देश की नारी शक्ति को वास्तविक रूप में पहचाना है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने – बीडी राम

*आलेख*
‘यत्र नार्यस्तु पूजयंते, रमंते तत्र देवता’
देश के यशस्वी प्रधानमंत्री आदरणीय नरेन्द्र मोदी जी ने नारी शक्ति एवं उसके महत्व को पहचानने का कार्य किया है और यही काल है कि नरेन्द्र मोदी सरकार ने अपने आठ साल के कार्यकाल में महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में कई कदम उठाया है और महिलाओं की आत्मनिर्भरता के लिए कई सौगात दी है। जन धन योजना से लेकर उज्जवला योजना तक महिलाओं को सशक्त कर रही हैं। तीन तलाक को खत्म करना महिला सशक्तिकरण की दिशा में क्रांतिकारी कदम माना जाता है।
केन्द्र सरकार महिलाओं के सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक उत्थान के लिए अनेक योजनाएं चला रही है। किन्तु बहुधा महिलाओं को इनके बारे में जानकारी नहीं हो पाती, ऐसे में तमाम महिलाएं इन योजनाओं का लाभ नहीं ले पा पाती हैं। इसी कारण सरकार ने एक नया कदम उठाया है, ताकि सभी महिलाओं को उनसे संबंधित योजनाओं की जानकारी मिल सके। उसके लिए नारी नामक एक पोर्टल बनवाया गया है। यह पोर्टल मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में ही बना था। तत्कालीन केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने 2 जनवरी, 2017 को नई दिल्ली में इसका शुभारंभ किया था। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की ओर से विकसित इस पोर्टल में केंद्र तथा राज्य सरकारों द्वारा चलायी जा रही योजनाओं की पूरी जानकारी दी गयी है। इस पोर्टल में महिलाओं के कल्याण के लिए 350 सरकारी योजनाओं से संबंधित तथा अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां उपलब्ध करायी गयी हैं, जिससे महिलाओं को लाभ होगा। सरकार महिलाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर है। विकट परिस्थितियों में महिलाओं की सहायता के लिए 168 जिलों में वन स्टॉप सेंटर उपलब्ध हैं। संकट के समय महिलाएं इन केन्द्रों में जाकर अपने लिए सहायता की मांग कर सकती हैं।
मोदी सरकार ने महिलाओं की प्रगति के लिए हर क्षेत्र का दरवाजा खोले रखा है। उनको उनकी प्रतिभा के अनुसार हर क्षेत्र में मौके दे रही है। कोई भी क्षेत्र ऐसा नहीं है, जहां महिलाओं ने अपनी उपस्थिति दर्ज न करायी हो। शिक्षा, खेलकूद, अंतरीक्ष, प्रशासनिक सेवा, व्यवसाय, रक्षा, विज्ञान, राजनीति आदि हर क्षेत्र में महिलाएं तेजी से आगे बढ़ रही हैं। भारतीय सेना में महिलाओं की अब दमदार उपस्थिति दर्ज हो रही है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी महिला सशक्तीकरण को लेकर प्रतिबद्ध हैं। वे मानते हैं कि महिलाओं की आत्मनिर्भरता से ही देश आत्मनिर्भर बनेगा। महिलाओं के सुदृढ़ होने से ही मानवता को बल मिलेगा तथा समाज मजबूत होगा। मोदी सरकार ने महिलाओं के विकास को ही नहीं, बल्कि महिलाओं में नेतृत्व क्षमता के विकास का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस सरकार ने महिलाओं को यह मौका दिया है कि वे अपनी शक्ति को समझें तथा अपने बल पर आगे बढ़ें। स्वयं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समय-समय पर महिलाओं को इसके लिए प्रोत्साहित करते हैं। दरअसल, वे महिलाओं की शक्ति को समझते हैं तथा उसे बाहर निकाल कर देश के विकास में महिलाओं का योगदान चाहते हैं।
हालांकि भारतीय संस्कृति में महिलाओं की भूमिका शुरू से ही रही है। कई महिलाओं ने अपनी क्षमता से हर क्षेत्र में प्रभावित किया है तथा देश को दिशा देने में अपनी भूमिका निभायी है। इस कारण भारतीय समाज के महिलाओं पर गर्व है। अब मोदी सरकार ने महिलाओं को स्वयं के संबंध में फैसले लेने के लिए प्रेरित किया है, ताकि नारी सशक्तिकरण का सही अर्थ सार्थक हो सके। नारी सशक्तिकरण में आर्थिक स्वतंत्रता की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। चाहे वो शोध से जुड़ी गतिविधियां हों या फिर शिक्षा क्षेत्र, महिलाएं काफी अच्छा काम कर रही हैं। कृषि के क्षेत्र में भी महिलाओं का महत्वपूर्ण योगदान है।
प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत पंजीयन में महिलाओं को प्राथमिकता दी जाती है। सरकार कन्या भ्रूण हत्या रोकने और महिला शिक्षा के लिए बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना चला रही है। इसके सकारात्मक परिणाम भी सामने आने लगे हैं। कामकाजी महिलाओं के लिए नया मातृत्व लाभ संशोधित अधिनियम 1 अप्रैल, 2017 से लागू कर दिया है। इसके अंतर्गत कामकाजी महिलाओं के लिए वैतनिक मातृत्व अवकाश की अवधि 12 सप्ताह से बढ़ाकर 26 सप्ताह कर दी गई है। साथ ही 50 या उससे अधिक कर्मचारियों वाले संस्थान में एक निश्चित दूरी पर क्रेच सुविधा उपलब्ध कराना भी अनिवार्य कर दिया गया है, ताकि महिलाएं अपने छोटे बच्चों को वहां छोड़ सकें। महिलाओं को मातृत्व अवकाश के समय घर से भी काम करने की छूट दी गयी है। सरकार गरीब परिवारों की महिलाओं को चूल्हे के धुएं से मुक्ति दिलाने और स्वच्छ ईंधन के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना चला रही है। इसके अंतर्गत गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों की महिलाओं को एलपीजी गैस कनेक्शन और चूल्हा निशुल्क प्रदान किया जाता है। सरकार, सुकन्या समृद्धि योजना के माध्यम से बालिकाओं के भविष्य को सुरक्षित करने का कार्य भी कर रही है। इस योजना के अंतर्गत जन्म से लेकर 10 साल तक की कन्याओं के खाते डाकघर में खोले जाते हैं। इन खातों में जमा राशि पर 8.1 प्रतिशत की दर से वार्षिक ब्याज देने का प्रावधान है। बेटियों की शिक्षा और समृद्धि की यह योजना अभिभावकों के लिए वरदान सिद्ध हो रही है।
इतना ही नहीं, सरकार ने स्टैंड-अप इंडिया के अंतर्गत अपना व्यवसाय प्रारंभ करने के लिए एक महिला को 10 लाख से लेकर 1 करोड़ रुपए तक का ऋण उपलब्ध कराने का नियम भी बनाया है। हर बैंक शाखा को महिलाओं को ऋण देना होगा। प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के अंतर्गत महिलाओं को रोजगार योग्य बनाने के लिए 11 लाख से अधिक महिलाओं को अलग-अलग तरह के कौशल में प्रशिक्षित किया गया है। सरकार महिलाओं को यौन उत्पीड़न से बचाने के लिए भी कार्य कर रही है।
महिला सुरक्षा की दिशा में कई कदम सरकार ने उठाया है। यदि हम मोदी सरकार के आठ वर्षों की प्रगति रिपोर्ट पर नजर डालें, तो महिलाओं से जुड़ी कई नयी योजनाएं बनायी गयी हैं, जिसका सीधा लाभ समाज को मिल रहा है। महिला सशक्तिकरण की दिशा में यह बड़ा कदम है। मोदी सरकार का यह कदम आधी आबादी को बराबरी का दर्जा दिलाने के प्रति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रतिबद्धता को सिद्ध करता है।
*विष्णु दयाल राम*
*सांसद पलामू*