलियत होती है। लोगों को जागरूक करने में जनप्रतिनिधियों की भूमिका काफी मायने रखता है। इसी क्रम में जिले के ठाकुरगंज प्रखंड के बन्दरझुला पंचायत के पंचायत भवन में पंचायत के मुखिया मो० एकरामुल हक़ की अध्यक्षता में सोमवार को सभी वार्ड सदस्यों के साथ स्वास्थ्य कार्यक्रमों की जागरूकता के लिए बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें स्थानीय आशा, आंगनबाड़ी सेविका, एएनएम एवं यूनिसेफ के एजाज अहमद भी शामिल हुए। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अनिल कुमार ने बताया कि प्रखंड में संचालित हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, पंचायत स्तर उपलब्ध स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूती प्रदान करने का कार्य करता है। क्योंकि आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के सफल क्रियान्वयन में स्थानीय जनप्रतिनिधियों की भूमिका महत्वपूर्ण साबित हो रही है। पंचायत जनप्रतिनिधि ईमानदारी पूर्वक अपने कर्तव्यों का निवर्हन करें तो उनका पांच साल का कार्यकाल यादगार साबित हो सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि जनप्रतिनिधियों के उचित सहयोग के बिना स्वस्थ एवं समृद्ध ज़िले की कल्पना नहीं की जा सकती है। सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने कहा कि स्थानीय पंचायत जनप्रतिनिधि अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रों का नियमित रूप से निरीक्षण कर मूलभूत अधिकारों एवं समस्याओं का निराकरण करने में अपनी भूमिका निभा सकते हैं। वहीं स्थानीय स्तर पर कार्यरत सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) एवं अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को होने वाली समस्याओं से अवगत होने के बाद उसे दूर करने का प्रयास करें तो कई तरह की समस्याओं का समाधान संभव हो सकता है। ग्रामीण क्षेत्रों में जनप्रतिनिधियों की सजगता से सामुदायिक स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी में महत्वपूर्ण भागीदारी सुनिश्चित कर सकते हैं। मौजूद मुखिया ने सभी वार्ड सदस्यों से परिवार नियोजन को सुदृढ़ करने के साथ-साथ कोविड के बूस्टर डोज को बढ़ाने, गोल्डन कार्ड बनाने, नियमित टीकाकरण में सहयोग करने, प्रसव पूर्व जांच को सूचित करने में सहयोग, कृमि नाशक कार्यक्रम में सहयोग के साथ-साथ संचारी एवं गैर संचारी रोगों की रोकथाम, एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम में सहयोग तथा संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए अपील की। शिशु मृत्यु दर में कमी लाने को लेकर केंद्र सरकार व राज्य सरकार द्वारा लगातार अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान को बढ़ावा देने के लिए सभी जनप्रतिनिधि अपने आस पास जागरूकता फैला कर उनके परिवार के बीच संस्थागत प्रसव के फायदे, गर्भवती महिलाओं के खानपान, आयरन की गोली के महत्व, प्रसव उपरांत धात्री महिलाओं को बच्चों की देखभाल, स्तनपान के फायदे तथा सम्पूर्ण टीकाकरण के लिए लोगों को जागरूक कर रहे हैं ।वहीं उपस्थित सभी जनप्रतिनिधियों को कार्यक्रम में सरकारी स्वास्थ्य लाभ के बारे में जानकारी मिली। उन्होंने उस सुविधा को अपने पंचायत के लोगों तक पहुंचाने के लिए संकल्प लिया। उन्होंने बताया कि सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में बेहतर सुविधा मुहैया उपलब्ध कराई जा रही है। महिलाएं अब सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर पहुंचकर इलाज करवा रही हैं। उन्होंने बताया कि उनके द्वारा अपने पंचायत में गर्भवती महिलाओं के साथ-साथ धात्री महिलाओं को बेहतर देखभाल के लिए सलाह दी जा रही है। जनप्रतिनिधि, परिवार नियोजन को अपनाने एवं इसकी जानकारी को आगे बढ़ाने के लिए प्रसव उपरांत कॉपर टी अपना कर परिवार नियोजन को बढ़ावा देने के अलावा स्वास्थ्य संबंधी सलाह एवं शिकायत के लिए टोल फ्री नंबर 104 का प्रयोग करने सहित अन्य मुद्दों के संबंध में गर्भवती महिलाओं के साथ-साथ धात्री महिलाओं के साथ-साथ विस्तृत रूप से चर्चा कर रहे हैं।

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