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प्रमंडलीय आयुक्त द्वारा प्रमंडल के सभी जिलों के राजस्व मामलों में प्रगति की समीक्षा की गई

त्रिलोकी नाथ प्रसाद/भूमि विवाद, भू-अर्जन सहित राजस्व से संबंधित सभी मामलों को उच्च प्राथमिकता के आधार पर निष्पादित करने का आयुक्त ने दिया निदेश

आयुक्त, पटना प्रमंडल, पटना श्री मयंक वरवड़े ने पदाधिकारियों को भूमि विवाद, भू-अर्जन सहित सभी राजस्व मामलों को उच्च प्राथमिकता के आधार पर निष्पादित करने का निदेश दिया है। वे आज आयुक्त कार्यालय स्थित अपने कार्यालय कक्ष में आयोजित राजस्व विभाग की प्रमंडल-स्तरीय समीक्षात्मक बैठक में पदाधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। इसमें प्रमंडल अन्तर्गत छः जिलों-पटना, नालन्दा, भोजपुर, बक्सर, रोहतास एवं कैमूर के जिला पदाधिकारी, अपर समाहर्त्ता, राजस्व एवं भूमि सुधार उप समाहर्त्ता एवं नीलाम पत्र पदाधिकारीगण वीडियो-कॉन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से जुड़े हुए थे। आयुक्त श्री मयंक वरवड़े ने अधिकारियों को नीलाम पत्र वादों का त्वरित गति से निष्पादन करने का निदेश दिया। उन्होंने जिलाधिकारियों को विगत माह में नीलाम पत्र वाद के निष्पादन में ख़राब प्रदर्शन करने वाले पदाधिकारियों को चिन्हित कर उनकी नियमित समीक्षा करने तथा कार्रवाई करने का निदेश दिया। दाखिल-खारिज, परिमार्जन, भू-अर्जन तथा अतिक्रमणवाद के मामलों को तत्परता से निस्तारण करने का निदेश दिया गया। आयुक्त ने सभी मामलों को चरणबद्ध तरीके से निश्चित समयावधि में गुणवत्तापूर्ण तरीके से निष्पादित करने का निदेश दिया। राजस्व से संबंधित अधिकारियों को राजस्व न्यायालयों को प्रावधानों के अनुसार नियमित तौर पर लगाने का निर्देश दिया गया।

आयुक्त ने सभी समाहर्ताओं को भू-अर्जन के महत्वपूर्ण मामलों की समीक्षा अपने स्तर से करने का निदेश दिया। अतिक्रमणमुक्ति अभियान का विशेष रूप से अनुश्रवण करने का निदेश दिया गया। उन्होंने निदेश दिया कि सरकारी ज़मीन पर अतिक्रमण करने वालों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करते हुए सरकारी जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराया जाय।

आयुक्त द्वारा सभी छः जिलों में नीलाम पत्र वाद में प्रगति की समीक्षा की गई तथा अद्यतन स्थिति का जायजा लिया गया। उन्होंने कहा कि नीलाम पत्र वादों में सरकार के विभिन्न विभागों, बैंकों तथा अन्य एजेंसियों की बड़ी राशि निहित है। यह चिंताजनक है। प्रमंडलीय आयुक्त ने सभी समाहर्त्ताओं को निदेश दिया कि अपर समाहर्त्ता के स्तर के अपने-अपने जिला में नीलाम पत्र के वरीय नोडल पदाधिकारियों/नोडल पदाधिकारियों को नीलाम पत्र वादों में प्रगति लाने के लिए निदेशित करें एवं वादों के निष्पादन में प्रगति की स्वयं नियमित समीक्षा करें। विभिन्न सरकारी विभागों, राष्ट्रीय बैंकों, सहकारी बैंकों एवं सरकारी लोक उपक्रमों के लंबित नीलाम पत्र वादों का तेजी से निपटारा कराएँ। कार्य में तेजी लाने के लिए नीलाम पत्र वादों का शत-प्रतिशत कम्प्यूटरायजेशन सुनिश्चित रखें। विभागवार एवं बैंकवार सन्निहित राशि का विवरण संधारित रखें एवं तदनुसार कार्रवाई करें। बैंक के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करें। जिले में पदस्थापित पदाधिकारियों में सर्टिफिकेट वादों का विवेक-सम्यक समानुपातिक रूप से वितरण करें ताकि उसका निष्पादन त्वरित गति से हो सके। आवश्यकतानुसार नीलाम पत्र वाद के कोर्ट की संख्या बढ़ाने हेतु अन्य पदाधिकारियों को कार्यहित में नीलाम पत्र पदाधिकारी की शक्ति प्रदान करने के लिए प्रस्ताव दें।

आयुक्त ने पदाधिकारियों को बीस बड़े बकाएदारों तथा बीस सबसे पुराने मामलों को प्राथमिकता के आधार पर विशेष रूचि लेते हुए शीघ्र निष्पादित करने का निदेश दिया।

प्रमंडलीय आयुक्त द्वारा नीलाम पत्र की शक्ति प्राप्त पदाधिकारियों को सप्ताह में कम-से-कम दो दिन निश्चित रूप से कोर्ट कर वादों का तीव्र गति से नियमानुसार निष्पादन करने का निदेश दिया गया। उन्होंने कहा कि पुराने वादों में नोटिस भेजने के पश्चात भी देनदार द्वारा राशि जमा नहीं किए जाने पर राजस्व की वसूली हेतु बॉडी वारंट एवं डिस्ट्रेस वारंट निर्गत किया जाए। वारंट का विधिवत तामिला कराया जाए। स्थानीय थाना का सहयोग लिया जाए। बॉडी वारंट तथा डिस्ट्रेस वारंट लंबित नहीं रहना चाहिए। बकायेदारों से राशि की शत-प्रतिशत वसूली की जाए।

प्रमंडलीय आयुक्त ने कहा कि उनके स्तर से प्रमंडल अन्तर्गत सभी जिलों में नीलाम पत्र वादों के निष्पादन में प्रगति की नियमित समीक्षा की जा रही है। निष्पादन में किसी भी प्रकार की शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि इन वादों का ससमय निष्पादन प्रशासनिक व्यवस्था की संवेदनशीलता एवं कार्य क्षमता बढ़ाने के लिए आवश्यक है। संबंधित पदाधिकारीगण इसके प्रति सजग, तत्पर एवं प्रतिबद्ध रहें।

 

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